शेरगढ़ से राठौड़, कोटा उत्तर से गुंजल, भरतपुर से बंसल को आखिर में मिला टिकट
भाटी की बहू की जगह अब पोते को टिकट
बीजेपी ने पूनम के चुनाव न लड़ने की इच्छा जताने के बाद भाटी के पोते और पूनम के बेटे अंशुमान सिंह भाटी को प्रत्याशी बनाकर घर में ही टिकट बदल दिया है।
जयपुर। पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा समर्थक माने जाने वाले कोटा उत्तर से प्रहलाद गुंजल, शेरगढ़ से बाबु सिंह राठौड़ और भरतपुर से विजय बंसल को आखिरकार टिकट मिल गया है। तीनों चेहरों को लेकर भाजपा के कोरग्रुप नेताओं में विवाद था जिसके चलते तीनों का टिकट उलझा हुआ था। लेकिन आखिरकार पूर्व सीएम राजे के चली और तीनों को भाजपा ने प्रत्याशी बनाया है।
रिणवां को रतनगढ़ की जगह सरदारशहर से उतारा
रतनगढ़ विधानसभा से एक बार निर्दलीय चुनाव जीतकर रिणवां 2008 में चर्चा में आए थे। इसके बाद 2013 में इसी सीट से भाजपा ने उन्हें अपना उम्मीदवार बनाया था। वे जीतकर वसुंधरा सरकार में खान मंत्री बने थे। बाद में 2018 में भाजपा ने उन्हें टिकट नहीं दिया तो वे बागी हो गए थे और चुनाव हार गए थे। इसके बाद भाजपा ने 2021-22 में उन्हें फिर से पार्टी में शामिल कर लिया था। पिछली बार रतनगढ़ से अभिनेष महर्षि भाजपा से विधायक बने थे। इस बार भी पार्टी ने यहां से महर्षि को ही टिकट दिया है। ऐसे में राजकुमार रिणवां को सरदारशहर से मैदान में उतारा गया है। सरदारशहर सीट ब्राह्मण बाहुल्य क्षेत्र है। रिणवां ब्राह्मण वर्ग के बड़े चहरे है। ऐसे में अधिकतर कांग्रेस के कब्जे में रहने वाली इस सीट पर रिणवां के जरिए भाजपा जीत की जुगत में है।
बारां-अटरू से सारिका की जगह राधेश्याम
बारां-अटरू विधानसभा सीट पर पिछली सूची में वसुंधरा सरकार में मंत्री रहे बाबुलाल वर्मा का टिकट काट दिया गया था और सारिका चौधरी को मैदान में उतार दिया गया था लेकिन सारिका को लेकर क्षेत्रीय भाजपा नेता नाखुश थे इसके चलते पार्टी ने उनकी जगह भाजपा के पुराने कार्यकर्ता राधेश्याम बैरवा को उतारा है। राधेश्याम जिले में नगर मंत्री, जिला मंत्री, जिला उपाध्यक्ष और एससी मोर्चा के जिलाध्यक्ष रहे है। उनकी पत्नी संतोष बैरवा बारां नगर परिषद में पार्षद भी है। राधेश्याम की क्षेत्र में मजबूत पकड़ से भाजपा सीट पर जीत का दांव खेल रही है।
भाटी की बहू की जगह अब पोते को टिकट
कोलायत विधानसभा क्षेत्र से पिछली सूची में भाजपा ने पार्टी के दिग्गज नेता व पूर्व मंत्री देवी सिंह भाटी की पुत्रवधु पूनम कंवर भाटी को प्रत्याशी बनाया था। पूनम पिछली बार भी भाजपा की उम्मीदवार थी लेकिन कांग्रेस के भंवर सिंह भाटी से चुनाव हार गई थी। पूनम ने टिकट मिलने के बाद इस बार चुनाव नहीं लड़ने की मंशा जाहिर की थी। जिसके बाद पूनम के साथ विकल्प के रूप में देवी सिंह भाटी ने भी नामांकन दाखिल किया था। अब पार्टी ने पूनम के चुनाव न लड़ने की इच्छा जताने के बाद भाटी के पोते और पूनम के बेटे अंशुमान सिंह भाटी को प्रत्याशी बनाकर घर में ही टिकट बदल दिया है।

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