परिवहन विभाग का कारनामा : 8500 पुराने वाहनों का कर दिया बैकलॉग
अब तक जयपुर, सलूम्बर, झुंझुनूं में कार्रवाई, तीन डीटीओ निलंबित
साथ ही खेतड़ी के कार्यवाहक डीटीओ रमेश यादव को भी निलंबित किया गया है, जबकि खेतड़ी में मात्र एक वाहन का पंजीयन नवीनीकरण ही किया गया था।
जयपुर। परिवहन विभाग में पुराने वाहनों को बैकलॉग कर उन्हें नए वाहनों पर आवंटित करने का मामला सामने आया है। जयपुर आरटीओ-प्रथम में इस फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ, जिसके तार सलूम्बर और झुंझुनूं तक जुड़े मिले। इसके बाद मामले को गंभीरता से लेते हुए अब तक तीन डीटीओ निलंबित किए जा चुके हैं। परिवहन विभाग में पुराने नष्ट हो चुके या फिर अप्रचलित वाहनों के नम्बरों को बैकलॉग कर नए वाहनों पर आवंटित करने के फर्जीवाड़े का मामला सामने आया है। प्रकरण का खुलासा जयपुर आरटीओ प्रथम में हुआ था लेकिन अब इस मामले में तार सलूम्बर और झुंझुनूं तक जुड़ चुके हैं। इस मामले में परिवहन विभाग ने हाल ही झुंझुनूं डीटीओ मक्खनलाल जांगिड़, निरीक्षक सुमित कुमार और मंत्रालयिक कर्मचारी गजेन्द्र सिंह को निलंबित किया है। साथ ही खेतड़ी के कार्यवाहक डीटीओ रमेश यादव को भी निलंबित किया गया है, जबकि खेतड़ी में मात्र एक वाहन का पंजीयन नवीनीकरण ही किया गया था।
कहां हुआ फर्जीवाड़ा
जयपुर में सर्वाधिक 2129 वाहनों का बैकलॉग हुआ, जहां बाबू सुरेश तनेजा और एक आईटी कर्मी निलंबित किया गया। जोधपुर में 1166 वाहनों का बैकलॉग होने का मामला सामने आया। वहीं कोटा रीजन में 500, बांसवाड़ा में 285, श्रीगंगानगर में करीब 400, सवाईमाधोपुर में 357, डूंगरपुर में 125, ब्यावर में 200 वाहनों का बैकलॉग होने की जानकारी सामने आई है। खेतड़ी में मात्र एक वाहन के रिन्यूअल पर डीटीओ निलंबित किया गया। वहीं जोधपुर, श्रीगंगानगर, बांसवाड़ा, सवाईमाधोपुर में फिलहाल कोई कार्रवाई नहीं की गई।
थ्री डिजिट नंबरों को किया आवंटित
परिवहन विभाग के कई अन्य जिलों में फर्जी तरीके से वाहनों का बैकलॉग कर पुराने थ्री डिजिट नम्बरों को नए वाहनों पर आवंटित किया गया है। यह वाहन तीन नम्बरों की श्रेणी के हैं, ऐसे में नए वाहन लेने वाले खरीदारों में ऐसे वाहनों का ज्यादा क्रेज रहता है। इन मामलों में विभिन्न परिवहन कार्यालयों में कार्मिकों और एजेंटों की मिलीभगत भी सामने आई है। ऐसे वाहनों का फर्जी तरीके से बैकलॉग किया गया जो नष्ट हो चुके है।
पहले भी एसओजी ने पकड़ा
करीब दो साल पहले एसओजी ने अन्य राज्यों में पंजीकृत वाहनों को राजस्थान में पंजीकृत करने का मामला पकड़ा था। यह मामला अभी शांत नहीं हो सका है कि राजस्थान परिवहन विभाग के अफसरों का एक बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है।
इस मामले की जांच की जा रही है। जिसकी रिपोर्ट एडिशनल कमिश्नर को जल्द ही सौंपी जाएगी।
राजेन्द्र सिंह शेखावत, आरटीओ प्रथम

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