वन क्षेत्रों में जीवों के लिए प्रे-बेस बढ़ाने की जरूरत : ताकि बघेरे सहित अन्य वन्यजीव के शहरों की ओर ना करें रुख
925 बघेरे जंगल में भोजन-पानी मिले तो कम होगा इंसानी बस्ती की ओर आना
वन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार साल 2024 में वाटर हॉल पद्धति से की गई वन्यजीव गणना में प्रदेश में बघेरों की संख्या 925 बताई गई।
जयपुर। प्रदेश के वन क्षेत्रों से आए दिन बघेरे सहित अन्य वन्यजीवों के आबादी क्षेत्र में घुसपैठ करने की खबरें आती रहती हैं। इससे इंसान और वन्यजीव दोनों की जान को खतरा उत्पन्न हो जाता है। प्रदेश के जयपुर, भीलवाड़ा, उदयपुर सहित अन्य जिलों से आए दिन बघेरे के इंसानी बस्ती की ओर रूख करने की जानकारी सामने आती रहती हैं। इन स्थितियों को देखते हुए वन्यजीव विशेषज्ञों का मानना है कि अगर जंगल में बघेरों के लिए प्रे-बेस की माकूल व्यवस्था तो इनका आबादी क्षेत्र की ओर आना कम हो सकता है। उनका कहना है कि सरकार की ओर से इस समस्या से समाधान के लिए उपाय भी किए जाने चाहिए। ताकि मानव और वन्यजीव के बीच आए दिन होने वाले संघर्षों को बचाया जा सके। वन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार साल 2024 में वाटर हॉल पद्धति से की गई वन्यजीव गणना में प्रदेश में बघेरों की संख्या 925 बताई गई।
प्रे-बेस अच्छा हो तो बाहर आने की घटनाएं हो सकती है कम
अक्सर देखने को मिलती है कि प्रदेश के कई वन क्षेत्रों में वन्यजीवों के लिए प्रोपर प्रे-बेस नहीं मिल हैं जिससे वे जंगल से बाहर की ओर रूख करते हैं। वन्यजीव विशेषज्ञों का मानना है कि बघेरों सहित अन्य वन्यजीवों के लिए वहां भोजन-पानी की व्यवस्थाओं के लिए और अधिक काम करने की जरूरत हैं। क्योंकि इनके लिए पहली जरूरत यही चीजें हैं।
वन्यजीव दिखने पर शोर ना करें
वन विभाग के अधिकारियों के अनुसार बघेरे सहित अन्य वन्यजीवों के वन क्षेत्र से आबादी क्षेत्र में आने की सूचना पर उन्हें ट्रेंकुलाइज कर रेस्क्यू के बाद पुन: वन क्षेत्रों में छोड़ दिया जाता है। उनका कहना है कि जब भी बघेरे या अन्य वन्यजीव मानव बस्ती की ओर आए तो उन्हें छेड़े या शोर ना करें क्योंकि इससे ये वन्यजीव अपनी जान को खतरा समझकर हमला कर देते हैं।
इनका कहना...
इसके लिए कार्य किए जा रहे हैं। साथ ही अधिकारियों को निर्देश भी दिए गए हैं।
-संजय शर्मा, वन मंत्री
जंगल में खासकर बघेरों के लिए अच्छा प्रे-बेस होना चाहिए। इनकी कमी के चलते ये शहर की ओर रूख कर कुत्तों का शिकार करते हैं। इस बीच कभी-कभार लोगों पर भी हमला कर देते हैं। इसलिए जंगल जितना अच्छा रहेगा, इन्हें शिकार के लिए बाहर नहीं आना पड़ेगा।
-धीरज कपूर, वन्यजीव प्रेमी
प्रचुर मात्रा में प्रे-बेस की अच्छी सुविधा हो तो उनका आबादी क्षेत्र की ओर रूख करना कम हो सकता है। वन विभाग की ओर से जंगलों में समय समय पर पेट्रोलिंग, ट्रैकिंग करने की जरूरत है। ताकि इनके शहरों में निकलने की घटनाओं को कम किया जा सके।
-दिनेश दुर्रानी, वन्यजीव विशेषज्ञ
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