जेकेके में विकसित होगा राजस्व आधारित मॉडल : क्यूआर कोड से जेकेके की वास्तुकला के साथ कई चीजों को आसानी से देख सकेंगे विजिटर्स
जेकेके के लिए आठ करोड़ का होगा रचनात्मक विकास कार्य
जेकेके में लगेंगे एलईडी होर्डिंग्स, क्यूआर कोड, सीसीटीवी कैमरे से बढ़ेगी रंगत
जयपुर। जेकेके में अब एलईडी होर्डिंग्स, क्यूआर कोड, सीसीटीवी कैमरे सहित अन्य पर प्रदेश सरकार आठ करोड़ का आवंटित बजट देने की तैयारी में है। इसके लिए हाल ही में प्रदेश की उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी के सामने जवाहर कला केन्द्र की अति. महानिदेशक अलका मीणा ने प्रेजेंटेशन दिया। जानकारी के अनुसार दिया कुमारी ने केन्द्र के लिए आवंटित बजट राशि आठ करोड़ का रचनात्मक विकास कार्य, कला और कलाकारों के संरक्षण के लिए व्यावहारिक तौर पर राजस्व आधारित मॉडल विकसित किए जाने के निर्देश दिए। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि कलाकारों को नियमित मंच मिले तो कलाएं और क्राफ्ट जीवित और संरक्षित रहेंगे।
इसको लेकर कलाकारों ने कहा कि इससे जेकेके एडवांस हो जाएगा और कलाकारों को इससे फायदा होगा। इन कार्यों से केन्द्र की रौनक दोगुनी हो जाएगी। अभी जेकेके में आयोजित होने वाले कार्यक्रमों का प्रचार-प्रसार सोशल मीडिया के अलावा स्टैंडीज के माध्यम से होता है। अब एलईडी होर्डिंग्स से एक ही स्क्रीन पर कई कार्यक्रमों की जानकारी उपलब्ध होगी। पैसों की भी बचत होगी। वहीं, केन्द्र का पूरा डेटा डिजिटलाइज्ड होगा और सॉफ्टवेयर के माध्यम से सुरक्षित रखा जाएगा। इससे किसी भी कार्यक्रम या जेकेके की जानकारी ढूंढने में आसानी रहेगी।
कला प्रेमी क्यूआर कोड से जान सकेंगे केन्द्र का इतिहास
इस बजट से केन्द्र के विभिन्न स्थानों पर क्यूआर कोड लगेंगे। इससे कला प्रेमियों को इस केन्द्र के इतिहास और खूबियों के बारे में मोबाइल से ही जानकारी मिल जाएगी। इस दौरान इवेंट करवाने वाले इच्छुक लोगों को इस क्यूआर कोड को स्कैन करने के बाद गैलरी, आॅडिटोरियम की बुकिंग राशि, सीट, उपलब्धता सहित अन्य महत्वपूर्ण जानकारी मिलेगी। वर्तमान में यदि कोई विजिटर जेकेके आता है तो वह जेकेके की वास्तुकला के साथ-साथ कई चीजों को देखता है। लेकिन वह इनकी विस्तृत जानकारी से रूबरू नहीं हो पाता। क्योंकि उनके बारे में उसे बताने वाला कोई नहीं है।
एक नजर आवंटित बजट राशि से होने वाले कार्यों पर
केन्द्र के विभिन्न स्थानों पर लगेंगे क्यूआर कोड।
केन्द्र का डेटा होगा डिजिटलाइज्ड, सॉफ्टवेयर के माध्यम से होगा संचालित।
दैनिक आयोजनों की जानकारी के लिए विभिन्न जगहों पर लगाए जाएंगे एलईडी होर्डिंग्स, अभी बार-बार नए इवेंट के लिए बनते हैं होर्डिंग्स, बैनर्स।
लाइब्रेरी डिजिटल होगी, जिससे बच्चों को और सुविधा मुहैया कराई जा सकेगी।
बिजली बचाने के लिए लगेंगे सोलर पैनल।
जेकेके के साउथ जोन में लगेगी इंटरलॉकिंग टाइल्स।
परिसर में लगेंगे सीसीटीवी कैमरे।
ऑडिटोरियम में लगे साउंड सिस्टम भी होगा इम्पू्रव।
आठ करोड़ बजट से केन्द्र के विभिन्न स्थानों पर क्यूआर कोड, डिजिटल लाइब्रेरी, एलईडी होर्डिंग्स सहित अन्य चीजों सहित जेकेके को हाइटेक करने का कार्य होगा।
अल्का मीणा
(अति. महानिदेशक)
इ स बजट का सदुपयोग नई पीढ़ी के युवा कलाकारों को आगे बढ़ाने के लिए अधिक होना चाहिए। केंद्र को यह भी ध्यान रखना चाहिए। साथ ही ज्यादा से ज्यादा बजट राज्य के कलाकारों पर खर्च होना चाहिए।
-अशोक राही (लेखक-निर्देशक)

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