डिजिटल ठगों के जाल में राजस्थान : पांच साल में 19 हजार से अधिक लोग बने शिकार, देश में पांचवें स्थान पर
तमिलनाडु, हरियाणा, महाराष्ट्र के बाद डिजिटल वित्तीय धोखाधड़ी के मामले राजस्थान में
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो और साइबर क्राइम पोर्टल के अनुसार पिछले पूरे देश में 1.45 लाख से यादा डिजिटल फ्रॉड के मामले दर्ज हुए।
जयपुर। डिजिटल युग ने जहां आम आदमी की जिंदगी आसान बनाई है, वहीं ऑनलाइन धोखाधड़ी ने बड़ी चिंता खड़ी कर दी है। राजस्थान अब साइबर ठगों का नया टारगेट बनता जा रहा है। पिछले पांच वषार्ें में राज्य में 19 हजार से ज्यादा डिजिटल फ्रॉड के केस दर्ज हुए। केन्द्रीय वित्त मंत्रालय के अनुसार वित्त वर्ष 2024-25 में ही 5981 मामले सामने आए, जिससे राजस्थान देशभर में डिजिटल धोखाधड़ी के मामलों में पांचवें स्थान पर पहुंच गया है।
ठगी के नए तरीके
राजस्थान में ठग अब परिष्कृत तकनीकों का इस्तेमाल कर रहे हैं। सबसे ज्यादा मामले ओटीपी शेयर कराने, फर्जी केवाईसी अपडेट, नकली कस्टमर केयर नंबर, सोशल मीडिया लिंक और फर्जी मोबाइल एप्स से जुड़े हैं। ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों के लोग शिकार बन रहे हैं।
सरकार और पुलिस की पहल
राजस्थान पुलिस ने साइबर फ्रेंड्स और डिजिटल सुरक्षा अभियान शुरू किया है, जिसके तहत स्कूल-कॉलेजों में वर्कशॉप आयोजित हो रही हैं। साथ ही हेल्पलाइन नंबर और पोर्टल के माध्यम से शिकायत दर्ज करने की सुविधा है। बैंक और यूपीआई कंपनियां भी ग्राहकों को समय-समय पर अलर्ट संदेश भेज रही हैं।
क्यों बढ़ रही है राजस्थान में डिजिटल ठगी
मोबाइल इंटरनेट का तेजी से फैलाव:- गांव-गांव तक सस्ता इंटरनेट, लेकिन साइबर सुरक्षा की जानकारी सीमित।
जागरूकता की कमी:- ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में डिजिटल सावधानी कम।
बड़ी आबादी:- भौगोलिक आकार और जनसंख्या अधिक होने से ठगों के लिए आसान निशाना।
सीमित साइबर सुरक्षा तंत्र:- जिलों में पर्याप्त साइबर सेल और प्रशिक्षित स्टाफ का अभाव।
राष्ट्रीय परिदृश्य
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो और साइबर क्राइम पोर्टल के अनुसार पिछले पूरे देश में 1.45 लाख से यादा डिजिटल फ्रॉड के मामले दर्ज हुए।
विशेषज्ञों की राय
विशेषज्ञ मानते हैं कि केवल पुलिस कार्रवाई से स्थिति नहीं सुधरेगी। डिजिटल इंडिया के साथ साइबर सुरक्षा और डिजिटल साक्षरता को प्राथमिकता देना जरूरी है। जागरूकता और सतर्कता ही इस ठगी से बचाव का सबसे बड़ा हथियार है।

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