शेखावत के बयान पर गहलोत का पलटवार, याद दिलाया अपना पुराना बयान
शेखावत ने कल भी अपने बयानों में अपनी माताजी पर लगे आरोपों का जिक्र किया
केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत के "मैं माफी नहीं दे सकता" बयान पर पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पलटवार करते हुए कहा है कि शेखावत की बात का जवाब मैं 26 सितंबर 2024 को दे चुका हूं
जयपुर। केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत के "मैं माफी नहीं दे सकता" बयान पर पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पलटवार करते हुए कहा है कि शेखावत की बात का जवाब मैं 26 सितंबर 2024 को दे चुका हूं। गहलोत ने 26 सितम्बर के ट्वीट को रिट्वीट भी किया है। जिसमें लिखा है कि संजीवनी प्रकरण को लेकर केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत द्वारा दायर एक मुकदमे में हाईकोर्ट का फैसला वर्तमान में अदालत के सामने एसओजी द्वारा रखे गए तथ्यों के आधार पर आया है। राज्य में सत्ता परिवर्तन के बाद एसओजी ने हाईकोर्ट में यू-टर्न ले लिया। इस केस के जांच अधिकारी (आईओ) को भी हटा दिया गया एवं भाजपा सरकार द्वारा नामित सरकारी वकीलों ने भी केन्द्रीय मंत्री का ही पक्ष लिया। इस सबके बावजूद हाईकोर्ट ने मंत्री की याचिका के अनुरूप एफआईआर को रद्द नहीं किया है।
हाईकोर्ट ने कहा कि ट्रायल कोर्ट की इजाजत लेकर आगे कार्रवाई की जा सकती है। एसओजी द्वारा 12 अप्रेल 2023 को राजकीय अधिवक्ता को लिखे गए पत्र में इस केस की तथ्यात्मक रिपोर्ट भेजी जिसके पेज नंबर 7 पर केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र शेखावत एवं उनके परिजनों की अपराध में संलिप्तता होने की बात लिखी और आरोपी माना। इस रिपोर्ट में लिखा गया कि जिन कंपनियों की संलिप्तता संजीवनी घोटाले में है उनसे गजेन्द्र सिंह शेखावत का सीधा संबंध है। इस केस के सैकड़ों पीड़ितों ने मुझसे मुलाकात की तब मैंने एसओजी से इस मामले की जानकारी मांगी। तब एसओजी ने गृहमंत्री के रूप में मुझे इन तथ्यों एवं इस प्रकरण की प्रगति से अवगत करवाया। मेरा गजेन्द्र शेखावत के प्रति कोई व्यक्ति द्वेष नहीं था। एसओजी की इस ब्रीफिंग के आधार पर ही मैंने मीडिया के सामने शेखावत एवं उनके परिजनों पर लगे आरोपों की जानकारी सामने रखी। शेखावत ने कल भी अपने बयानों में अपनी माताजी पर लगे आरोपों का जिक्र किया। मेरा उनकी माताजी के प्रति पूरा सम्मान है परन्तु राज्य के गृहमंत्री के रूप में मेरे सामने लाए गए तथ्यों को पीड़ितों एवं जनता के सामने रखा जाना मेरा कर्तव्य था। अब राज्य में सरकार बदलने के बाद एसओजी पर भाजपा सरकार ने दबाव बनाया जिसके कारण एसओजी ने कोर्ट में यू-टर्न लिया और इन्हें आरोपी नहीं माना है। मेरी मांग है कि निष्पक्ष जांच के लिए हाईकोर्ट के रिटार्यड न्यायाधीश की अध्यक्षता में एसआईटी बनाकर इस प्रकरण की जांच की जाए जिससे पता चले कि कांग्रेस शासन में एसओजी द्वारा गलत जांच की गई या अभी दबाव में एसओजी ने गलत रिपोर्ट तैयार की है। कांग्रेस सरकार के समय इस केस में एसओजी ने फॉरेंसिक ऑडिट तक करवाकर भी जांच की थी। मेरा उद्देश्य लाखों पीड़ितों के साथ न्याय सुनिश्चित कर उनके जीवन की मेहनत की कमाई वापस उनको दिलवाने का है।

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