महिलाओं को शक्ति सम्पन्न बनाने में आरसीडीएफ के कार्य सराहनीय : उनके जीवन स्तर में हुआ सुधार, रहाटकर ने कहा- दुग्ध सहकारी समितियों के माध्यम से महिलाएं हो रही है आत्मनिर्भर
डेयरी उद्योग के माध्यम से महिलाएं आत्मनिर्भर बन रही हैं
उपयोग शिक्षा, स्वास्थ्य एवं लैंगिक समानता को बढ़ावा देने के लिए बहुत उपयुक्त है। उन्होंने बताया कि डेयरी उद्योग के माध्यम से महिलाएं आत्मनिर्भर बन रही हैं।
जयपुर। राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष विजया रहाटकर ने कहा कि राजस्थान में राजस्थान को-ऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन ने महिलाओं को आर्थिक सामाजिक संबंध प्रदान करने के लिए कार्य किया है। इससे महिला के जीवन स्तर और सामाजिक स्तर में सुधार हुआ है। जयपुर जिला दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ लिमिटेड की स्थापना के 50 वर्ष पूरे होने पर बिड़ला सभागार में शनिवार को आयोजित स्वर्ण जयंती कार्यक्रम में 23 नवीन उत्पादों की लांचिग करने के साथ ही तीन योजनाओं के शुभारंभ के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम की मुख्य अतिथि रहाटकर ने कहा कि दुग्ध सहकारी समितियों के माध्यम से महिलाएं आत्मनिर्भर हो रही हैं। साथ ही उनके पुरुषों के साथ मिलकर कार्य करने से ग्रामीण अर्थव्यवस्था में सुधार हो रहा है। इसका उपयोग शिक्षा, स्वास्थ्य एवं लैंगिक समानता को बढ़ावा देने के लिए बहुत उपयुक्त है। उन्होंने बताया कि डेयरी उद्योग के माध्यम से महिलाएं आत्मनिर्भर बन रही हैं।
इससे घरेलू हिंसा में कमी आती है और उनका परिवार में भी सम्मान बढ़ता है। उन्होंने कहा कि विदेशों की तुलना में हमारे देश में प्रति पशु प्रतिदिन पांच लीटर दूघ का उत्पादन होता है जबकि विदेशों में यह औसत 20 लीटर प्रतिदिन प्रति पशु होता है। इसके लिए हमें पशुओं की नस्ल सुधार के लिए भी कार्य करना होगा और राष्ट्रीय गोकुल मिशन भी इस पर काम कर रहा है। रहाटकर ने कहा कि जयपुर डेयरी की ओर से शुरू की गई मायरा योजना का पूरा देश में अनुकरण करना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस योजना से डेयरी संघों से जुड़ी महिलाओं की दो बच्चियों के विवाह के अवसर पर 21 हजार रूपए का मायरा दिया जाएगा, इससे ऐसे माता-पिता को आर्थिक संबंल मिलेगा। उन्होंने आरसीडीएफ के साथ किए गए एमओयू के बारे में बताया कि वह महिलाओं के उत्थान के लिए विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से सशक्त बनाया जाएगा। इसके लिए उनके प्रोडक्टों को बाजार भी उपलब्ध करवाया जाएगा। इसके लिए ट्रेनिंग प्रोग्राम, स्टड़ी ट्यूर प्रोगाम सहित अन्य कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे।
मायरा योजना को प्रदेशभर के डेयरी संघों में किया जाएगा लागू : जोगाराम
पशुपालन, गोपालन एवं डेयरी मंत्री जोराराम कुमावत ने कहा कि जयपुर डेयरी की ओर से लांच किए गए 23 उत्पाद गुणवत्तापूर्ण हैं और आमजन के लिए सस्ती दरों पर उपलब्ध करवाए जाएंगे। जयपुर डेयरी की ओर से शुरू मायरा योजना को लेकर कुमावत ने कहा कि यह योेजना जयपुर डेयरी ने शुरू की है लेकिन इसे प्रदेश के सभी डेयरी संघों में भी लागू किया जाएगा। इसके साथ ही रूफटॉफ सोलर प्रणाली एवं बायोप्लेक्सी प्लांट योजनाओं का भी शुभारंभ किया जाएगा।
रक्षाबंधन पर भी शुरू होगी योजना
पशुपालन, गोपालन एवं डेयरी राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढ़म ने कहा कि जयपुर डेयरी की ओर से शुरू की गई मायरा योजना की तर्ज पर रक्षाबंधन के त्योहार पर भी एक योजना शुरू की जाएगी। इसमें रक्षाबंधन के त्योहार पर डेयरी संघों की ओर से महिलाओं को एक निर्धारित राशि प्रदान की जाएगी। इसकी राशि का निर्धारण जल्द कर दिया जाएगा।
महिलाओं को शक्तियुक्त करने की पहल
कार्यक्रम के दौरान आरसीडीएफ चेयरमैन श्रुति भारद्वाज ने कहा कि डेयरी संघों में महिलाओं की सहभागिता के लिए लगातार कार्य किए जा रहे है और ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं के नाम पर समितियों का गठन किया जा रहा है। इसके साथ ही कार्यक्रम में पशुपालन, गोपालन एवं डेयरी विभाग के शासन सचिव डॉ. समित शर्मा, जयपुर डेयरी के चेयरमैन ओमप्रकाश पुनिया ने भी जयपुर डेयरी के उत्थान एवं महिला सशक्तिकरण के लिए किए जा रहे कार्यो की जानकारी दी।
कार्यक्रम से पूर्व जयपुर डेयरी के एमडी मनीष फौजदार ने कहा कि जयपुर डेयरी की स्थापना आज से पचास साल पूर्व 250 लीटर दूघ के साथ की गई थी जो आज 15 से 17 लाख लीटर दूध तक पहुंच गया है। कार्यक्रम के दौरान लाभार्थी महिलाओं का सम्मान भी किया गया।
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