परवन वृहद सिंचाई परियोजना : बिलेंडी गांव पूर्ण विस्थापित घोषित, 76.30 हेक्टेयर भूमि का होगा अधिग्रहण
सिंचाई सुविधा का विस्तार होगा और किसानों को दीर्घकालिक लाभ मिलेगा
परवन वृहद सिंचाई परियोजना के अंतर्गत बारां जिले के बिलेंडी गांव को पूर्ण विस्थापित श्रेणी में शामिल कर लिया गया है। इस निर्णय के साथ ही परवन बांध से प्रभावित क्षेत्र में आने वाली भूमि के अवाप्ति (अधिग्रहण) की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाएगा। परियोजना के कारण बिलेंडी गांव की कुल 76.3074 हेक्टेयर भूमि प्रभावित होगी, जिसे अधिग्रहित किया जाएगा।
जयपुर। परवन वृहद सिंचाई परियोजना के अंतर्गत बारां जिले के बिलेंडी गांव को पूर्ण विस्थापित श्रेणी में शामिल कर लिया गया है। इस निर्णय के साथ ही परवन बांध से प्रभावित क्षेत्र में आने वाली भूमि के अवाप्ति (अधिग्रहण) की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाएगा। परियोजना के कारण बिलेंडी गांव की कुल 76.3074 हेक्टेयर भूमि प्रभावित होगी, जिसे अधिग्रहित किया जाएगा। जल संसाधन के अनुसार अधिग्रहित की जाने वाली भूमि में 23.7307 हेक्टेयर निजी भूमि तथा 49.1369 हेक्टेयर सरकारी भूमि शामिल है। परियोजना के तहत बांध निर्माण और जल संग्रहण क्षेत्र के विस्तार के कारण गांव का बड़ा हिस्सा डूब क्षेत्र में आ रहा है, जिसके चलते इसे पूर्ण विस्थापन की श्रेणी में रखा गया है।
राज्य सरकार द्वारा प्रभावित ग्रामीणों के पुनर्वास और पुनर्स्थापन को लेकर नियमानुसार मुआवजा, वैकल्पिक भूमि और बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने की प्रक्रिया अपनाई जाएगी। प्रशासन का कहना है कि विस्थापित परिवारों को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो, इसके लिए चरणबद्ध तरीके से पुनर्वास योजना लागू की जाएगी। परवन वृहद सिंचाई परियोजना को हाड़ौती क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण परियोजना माना जा रहा है, जिससे सिंचाई सुविधा का विस्तार होगा और किसानों को दीर्घकालिक लाभ मिलेगा। हालांकि, परियोजना से प्रभावित गांवों के पुनर्वास को लेकर प्रशासन और स्थानीय लोगों के बीच समन्वय बनाए रखने पर विशेष जोर दिया जा रहा है।

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