सिग्नल लाइट फ्री चौराहा बी-टू-बाइपास बना मुसीबत
अंडरपास के शुरू होने के बाद भी नहीं सुधरे हालात, काटना पड़ रहा है दो से तीन किलोमीटर का चक्कर
वाहन चालकों को सुविधा के स्थान पर दो से तीन किलोमीटर का चक्कर काटना पड़ रहा है।
जयपुर। शहर में यातायात जाम से आमजन को राहत प्रदान करने के लिए सिग्नल लाइट फ्री चौराहों की श्रेणी में टोंक रोड पर बी-टू-बाइपास पर बनाए गए अंडरपास शुरू होने के बाद भी वाहन चालकों की परेशानी दूर नहीं हो पा रही है। वाहन चालकों को सुविधा के स्थान पर दो से तीन किलोमीटर का चक्कर काटना पड़ रहा है। राजधानी जयपुर में गत कांग्रेस सरकार ने सात चौराहों को सिग्नल लाइट फ्री चौराहा बनाने की श्रेणी में बी-टू-बाइपास पर प्रोजेक्ट शुरू किया था।
प्रोजेक्ट के प्रथम चरण में 15 मार्च को जवाहर सर्किल से मानसरोवर की ओर आने-जाने वाले वाहन चालको की सुविधा के लिए अंडरपास तो शुरू कर वाहन चालकों को राहत तो दे दी लेकिन सांगानेर से अजमेरी गेट की ओर आने जाने वाले वाहन चालकों की परेशानियां बढ़ गई। जेडीए ने सूर्य नगर पेट्रोल पम्प के पास से यातायात को डायवर्ट कर जवाहर सर्किल से आश्रम मार्ग होते हुए टोंक रोड पर चलाया जा रहा है, वहीं अजमेरी गेट की तरफ से आने वाले वाहन चालको को जवाहर सर्किल का चक्कर काटकर टोंक रोड पर दो से तीन किलोमीट कर चक्कर काटकर आना पड़ता है। इससे जवाहर लाल नेहरू मार्ग एवं टोंक रोड का यातायात एक ही स्थान पर मिलने से मौके पर जाम की स्थिति बनी रहती है, इससे वाहन चालकों के समय एवं धन दोनों की बर्बादी हो रही है। इसके साथ ही सांगानेर की ओर से एयरपोर्ट जाने वाले लोगों को भी अधिक परेशानी हो रही है। पूर्व में संचालिक मार्ग पर भी बेरिकेड लगा बंद कर दिया है और उनको भी दो से तीन किलोमीटर का चक्कर काटना पड़ रहा है।
बोर्ड से हो रही है गफलत
जेडीए ने वाहन चालकों की सुविधा के नाम पर डायवर्जन बोर्ड तो लगा दिए लेकिन मार्ग को कहां बंद कर दिया गया है इसकी जानकारी नहीं होने से वाहन चालकों को रॉग साइड भी जाना पड़ रहा है। हालांकि जेडीए के अधिकारियों का कहना हे कि काम जल्द पूरा होने वाला है और लोगों को यातायात जाम से राहत मिल सकेगी।

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