रचनात्मकता के संसार वाइब्रेंट ह्यूज 3 दिवसीय चित्र प्रदर्शनी का समापन, डॉ. महाजन ने जीवन में जो जिया है, उसको कैनवास पर उतारा
चित्रकारों-कला विवेचकों ने डॉ. सुषमा के चित्रों को बेजोड़ बताया संकलन
डॉ. महाजन द्वारा चित्रित भगवान गणेश के दो चित्रों को अद्भूत बताते हुए उन्होंने कहा कि इनमें रंगों का अनूठा संयोजन किया गया है।
जयपुर। जयपुर के जवाहर कला केन्द्र की अलंकारन दीर्घा में तीन दिन तक आयोजित वरिष्ठ चिकित्सा विशेषज्ञ रेडियोलाजिस्ट डॉ. सुषमा महाजन की चित्र प्रदर्शनी को जिसने भी देखा वह उसकी सराहना किए बिना नहीं रहा। चित्रकारों और कला विवेचकों ने डॉ. महाजन के चित्रों को बेजोड़ संकलन बताया। चित्रकार डॉ. महाजन ने भी जीवन में जो जिया है, कैनवास को उतारने में कोई कसर नहीं छोड़ी। वाइब्रेंट ह्यूज इस प्रदर्शनी की शुरुआत 12 जनवरी को हुई थी, जो मंगलवार को समाप्त हुई। प्रदर्शनी को वरिष्ठ प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों के साथ चित्रकारों और कलाकारों ने भी डॉ. सुषमा महाजन के चित्रों को निहारा। इन चित्रों में जीवन और प्रकृति के मेल-मिलाप के उजले पक्ष को विस्तार दिया गया है। इस प्रदर्शनी का उद्घाटन भारत के पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त और प्रदेश के पूर्व मुख्य सचिव सुनील अरोड़ा ने किया था। इस अवसर पर जयपुर के पुलिस आयुक्त बीजू जॉर्ज जोसफ सहित कई नामी चित्रकार और कला प्रेमी उपस्थित थे। अरोड़ा ने चित्रों को बारीकी से देखा और एक-एक चित्र के कलात्मक पहलुओं और उनके संदेशों पर विस्तार से चर्चा की। इस अवसर पर अरोड़ा ने कहा कि वे ऐसी कला को निहार कर अभिभूत है। उन्होंने कहा कि चिकित्सा के क्षेत्र में होते हुए भी डॉ. सुषमा की वाटर कलर्स की ऐसी कलाकृतियां जो कि संवेदनाओं के दार्शनिक चिंतन को दर्शाती हुई है, अलौकिक है। इस अवसर पर मौजूद जयपुर के पुलिस आयुक्त बीजू जॉर्ज जोसफ ने कलाकृतियों को निहारते हुए कहा कि ऐसी जीवंत कलाकृतियां निश्चित तौर पर जीवन में रंगों के संतुलन के साथ आंतरिक स्थायित्व एवं अनुशासन को दर्शाती हैं। प्रदर्शनी में तीन दिन तक लगातार कला-प्रेमियों का तांता लगा रहा।
इनमें विश्व प्रतिष्ठित चित्रकार गोपाल स्वामी खेतांची, फिल्म कलाकार और निर्देशक अशोक बांठिया, सिद्धहस्त कलाकार एनएल वर्मा, जाने माने चित्रकार विद्यासागर उपाध्याय, पत्रकार एवं समीक्षक विनोद भारद्वाज, दैनिक भास्कर के नेशनल एडिटर लक्ष्मी प्रसाद पंत, संगीत नाटक अकादमी नई दिल्ली के गगन मिश्रा, ललित कला अकादमी के सचिव रजनीश हर्ष, पूर्व सचिव एवं कलाकार एसएस खंगारोत, विनय शर्मा, कैलाश चंद शर्मा, नाथुलाल वर्मा, मनीष शर्मा, सौम्या शर्मा, सुरेन्द्र सोनी, महात्मा गांधी चिकित्सा संस्थान के चेयरमैन डॉ. विकास स्वर्णकार सहित जयपुर शहर में कला जगत की नामचीन हस्तियों ने भी शिरकत की।
उप मुख्यमंत्री दिया कुमारी ने भी किया अवलोकन
उप मुख्यमंत्री दिया कुमारी ने भी प्रदर्शनी के अंतिम दिन डॉ. महाजन के चित्रों का अवलोकन किया और अपनी कला के जरिए राजस्थान की प्राचीन संस्कृति और विरासत को नए आयाम देने के लिए उनकी सराहना की। डॉ. महाजन द्वारा चित्रित भगवान गणेश के दो चित्रों को अद्भूत बताते हुए उन्होंने कहा कि इनमें रंगों का अनूठा संयोजन किया गया है।
यह दूसरे पेशेवरों के लिए प्रेरणादायी
प्रतिष्ठित चित्रकार गोपाल स्वामी खेतांची ने कहा कि चिकित्सा जैसे अति व्यस्त पेशे में रहते हुए डॉ. महाजन ने चित्रों के माध्यम से अपने भावों को इतने सुन्दर तरीके से प्रस्तुत किया है। यह दूसरे पेशेवर लोगों के साथ-साथ कलाकारों के लिए भी प्रेरणादायी है। उन्होंने कहा कि परिंदे, पशु, स्थापत्य, प्रकृति, सामाजिक जीवन, गलियां, पहाड़, बर्फ, स्त्री जीवन, जैसे अनेक अभिनव पक्षों को संयोजित करते चित्र एक अलग ही दुनिया का प्रतिबिंब दर्शक के सामने ले आते हैं।
सभी कलाकृतियां अंतर्मन की संवेदना से जुड़ी
संस्कृतिकर्मी और कला समीक्षक डॉ. राजेश कुमार व्यास ने टिप्पणी की है कि डॉ. सुषमा महाजन की सभी कलाकृतियां अंतर्मन की संवेदना से जुड़ी है। वह प्रकृति में घुले रहस्यों को कला में रूपांतरित कर उसी देखने वालों के लिए सहज बनाती हैं।
खींवसर ने भी की सराहना
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर ने कहा कि डॉ. महाजन ने प्रकृति के प्रति अपने लगाव और आकर्षण को बेहतरीन ढंग से चित्रित किया है। उनके चित्र रेखाओं और रंगों का अनूठा संगम हैं। उनके चित्रों में बोस्टन, एम्सटर्डम सहित जापान और विश्व के प्रसिद्ध दर्शनीय स्थलों और वहां की स्थानीय संस्कृति बखूबी झलकती है। उन्होंने विंटेज कारों के चित्रों के माध्यम से विरासत के प्रति अपने प्रेम को चित्रित किया है।
इन प्रशासनिक अफसरों ने भी निहारा
प्रदर्शनी में प्रशासनिक अधिकरियों ने भी भागीदारी की। प्रमुख रूप से पूर्व मुख्य सचिव सलाउद्दीन अहमद, पूर्व राज्य निर्वाचन आयुक्त अशोक पाण्डे, पूर्व अतिरिक्त मुख्य सचिव अल्का काला, मुकेश शर्मा, पूर्व पुलिस महानिदेशक सुनील दत्त, प्रमुख सचिव दिनेश कुमार, गायत्री राठौड़, टी. रविकांत, भवानी सिंह देथा, आनंदी, रुक्मणि रियाड़ आदि ने प्रदर्शनी का अवलोकन किया और डॉ. सुषमा महाजन के कृतित्व की प्रशंसा की। जयपुर की संभागीय आयुक्त रश्मि गुप्ता ने कहा कि डॉ. महाजन की अभिव्यक्ति सहज है। उन्होंने जीवन में जो जिया है, उसे रचनात्मक रूप से कैनवास पर उतारा है।
प्रकृति की सुन्दरता को भी जीना चाहिए: डॉ. सुषमा
डॉ. सुषमा महाजन ने अपने चिकित्सकीय पेशे के समानान्तर इस विधा में हासिल नई उपलब्धि पर स्वयं कहा कि हमें भागदौड़ के जीवन में प्रकृति की सुन्दरता को भी जीना चाहिए। मैंने अपनी पेंटिंग्स के जरिए यह समझा है और मेरा सन्देश भी यही है कि हमारे आसपास की प्रकृति और हमारी विरासत बहुत सुन्दर है।
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