सरकार के बुलडोजर पर राजस्थान हाईकोर्ट ने लगाई रोक
जस्टिस अनिल उपमन की एकलपीठ ने यह आदेश इरशाद व अन्य की याचिकाओं पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए।
जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता पर साइबर अपराध से धन अर्जित करने का आरोप लगाकर उसके घर को तोड़ने की कार्रवाई पर अंतरिम रोक लगा दी है। इसके साथ ही अदालत ने मामले में एसीएस गृह, डीजीपी, डीग कलक्टर और एसपी सहित अन्य को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। जस्टिस अनिल उपमन की एकलपीठ ने यह आदेश इरशाद व अन्य की याचिकाओं पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए। याचिकाओं में वरिष्ठ अधिवक्ता नासिर अली नकवी ने अदालत को बताया कि एक याचिकाकर्ता के पिता ने वर्ष 2005 में जमीन खरीदी थी। इसके बाद जमीन पर घर बनाकर याचिकाकर्ता और उसका परिवार निवास करता आ रहा है। वहीं दूसरे याचिकाकर्ता ने आवासीय प्लॉट पर मकान बनाया है। याचिका में कहा गया कि गत 22 जून को नगर के सर्किल ऑफिसर ने संबंधित एसडीएम को पत्र लिखा। जिसमें कहा गया कि याचिकाकर्ता ने पोखर भूमि में मकान बनाया है और इसे बनाने में साइबर अपराध से अर्जित धन राशि काम में ली गई है। ऐसे में मकान को ध्वस्त किया जाए जबकि इससे पूर्व याचिकाकर्ता को विधिक प्रावधानों के तहत नोटिस नहीं दिया गया। याचिकाकर्ता के साथ-साथ उसका परिवार भी घर में रहता है। वहीं याचिकाकर्ताओं पर वर्तमान में कोई आपराधिक प्रकरण भी लंबित नहीं है। इसके अलावा जमाबंदी से साबित है कि याचिकाकर्ता ने पोखर की जमीन पर मकान नहीं बनाया है। ऐसे में उनके घरों को तोड़ने के लिए की जा रही कार्रवाई को रद्द किया जाए।
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