हमने रंग दे बसंती नहीं बनाई, फिल्म ने हमें बनाया : राकेश मेहरा
मेहरा के पिता की पहली नौकरी एक थिएटर में टॉर्चमैन की थी
जयपुर इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल के दूसरे दिन शनिवार को देश विदेश की फिल्मों की जेएलएन मार्ग स्थित एक सिनेमा हॉल में स्क्रीनिंग हुई
जयपुर। जयपुर इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल के दूसरे दिन शनिवार को देश विदेश की फिल्मों की जेएलएन मार्ग स्थित एक सिनेमा हॉल में स्क्रीनिंग हुई। इस दौरान 80 फिल्मों के चयनित कार्यक्रम में 18 फीचर फिक्शन, 37 शॉर्ट फिक्शन और 9 प्रभावशाली डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग हुई। इस मौके पर प्रसिद्ध फिल्मकार राकेश ओमप्रकाश मेहरा ने एक विशेष सत्र भाग लेते हुए अपने विचार प्रकट किए। मेहरा ने बताया कि हमने रंग दे बसंती नहीं बनाई, फिल्म ने हमें बनाया है। मेहरा ने बताया कि उनके पिता की पहली नौकरी एक थिएटर में टॉर्चमैन की थी, जिसने उनके परिवार का कला से रिश्ता स्थापित किया। यह व्यक्तिगत किस्सा उस वार्तालाप की शुरुआत थी, जो व्यक्तिगत और सिनेमाई इतिहास के परिदृश्य में आगे बढ़ी।
मेहरा ने कहा कि फिल्म निर्माण के प्रति मेरा दृष्टिकोण खुद को असफल होने की अनुमति देना है। हर प्रोजेक्ट में केवल बॉक्स ऑफिस प्रदर्शन पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय पूरी तरह से प्रक्रिया में डूब जाना आवश्यक है। इसी सोच ने उन्हें अपने करियर में साहसिक रचनात्मक जोखिम लेने की क्षमता दी।
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