खानापूर्ति का काम: टूटी सड़कों पर नगर निगम लगा रहा पैबन्द
शहर में उच्च क्वालिटी वाली सड़कों की मानसून ने खोली पोल
शहर में उच्च क्वालिटी सड़कों की मानसून के दौरान पोल खुलकर सामने आ गई और सड़कों पर जगह-जगह गड्ढे होने के साथ ही लालकोठी, मुहाना मंडी के पास सहित कई स्थानों पर सड़कें धंस गई और उसमें कारें तक समा गई थी।
जयपुर। मानसून के दौरान सड़कों के क्षतिग्रस्त होने की कहानी हर बार की तरह इस बार भी देखने की मिल रही है। बारिश ने सड़कों को छलनी कर दिया है। आमजन को राहत देने के नाम पर नगर निगम जयपुर हेरिटेज क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत के नाम पर मरहम लगाने में लगा हुआ है। शहर में उच्च क्वालिटी सड़कों की मानसून के दौरान पोल खुलकर सामने आ गई और सड़कों पर जगह-जगह गड्ढे होने के साथ ही लालकोठी, मुहाना मंडी के पास सहित कई स्थानों पर सड़कें धंस गई और उसमें कारें तक समा गई थी। इसके अलावा मानसरोवर, प्रताप नगर, सांगानेर, दादी का फाटक, सिविल लाइन, बाइस गोदाम, जगतपुरा, पृथ्वीराज नगर, शास्त्री नगर सहित शहर के विभिन्न इलाकों में सड़कें गड्ढे मे तब्दील हो गई। अब नगर निगम जयपुर ग्रेटर, हेरिटेज प्र्रशासन क्षतिग्रस्त सड़कों के गड्ढे भरने के दावे कर रहा है, लेकिन इसमें भी प्रशासन की खामियां सामने आ रही है। दोनों ही निगम प्रशासन सड़कों पर बड़े गड्डों में ठंडी डामर, मिट्टी के कट्टों के साथ ही मोरम डालकर खानापूर्ति कर रहा है। जिससे वाहन चालकों को केवल राहत के छींटे मिल रहे हैं। ऐसे स्थानों पर वाहन चालकों को अधिक परेशानी होती है जहां रोड लाइट भी बंद रहती है और अंधेरे में वाहन चालक दुर्घटनाग्रस्त हो रहे हैं।
मरम्मत के नाम पर खानापूर्ति
निगम ग्रेटर महापौर डॉ. सौम्या गुर्जर ने क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत के लिए अधिकारियों को अलर्ट मोड़ पर रहने निर्देश दिए हैं, लेकिन अभी तक क्षतिग्रस्त सड़कों के 311 गड्ढे भरे गए हैं। वहीं निगम हेरिटेज आयुक्त डॉ. निधि पटेल ने बताया कि सड़कों की मरम्मत के लिए युद्धस्तर पर तैयारियां की जा रही है और अभी तक करीब पांच सौ गड्ढे भर दिए गए हैं।
सीएम-डिप्टी सीएम के विस क्षेत्रों में हालात बद से बदतर: खाचरियावास
शहर की खस्ताहाल सड़कों को लेकर पूर्व मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा की राजधानी के सांगानेर, विद्याधरनगर और झोटवाड़ा विधानसभा क्षेत्र के साथ ही पूरे जयपुर में हर गली मोहल्ले में सिर्फ गड्ढे नजर आ रहे हैं। जो सड़के चार महीने पहले बनी थी उन सड़कों पर भी इतने गड्ढे हैं कि सड़क ही नजर ही नहीं आती। जनता की सुनने वाला कोई नहीं है। जनता मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री और विधायकों से उम्मीद कर रही है कि वहां उनकी सुध ली जाएंगी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं करता। उन्होंने कहा कि जिन लोगों को जनता ने चुनकर भेजा वो दाल बाटी चूरमा की गोठ करके शाम को पार्टियां करने में ज्यादा व्यस्त नजर आते हैं।

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