सिंजारा आज, हरियाली तीज कल : मिट्टी से शिव-पार्वती, गणेश जी और सखियों की मूर्तियां बनाकर उनका विधिवत किया जाता है पूजन
घेवर का विशेष महत्व
हरियाली तीज शुभ संयोग के साथ मनाई जाएगी।
जयपुर। हरियाली तीज शुभ संयोग के साथ मनाई जाएगी। पंचांग के अनुसार-श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि 26 जुलाई की रात 10.41 बजे से शुरू होकर 27 जुलाई की रात 10.41 बजे तक रहेगी। उदया तिथि के अनुसार पर्व 27 जुलाई को मनाया जाएगा। इस दिन रवि योग का शुभ संयोग भी बन रहा है, जो शाम 4.23 से शुरू होकर 28 जुलाई की सुबह 5.40 बजे तक रहेगा। रवि योग में व्रत और पूजन विशेष फ लदायी माना जाता है। हरियाली तीज को श्रावणी तीज भी कहा जाता है। यह पर्व सुहागिन महिलाएं अपने पति की दीर्घायु और सुखमय दांपत्य जीवन की कामना के लिए किया जाता है।
इस दिन महिलाएं व्रत रखती हैं, शिव-पार्वती और गणेश जी की पूजा करती हैं। साथ ही सखी-सहेलियों संग झूला झूलती हैं और सावन के लोकगीत गाकर उत्सव का आनंद लेती हैं। कुंवारी कन्याएं भी योग्य वर की प्राप्ति के लिए इस दिन व्रत करती हैं। ज्योतिषाचार्य डॉ.अनीष व्यास ने बताया कि हरियाली तीज का पर्व भगवान शिव और माता पार्वती के पुनर्मिलन के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। इसे सौंदर्य, प्रेम और प्रकृति से जुड़ा पर्व माना जाता है। जिन लड़कियों के रिश्ते तय हो चुके उनके ससुराल से भी सिंजारा आएगा। नवविवाहितों के भी सिंंजारा आने की परम्परा रही हैं।
घेवर का विशेष महत्व :
तीज का गुलाबी नगरी में विशेष महत्व है, तीज और बसंजारा पर घेवर खाने की एक परम्परा रही है। बाजार में मिठाई की दुकानें घेवर से सजी हुई हैं। बाजार में घेवर तीन सौ रुपए किलो से लेकर एक हजार रुपए तक उपलब्ध हैं। बाजार में पचास ग्राम से लेकर एक किलो तक में घेवर बेचे जा रहे हैं। देशी घी और दूध से बने घेवर के भाव अधिक हैं। शहर में परम्परागत घेवर के साथ ही फ्लेवर युक्त घेवर भी बाजार में बिक रहे हैं। बाजार में मावा, पनीर, मैंगो, चॉकलेट फ्लेवर में घेवर मिल रहे हैं।

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