जेकेके में लोकमाता अहिल्या बाई नाटक का मंचन, विभिन्न पहलुओं को दर्शाने का किया गया प्रयास
नाटक की कहानी उमेश चौरसिया ने लिखी
जवाहर कला केंद्र के रंगायन सभागार में शनिवार को गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर लोकमाता अहिल्या बाई नाटक का मंचन किया गया
जयपुर। जवाहर कला केंद्र के रंगायन सभागार में शनिवार को गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर लोकमाता अहिल्या बाई नाटक का मंचन किया गया। स्वाति अरु-अजयकरण के निर्देशन में हुए नाटक की कहानी उमेश चौरसिया ने लिखी है, जिसकी मंच परिकल्पना शिव प्रसाद तूमू ने की। नाटक में कलाकारों ने प्रदर्शित किया कि कैसे अहिल्या बाई होलकर ने कम उम्र में पति, ससुर और पुत्र को खोने के बाद भी अपने साहस और धैर्य से जीवन और शासन की बागडोर को संभाले रखा। उनकी प्रत्येक चुनौती का सामना करने की ताकत और न्यायप्रियता ने दर्शकों को भावविभोर कर दिया।
निर्देशक स्वाति अरु-अजयकरण ने बताया कि इस नाट्य प्रस्तुति के माध्यम से लोकमाता अहिल्या बाई के जीवन के विभिन्न पहलुओं को दर्शाने का प्रयास किया गया, जिनके बारे में बहुत कम लोगों को जानकारी है। कलाकारों ने यह दर्शाया कि अहिल्या बाई ने किस प्रकार सुख सुविधाओं का त्याग कर अपना जीवन आमजन के प्रति समर्पित कर दिया।
Comment List