कर्ज लेकर घी पी रही है सरकार : ईआरसीपी अभी तक राष्ट्रीय परियोजना नहीं बनी, जूली ने कहा- बजट में जनता के लिए राहत जैसा कुछ नहीं
इससे ज्यादा इस पर हम खर्च कर चुके हैं
केन्द्र 90 फीसदी राशि देगा। एमपी को 5 फीसदी और राजस्थान को 5 फीसदी खर्च करना है, लेकिन इससे ज्यादा इस पर हम खर्च कर चुके हैं।
जयपुर। बजट पर वाद विवाद बहस में विपक्ष की ओर से जवाब देते हुए नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा कि प्रदेश के बजट में ऐसा कुछ नहीं है, जिससे जनता को राहत मिले। इससे जनता को निराशा ही हाथ लगी है। सरकार ने इस साल 70 हजार करोड़ का कर्ज लिया है। संपत्तियों को बेचकर पैसा जुटाया जा रहा है। सरकार एक तरह से कर्ज लेकर घी पी रही है। ईआरसीपी को अभी तक राष्ट्रीय परियोजना नहीं बनाया गया है। कहा कि सरकार प्रदेश को 350 बिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाना चाहती है। प्रदेश की माली हालत ऐसी हो गई है कि यह 2035 तक भी संभव नहीं होगा। 70 हजार करोड़ का राजकोषीय घाटा है। वित्तीय वर्ष पूरा होने तक इसका 84 हजार करोड़ होने का अनुमान है। प्रदेश के टैक्स में 4 फीसदी वसूली कम हुई है। ना ही योजनाओं पर सरकार खर्च कर पा रही है। ईआरसीपी पर सरकार ने एमओयू समझौते को सार्वजनिक नहीं किया। पहले कहा बहुत बड़ा है, दे नहीं सकते। फिर आरटीआई के जवाब में कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा के चलते सूचना नहीं दे सकते हैं। अब पब्लिक पोर्टल पर डाल दिया है। केन्द्र 90 फीसदी राशि देगा। एमपी को 5 फीसदी और राजस्थान को 5 फीसदी खर्च करना है, लेकिन इससे ज्यादा इस पर हम खर्च कर चुके हैं।
केन्द्र इसे राष्ट्रीय परियोजना नहीं बना रहा। ना ही नदी जोड़ो अभियान में शामिल कर रहा है। प्रदेश सरकार संपत्ति बेचकर पैसा जुटा रही है। सामाजिक सुरक्षा पेंशन को 15 फीसदी सालाना बढ़ाने का रूल्स है। इस हिसाब से ये 1300 प्रति व्यक्ति होनी चाहिए थी, लेकिन नहीं किया गया है। राजस्थान के लाखों लोगों को पेंशन नहीं मिली है। झुंझुनूं में मंत्री के सामने पेंशन देने की मांग की गई तो पीड़ित को जेल में डाल दिया गया। 3500 करोड़ मनरेगा के बाकी है। सरपंचों को कार्यों की किश्तें नहीं मिल रही है। विधायक कोष का पैसा भी छह-छह माह देरी से आ रहा है। राजीव गांधी स्कॉलरशिप योजना में विदेश में पढ़ने गए बच्चों को पैसे नहीं दिए गए, वे भीख मांगने पर मजबूर हैं। दिव्यांगजनों को स्कूटियां नहीं बांटी गई। कर्मचारियों को 8वां वेतन आयोग देने के लिए अभी तक समिति तक नहीं बनाई गई। उन्होंने भरतपुर में जाटों को आरक्षण देने, छात्रसंघ चुनाव कराने की मांग भी की।
पहले ही साल 70 हजार करोड़ कर्जा लिया
आरोप लगाया कि सरकार का वित्तीय प्रबन्धन पूरी तरह से फेल है। वर्ष 2023-24 में कांग्रेस सरकार के वक्त 42728 करोड़ कर्ज लिया गया था। लेकिन इसके दूसरे ही साल भाजपा की सरकार बनने के बाद पहले ही साल 70 हजार करोड़ का कर्ज लिया गया। अब इस वित्तीय वर्ष में 84 हजार करोड़ से ज्यादा कर्ज लेने का अनुमान है।
राइजिंग राजस्थान पर श्वेत पत्र जारी करें
उन्होंने राइजिंग राजस्थान में हुए एमओयू पर सवाल उठाते हुए कहा कि सरकार को राइजिंग राजस्थान में हुए 35 लाख करोड़ रुपए के एमओयू पर श्वेत पत्र जारी करना चाहिए। एमओयू प्रदेश की जीडीपी के दोगुने हुए हैं। कहा कि हम चाहते हैं कि यह सभी धरातल पर आएं, लेकिन पुराने कार्यों, पूर्ण हो चुके कार्य करने वाले निवेशकों से भी एमओयू कर लिए गए। केसी बोकाड़िया के फिल्म सिटी पर कोई काम नहीं हुआ। पिछली सरकार ने भ्रष्टाचार किया था तो उसका भी श्वेत पत्र जारी करें।
जेजेएम घोटालों के आरोप लगाए, जांच क्यों नहीं करवाते
जूली ने कहा कि भाजपा ने पूर्व कांग्रेस सरकार पर जेजेएम घोटाले के आरोप लगाए थे। एक साल बीत चुका है, इसकी जांच क्यों नहीं करवाते। प्रदेश में कम काम होने के आरोप लगाए गए। जबकि देशभर में 70 हजार करोड़ के काम मंजूर हुए, लेकिन 22694 करोड़ के ही काम हुए। पूरे देश में धीमी गति से काम हुआ। एक साल में सरकार ने 25 लाख कनेक्शन देने की बात कही थी, लेकिन 11 लाख ही दिए गए। बाजरे की एमएसपी पर खरीद नहीं हुई। पशुपालकों को पांच रुपए प्रति लीटर दूध पर अनुदान अभी तक नहीं मिला है।

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