कांग्रेस काल में लूटमार और भ्रष्टाचार का हुआ खुला खेल : सुमित गोदारा
कांग्रेस के पास मुद्दा नहीं, डोटासरा को छपास का रोग
ओबीसी आरक्षण के मनमोहन नागर बनाम मध्यप्रदेश के उच्चतम न्यायालय के निर्णय होने के पश्चात भी तत्कालीन कांग्रेस सरकार द्वारा दो वर्ष तक कोई निर्णय नहीं लिया गया।
जयपुर। खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री सुमित गोदारा ने बयान जारी कर कहा कि राजस्थान में कांग्रेस चार गुटों में बंटी हुई है। कांग्रेस के नेता झूठ बोलकर जनता को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस कार्यकाल में जो लूटमार और भ्रष्टाचार का खुला खेल हुआ। उसको अब भजनलाल सरकार जनता के सामने ला रही है, तो कांग्रेस तिलमिला रही है। कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा अकेले पड़ते जा रहें। उन्हें छपास का रोग लग चुका है। प्रदेशभर से इतनी बड़ी संख्या में सरपंचों का जयपुर में एकत्रित होना कांग्रेस के लिए अचंभे की बात है। चूंकि कांग्रेस के पास कोई मुद्दा नहीं है इसलिए पंचायतों का मुद्दा उठा रही है। उनकी तब की सरकार ने बिना सोचे समझे जिलों का पुनर्गठन किया। अब नए जिले बनाए जाने के कारण ही पंचायती राज संस्थाओं का पुनर्गठन किया जा रहा है। भजनलाल सरकार में लोकतंत्र की पहली सीढ़ी को मजबूत करने का काम पहली बार हो रहा है। हर वर्ग से उद्योग तक सरकार की योजनाएं पहुंची है। पंचायती राज संस्थाओं के पुनर्गठन के लिए सरपंच संघों ने जयपुर में आकर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा का अभिनंदन किया। जबकि इससे पहले सरपंच संघ जयपुर में आंदोलन करने आते थे। सरपंच किसी पार्टी के नहीं होते हैं। सरपंच सरकार की योजनाओं को गांव तक डिलीवर करने की महत्वपूर्ण कड़ी हैं। सरपंचों को मजÞबूत किया जा रहा है तो कांग्रेस को क्या आपत्ति है। इनके सशक्तिकरण का ही परिणाम है कि प्रदेश की प्रत्येक ग्राम पंचायत पर किसान रजिस्ट्री शिविरों का आयोजन किया जा रहा है। पंचायती राज अधिनियम के तहत पंचायती राज संस्थाओं के पुनर्गठन, पुनर्सीमांकन का प्रावधान है। पुनर्गठन हेतु जिला कलक्टर को अधिकृत किया गया है।
पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव में लग रहे समय को देखते हुए पंचायती राज संस्थाओं में नियमानुसार प्रशासक नियुक्त किए गए हैं। प्रशासक लगाने में लोकतांत्रिक मूल्यों को ध्यान में रखा गया है और जन भावना के अनुरूप ही निर्वतमान सरपंच को प्रशासक लगाया गया है, ताकि पंचायतों की व्यवस्थाएं सुचारू रूप से चलती रहें और सरकारी योजनाओं का लाभ आमजन को मिलता रहे। इसी तरह पंचायती राज विभाग में विभिन्न स्थानान्तरण भी नियमों के तहत किए गए हैं। वित्त आयोग मद से वर्ष 2023-24 में कुल जारी होने योग्य राशि 3808 करोड़ की रिलीज की सारी स्वीकृति जारी कर दी गई है। वर्ष 2024-25 में कुल जारी होने योग्य राशि 6072 करोड़ में से प्रथम किश्त की राशि 3030 करोड़ रुपए जारी कर दी गई है। ओबीसी आरक्षण के मनमोहन नागर बनाम मध्यप्रदेश के उच्चतम न्यायालय के निर्णय होने के पश्चात भी तत्कालीन कांग्रेस सरकार द्वारा दो वर्ष तक कोई निर्णय नहीं लिया गया। डोटासरा इस मामले में भी झूठ बोल रहे हैं।
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