अब रोड पर नहीं होगा बीआरटीएस कॉरीडोर, जेडीए ने हटाने का काम किया शुरू
करीब दो से तीन माह में पूरा कर दिया जाएगा
डीए ने वर्ष 2007 में सीकर रोड पर 7.1 किमी में से 6.4 किमी लंबाई में बीआरटीएस कॉरीडोर का काम शुरू किया था।
जयपुर। शहरी यातायात को सुविधाजनक बनाने के लिए करीब 15 साल पूर्व जवाहर लाल नेहरू नेशनल अरबन रिन्युअल मिशन (जेएनएनयूआरएम) के तहत मानसरोवर, सीकर रोड में बनाए गए बस रेपिड ट्राजिट सिस्टम (बीआरटीएस) कॉरिडोर को हटाने का जेडीए ने शुरू कर दिया। जेडीए ने पहले फेज में सीकर रोड स्थित बीआरटीएस कॉरीडोर से हटाना शुरू कर दिया है और उसके बाद मानसरोवर न्यू सांगानेर रोड स्थित बीआरटीएच कॉरीडोर को हटाने का काम शुरू किया जाएगा।
करीब 71 करोड़ की लागत से तैयार किए गए
जेडीए ने वर्ष 2007 में सीकर रोड पर 7.1 किमी में से 6.4 किमी लंबाई में बीआरटीएस कॉरीडोर का काम शुरू किया था। करीब 71 करोड़ की लागत से तैयार किए गए इस कॉरीडोर में वर्ष 2010 से बसों का संचालन शुरू कर दिया गया था। जेडीए के एक्सईएन अमृत चौधरी ने बताया कि बीआरटीएस कॉरीडोर को हटाने का काम शुरू कर दिया गया है और करीब दो से तीन माह में पूरा कर दिया जाएगा। इसमें कॉरीडोर को हटाने के बाद मीडियन एवं रोड बनाने का काम किया जाएगा। गौरतलब है कि जेडीए ट्रेफिक कंट्रोल की जून 2024 में आयोजित बैठक में बीआरटीएस को हटाने व ट्रैफिक संचालन के लिए कॉरिडोर की स्टडी कराने का निर्णय लिया गया था। इसके बाद जेडीए ने इसका प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजा था और राज्य सरकार से सहमति के बाद इसे हटाने का काम शुरू किया जा रहा है। इससे पूर्व दिल्ली एवं भोपाल में भी बीआरटीएस हटाने से पूर्व भी इसी तरह स्टडी कराई थी और बीआरटीएस कॉरिडोर हटाने का निर्णय लिया था।
170 करोड़ की लागत से बनाया था बीआरटीएस कॉरिडोर
बीआरटीएस कॉरिडोर से सार्वजनिक परिवहन सेवा की बसों का संचालन कर आमजन को सुविधा उपलब्ध कराने के लिए जेएनएनयूआरएम के तहत 170 करोड़ की लागत से वर्ष 2007 में करीब 16 किलोमीटर का बीआरटीएस कॉरिडोर न्यू सांगानेर एवं सीकर रोड पर किया गया था। इसमें न्यू सांगानेर रोड पर करीब 9 किमी व सीकर रोड पर 7.1 किमी लंबाई में कॉरिडोर बनाया गया था। कॉरिडोर बनने के बाद भी सड़क दुर्घटनाओं में कमी नहीं आई तो इसके निर्माण पर सवाल उठे थे। जनवरी 2020 में केन्द्रीय सड़क अनुसंधान संस्थान ने कॉरिडोर हटाने का फैसला किया था, लेकिन इस पर आगे कार्रवाई नहीं हो पाई थी। अब दुबारा सीआरआरआई कॉरिडोर का सर्वे करवाकर इस पर कार्रवाई शुरू की गई है।

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