पीक आवर्स में सुबह और शाम ‘जाम ही जाम’: दीपावली की खरीदारी के बीच रोड मेन्टिनेंस कर रहा कोढ़ में खाज का काम

एक भी ट्रेफिक सिग्नल नहीं जिस पर वाहनों की लम्बी कतार ना लगे, यातायात पुलिस के सारे इंतजाम हो रहे फेल

पीक आवर्स में सुबह और शाम ‘जाम ही जाम’: दीपावली की खरीदारी के बीच रोड मेन्टिनेंस कर रहा कोढ़ में खाज का काम

शहर का एक भी ट्रेफिक सिग्नल ऐसा नहीं है, जिसे एक बार में ही वाहन चालक क्रॉस कर लें।

जयपुर। दीपावली के अवसर पर सभी जन की खरीदारी के लिए उमड़ रही भीड़ के कारण शहर की हर रोड जाम के हवाले हो रही है। जाम के कारण आमजन को अपने घर से निकलने और पहुंचने में एक से तीन घंटे का अतिरिक्त समय लग रहा है। पीक आवर्स में तो हालात बद से बदतर हो जाते हैं। शहर का एक भी ट्रेफिक सिग्नल ऐसा नहीं है, जिसे एक बार में ही वाहन चालक क्रॉस कर लें।

इसके अलावा यदि जाम के कारण एलीवेटेड रोड पर वाहन चालक फंस जाएं तो वह ना तो इधर का रहता है और ना ही उधर का रहता है। जाम से निजात दिलाने में यातायात पुलिस के इंतजाम नाकाम साबित हो रहे हैं। शहर में बढ़ते वाहनों के अलावा हाल में चल रहे रोड मेन्टेनेंस कोढ़ में खाज का काम कर रहा है। दीपावली के अवसर पर एक तरफ बढ़ते वाहनों के दबाव और दूसरी और सड़क मेन्टेनेंस लोगों को परेशान कर रहा है। जाम के कारण वाहन रेंग-रेंग कर चलते हैं, जिससे जाम के हालात बनते हैं। लोगों का समय के साथ-साथ फ्यूल भी ज्यादा खर्च हो रहा है।

क्या है पीक आवर्स
यातायात पुलिस सरकारी और प्राइवेट ऑफिस के आने व जाने के समय को पीक आवर्स मानती है। सुबह 9 बजे से लेकर साढ़े 11 बजे तक और शाम को साढ़े पांच बजे से साढ़े सात बजे तक के समय को पीक आवर्स माना जाता है। 

परकोटे समेत शहर के बाहर भी हालात खराब
शहर के बाहरी रास्तों जगतपुरा से गांधी नगर, टोंक रोड, सीकर रोड पर हालात बदतर हैं। वहीं परकोटे में मुख्य रूप से छोटी चौपड़, बड़ी चौपड़, चांदपोल, जौहरी बाजार, त्रेिपोलिया बाजार, गणगौरी बाजार में हर वाहन चालक के साथ-साथ पैदल राहगीरों के लिए मुश्किलें पैदा होती जा रही हैं। परकोटे में सैकड़ों की संख्या में चल रहे ई-रिक्शा जाम के मुख्य कारण बनते जा रहे हैं।

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वहीं अवैध अतिक्रमण और ठेले बड़ी मुसीबत बन रहे हैं। परकोटे के बाजार अवैध अतिक्रमण से अटे पड़े हैं। मुख्य सड़कों पर दुकानदार सामान रखकर दस से पन्द्रेह फीट सड़क को घेर लेते हैं। इसके अलावा कई बार यदि एक भी गाड़ी मुख्य सड़क पर नो-पार्किंग में पार्क कर दी जाती है तो जाम के हालात बन जाते हैं। बिना मंजूरी के लग रहे अनगिनत ठेले भी जाम को लगाने के मुख्य कारक हैं।

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