इरकॉन के एक अफसर ने सही और दूसरे ने बताया फर्जी, जांच शुरू
केरल ऑफिस में जांच पड़ताल को पहुंचे
प्रमाण पत्र के इरकॉन इंटरनेशनल के 7 जून को फर्जी करार दिए जाने के बाद 20 जून को विभाग की वित्त समिति की बैठक में पूरे मामले के दस्तावेज खंगाले गए।
जयपुर। राजस्थान में जल जीवन मिशन के तहत मैसर्स गणपति ट्यूबवेल कंपनी को केरल में जलप्रदाय परियोजना में काम करने के केंद्र सरकार के उपक्रम इरकॉन इंटरनेशनल के अनुभव प्रमाण पत्र को पहले एक अफसर ने सही बताया और टेंडर मिलने के बाद बीती सात जून को दूसरे अफसर ने कार्य पूर्णत्ता प्रमाण पत्र को फर्जी बताया। अब जलदाय विभाग ने इस मामले की सत्यता की जांच के लिए शासन उपसचिव गोपाल सिंह, मुख्य अभियंता तकनीकी दलीप गौड़ और वित्तीय सलाहकार केसी कुमावत की तीन सदस्यीय जांच कमेटी बनाई है, जो सात दिन में अपनी रिपोर्ट पेश करेगी। प्रमाण पत्र के इरकॉन इंटरनेशनल के 7 जून को फर्जी करार दिए जाने के बाद 20 जून को विभाग की वित्त समिति की बैठक में पूरे मामले के दस्तावेज खंगाले गए। जानकारी के अनुसार गणपति ट्यूबवेल कंपनी ने जलजीवन मिशन के तहत प्रदेश में काम लेने के लिए योग्यता में शामिल इरकॉन इंटरनेशनल का अनुभव प्रमाण पत्र लगाया था। फर्म ने केरल के कजाकुट्टम में जलप्रदाय योजना में काम करने का 28 दिसम्बर 2021 को इरकॉन इंटरनेशनल का कार्य पूर्णता का जारी प्रमाण पत्र लगाया था, जिसका लीगल नोटिस से फर्जी होने की शिकायत मिली तो आला अधिकारियों के निर्देश पर शाहपुरा के अधिशासी अभियंता इरकॉन इंटरनेशनल के केरल ऑफिस में जांच पड़ताल को पहुंचे।
यहां प्रमाण पत्र की सत्यता जांचने को कंपनी के सीईओ विजय शंकर से मुलाकात की तो उन्होंने वहां इसे सत्यापित करते हुए इसकी प्रति भी सौंपी। उन्होंने केरल में गणपति ट्यूबवेल के किए गए कामों को मौके पर जाकर भी देखा। इसके आधार पर फर्म को जलदाय विभाग ने टेंडर जारी कर दिए। अब 7 जून 2023 को इरकॉन इंटरनेशनल के ही दूसरे अफसर मुख्य सतर्कता अधिकारी ने गणपति ट्यूबवेल के साथ ही शाहपुरा की ही मैसर्स श्याम ट्यूबवेल कंपनी के कार्य पूर्णता प्रमाण पत्र को फर्जी और फेब्रिकेटेड करार दे दिया।
गौरतलब है कि भाजपा के राज्यसभा सांसद किरोड़ीलाल मीणा ने पिछले दिनों इरकॉन इंटरनेशनल के 7 जून को प्रमाण पत्र के फर्जी बताए जाने के दस्तावेजों के आधार पर 950 करोड़ के कार्य आदेश में अनियमितताओं के आरोप लगाए थे।
जांच तक कामों पर रोक, भुगतान भी नहीं होगा
शासन उपसचिव गोपाल सिंह ने जांच समिति बनने के बाद शनिवार को प्रमाण पत्र की जांच रिपोर्ट आने और आगामी फैसला होने तक गणपति ट्यूबवेल फर्म को दिए गए कार्यों पर रोक लगा दी है। साथ ही फर्म को अब तक किए गए कामों के पेटे भुगतान की राशि भी रोकने के आदेश जारी किए गए हैं।

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