वेस्ट-टू-एनर्जी प्लांट : रोज 1000 मीट्रिक टन कचरे से बन रही 12 मेगावाट बिजली, केन्द्रीय शहरी मंत्रालय के सचिव ने किया प्लांट का दौरा
फरवरी 2025 से संचालन शुरू
राजस्थान का पहला कचरे से बिजली बनाने का प्लांट राजधानी जयपुर में संचालित है।
जयपुर। राजस्थान का पहला कचरे से बिजली बनाने का प्लांट राजधानी जयपुर में संचालित है। इस प्लांट से रोज एक हजार मीट्रिक टन कचरे से 12 मेगावाट बिजली का उत्पादन हो रहा है। भारत सरकार के आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय के सचिव कातिकिथाला श्रीनिवास ने जयपुर के लांगड़ियावास सॉलिड वेस्ट आधारित वेस्ट टू एनर्जी प्लांट का शुक्रवार को दौरा किया। यह प्लांट राजस्थान सरकार की स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत एक प्रमुख पहल है, जिसे पीपीपी मॉडल के तहत जिंदल अर्बन वेस्ट मैनेजमेंट जयपुर लिमिटेड की ओर से संचालित किया जा रहा है।
इससे नगर निगम को ढ़ाई करोड़ की आय हो रही है। मंत्रालय के सचिव ने इस प्रोजेक्ट की काफी सराहना करते हुए इसे सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के सहयोग से शहरी चुनौतियों के समाधान का उत्कृष्ट उदाहरण बताया। इस अवसर पर जुईकर प्रतीक चंद्रशेखर निदेशक एसबीएम अर्बन एवं एवं डॉ. निधि पटेल आयुक्त नगर निगम हेरिटेज जयपुर ने सचिव का स्वागत किया। जुईकर ने बताया कि इस प्लांट की क्षमता को भविष्य में और बढ़ाया जाएगा, जो 1700 मीट्रिक टन कचरे प्रतिदिन तक पहुंच जाएगी।
प्लांट की विशेषताएं :
- फरवरी 2025 से संचालन शुरू।
- 1000 मीट्रिक टन अपशिष्ट की दैनिक प्रोसेसिंग क्षमता।
- 12 मेगावाट प्रतिदिन बिजली उत्पादन।

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