शहर के कई थानों में पड़ा सामान कबाड़ में हुआ तब्दील, दशकों से सड़क पर पडे जब्त वाहन हुए रद्दी
वाहनों की लगती है बोली डिस्पोजल योग्य वाहनों की छटनी कर उनकी
शहर में पुलिस थानों के बाहर दशकों से जब्त किए गए वाहन अतिक्रमण की समस्या बन गए हैं
जयपुर। शहर में पुलिस थानों के बाहर दशकों से जब्त किए गए वाहन अतिक्रमण की समस्या बन गए हैं। इन वाहनों डिस्पोजल नहीं होने के कारण वे कबाड़ में तब्दील हो गए हैं। पुलिस कार्रवाई में जब्त वाहन अक्सर थानों के बाहर सड़कों पर पड़े रहते हैं, जिससे सड़क पर अतिक्रमण बढ़ता जा रहा है और यातायात में बाधाएं उत्पन्न हो रही हैं।पुलिस का कहना है कि मुकदमें में जब्त वाहनों का निस्तारण अदालत के आदेश से किया जाता है, लेकिन अब तक इस पर कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए है। थानों से कई बार कोर्ट को इस मुद्दे के बारे में सूचित किया है और जल्द ही इसके समाधान के लिए चिट्ठी भी लिखी गई हैं। थानों के बाहर पड़े इन जब्त वाहनों से न सिर्फ शहर की खूबसूरती खराब हो रही है, बल्कि यह सार्वजनिक सुरक्षा के लिए भी खतरे की वजह बन रहे हैं। स्थानीय नागरिकों का कहना है कि यदि इन वाहनों का निस्तारण शीघ्र किया जाए तो यह समस्या हल हो सकती है और सड़क पर अतिक्रमण से बचा जा सकता है।
वाहनों की लगती है बोली
डिस्पोजल योग्य वाहनों की छटनी कर उनकी एक सूची बनाई जाती हैं। फिर उस सूची पर आयुक्तालय से आदेश जारी कर सम्बन्धित थानों में बोली लगाई जाती हैं। जिससे बेवजह पड़े वाहनों की भीड़ कम हो जाती है। यादि कोई वाहन कोर्ट के अन्तर्गत विचारीधीन चल रहा है तो उसका निस्तारण कोर्ट के माध्यम से किया जाता है। तब तक जब्तशुदा वाहनों को आगरा रोड स्थित बाड़े में खड़ा किया जाता हैं।
प्रमुख थाने जिनके बाहर पड़े वाहन
पुलिस थाना प्रताप नगर, रामनगरिया, सांगानेर, विधायक पुरी, सिंधीकैंप, झोटवाड़ा सहित शहर के अन्य थाने शामिल है।
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