प्रतिनियुक्ति आई रास : 9 कार्मिकों का चार वर्ष का कार्यकाल हुआ पूरा, शिक्षा बोर्ड में आए तो यहीं के होकर रह गए
प्रमोट होकर असिस्टेंट प्रोग्रामर बन गए
अब तक न तो बोर्ड ने सरकार को मूल विभाग में भेजने के लिए लिखा न ही प्रमोशन के बाद सरकार ने किया ट्रांसफर
अजमेर। राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड में प्रतिनियुक्ति पर आए कार्मिकों का 8 साल बाद भी सरकार ने उन्हें मूल विभाग में वापस नहीं लौटाया। इस अवधि में प्रमोशन पाकर यहीं काम करने वालों का भी सरकार ने कोई ट्रांसफर नहीं किया। प्रतिनियुक्ति अवधि पूर्ण होने के बाद बोर्ड ने भी सरकार से अब तक कोई पत्राचार नहीं किया है। इधर बोर्ड कार्मिकों में नाराजगी हैं कि स्थाई रूप से बोर्ड में नियुक्ति पाकर यहीं काम करने वाले प्रत्येक बोर्ड के कार्मिक की तो गोपनीयता और पारदर्शिता के नाम पर हर तीन साल में सेक्शन और सीटें बदल दी जाती हैं, लेकिन बोर्ड में ही प्रतिनियुक्ति पर आने वाले कार्मिकों और अधिकारियों को लेकर न तो बोर्ड प्रशासन गंभीर हैं और न ही सरकार गम्भीर।
नतीजन जिन कार्मिकों और अधिकारियों की प्रतिनियुक्ति अवधि पूर्ण हो गई ऐसे कार्मिक और अधिकारी अब भी बोर्ड में ही जमे हैं। जबकि इनमें से अधिकांश का तो प्रमोशन भी हो गया। यानी जिस पोस्ट पर आए प्रमोशन के बाद उस पोस्ट के भी अधिकारी नहीं रहे फिर भी उसी सीट और सेक्शन का काम संभाल रहे हैं।
प्रमोट होकर असिस्टेंट प्रोग्रामर बन गए
बोर्ड में कार्यरत इन 9 कार्मिकों को चार वर्ष का कार्यकाल भी पूरा हो गया। बल्कि 4 कार्मिकों को तो 6 वर्ष पूरे हो गए हैं। ये सभी सूचना सहायक से प्रमोट होकर असिस्टेंट प्रोग्रामर बन चुके हैं। बोर्ड ने नियमों का हवाला देते हुए चार वर्ष पूरे होते ही इनके प्रतिनियुक्ति भत्ते भी बंद कर दिए, लेकिन सरकार को इनके मूल विभाग में लौटाने के लिए नहीं लिखा और न ही प्रमोशन पाने के बाद भी सरकार ने इनके ट्रांसफर किए। छह साल का प्रतिनियुक्ति काल पूरा करने वालों में यश बायला, देवेन्द्र, गजराज और शिवाली भाकर शामिल हैं।
नहीं उठाया ठोस कदम
दैनिक नवज्योति में भी 20 दिसम्बर 2024 को "शिक्षा बोर्ड में 8 सालों से डेपुटेशन पर ही जमे हैं सूचना सहायक" शीर्षक से खबर प्रकाशित की थी। इस पर बोर्ड प्रशासन ने मार्च-अपै्रल 2025 में परीक्षा पूर्ण होने के बाद कार्यमुक्त करने के लिए संबंधित शाखा को निर्देशित किया था, लेकिन अब तक इस संबंध में कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा सका हैं।
बोर्ड में सूचना सहायक (आईए) के करीब 18 पद स्वीकृत हैं। इनमें से सृूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग के मूल विभाग से चार वर्ष पूर्व करीब 9 सूचना सहायक प्रतिनियुक्ति पर बोर्ड आए और यहीं प्रमोशन पाकर यथावत उसी पोस्ट सूचना सहायक पद पर कार्य कर रहे हैं। नियमानुसार प्रतिनियुक्ति की अधिकत्तम अवधि 4 वर्ष होती हैं।
18 पद स्वीकृत पर कार्यरत एक भी नहीं
बोर्ड में आईटी शाखा में सूचना सहायक के करीब 18 पद स्वीकृत हैं, लेकिन वर्तमान में एक भी सूचना सहायक कार्यरत नहीं हैं। चार और छह वर्ष पूर्व जो सूचना सहायक आए। वे सभी प्रमोट होकर असिस्टेंट प्रोग्रामर बन गए, लेकिन काम सूचना सहायक के पद पर ही कर रहे हैं। ये सभी कार्मिक बोर्ड की आईटी शाखा में कार्यरत हैं। बोर्ड में इन दिनों सैकण्डरी और सीनियर सैकण्डरी की परीक्षा सम्पन्न होने के बाद परीक्षा परिणाम की तैयारियां चल रही हैं।
एफए बिस्सा का प्रतिनियुक्ति काल पूरा
इधर बोर्ड में प्रतिनियुक्ति पर तैनात वित्तीय सलाहकार रश्मि बिस्सा की अधिकत्तम चार वर्ष की अवधि भी एक अपै्रल को पूरी हो गई। बोर्ड ने नियमों का हवाला देते बिस्सा को मिलने वाले प्रतिनियुक्ति भत्ता भी बंद कर दिया हैं। बोर्ड में सबसे लम्बे समय तक प्रतिनियुक्ति पर रहने वाले वित्तीय सलाहकार में नरेन्द्र कुमार तंवर रहे। तंवर के वित्तीय सलाहकार रहते ही बोर्ड में करीब 52 करोड़ रुपए की एफडी गबन का मामला भी उजागर हुआ था।
इनका कहना है
प्रतिनियुक्ति पर जिन कार्मिकों और अधिकारियों को चार वर्ष पूर्ण हो गए हैं, नियमानुसार उनके प्रतिनियुक्ति भत्ते बंद कर दिए गए हैं। जिन कार्मिकों के प्रमोशन हुए हैं, उनका अभी तक ट्रांसफर नहीं हुआ हैं। बोर्ड की ओर से प्रतिनियुक्ति अवधि पूर्ण होने वाले सभी कार्मिकों और अधिकारियों के बारे में राज्य सरकार को अवगत करा मूलविभाग में भेजने के लिए लिखा जाएगा और इनके स्थान पर नए कार्मिक मांगे जाऐंगे, जिससे बोर्ड के आईटी सेल का काम प्रभावित नहीं हो सके।
-कैलाशचन्द्र शर्मा, सचिव, माशिबो
Comment List