पुलिस स्टेशन के बाहर बुजुर्ग की हार्ट अटैक से मौत, बेटे ने रिश्तेदारों पर लगाया धमकी देने का आरोप
रिश्तेदारों पर संपत्ति विवाद के चलते धमकाने का आरोप लगाया
रामगंज थाना क्षेत्र में एक बुजुर्ग की पुलिस स्टेशन के बाहर हार्ट अटैक आने से मौत हो गई।
जयपुर। रामगंज थाना क्षेत्र में एक बुजुर्ग की पुलिस स्टेशन के बाहर हार्ट अटैक आने से मौत हो गई। मृतक के बेटे ने अपने रिश्तेदारों पर संपत्ति विवाद के चलते धमकाने का आरोप लगाया है। बेटे का कहना है कि उनके पिता को धमकियों और झूठे मुकदमों में फंसाने के डर ने इस कदर दहशत में डाल दिया कि उनकी मौत हो गई।
क्या है पूरा मामला ?
रामगंज थाना क्षेत्र के रहने वाले 60 वर्षीय मोहम्मद आफाक का अपने रिश्तेदारों के साथ प्रॉपर्टी को लेकर लंबे समय से विवाद चल रहा था। यह विवाद इतना बढ़ गया कि एक फरवरी को आफाक के खिलाफ उनके ही रिश्तेदार सगीर अहमद, अफजल और नरेंद्र ने रामगंज थाने में शिकायत दर्ज करवाई। शिकायत में आरोप लगाया गया कि आफाक ने प्रॉपर्टी विवाद के बावजूद अपना पासपोर्ट उसी एड्रेस से बनवाया है, जो विवादित संपत्ति का हिस्सा है।
शिकायत मिलने पर पुलिस ने आफाक को पूछताछ के लिए थाने बुलाया। थाने में पूछताछ के दौरान आफाक ने बताया कि उन्होंने खुद का नहीं, बल्कि अपने बेटे का पासपोर्ट बनवाया है। पुलिस ने पूछताछ के बाद उन्हें घर जाने की अनुमति दे दी और उनका बेटा भी घर लौट गया।
थाने से निकलते ही मौत :
थाने से बाहर निकलने के कुछ ही पलों बाद मोहम्मद आफाक अचानक निढाल होकर जमीन पर गिर पड़े। वहां मौजूद दूसरे पक्ष के लोगों ने तुरंत उन्हें एसएमएस अस्पताल पहुंचाया, लेकिन डॉक्टर्स ने जांच के बाद उन्हें मृत घोषित कर दिया। मौत का कारण हार्ट अटैक बताया गया। पुलिस को सूचना मिलते ही उन्होंने अस्पताल पहुंचकर शव को मॉर्च्यूरी में रखवाया और आवश्यक कानूनी प्रक्रिया शुरू की।
बेटे ने रिश्तेदारों के खिलाफ दर्ज करवाया केस :
मृतक के बेटे शुजाअत राजा ने अपने रिश्तेदारों के खिलाफ पुलिस में मामला दर्ज करवाया। शिकायत में कहा गया कि सगीर अहमद, अफजल और नरेंद्र लगातार उनके पिता को धमका रहे थे और उन पर दबाव बना रहे थे। इन धमकियों की वजह से उनके पिता मानसिक तनाव में आ गए और उनकी दहशत में मौत हो गई।
रामगंज थाना पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है। पुलिस अब यह पता लगाने में जुटी है कि मृतक को वास्तव में धमकियां दी गई थीं या नहीं, और अगर हां, तो यह धमकियां कितनी गंभीर थीं। मामले में आगे की कार्रवाई पोस्टमार्टम रिपोर्ट और जांच के बाद होगी।
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