कमलेश प्रजापत एनकाउंटर प्रकरण : दो आईपीएस अधिकारियों पर हत्या का केस दर्ज करने के आदेश
सीबीआई-एसीजेएम ने क्लोजर रिपोर्ट को किया खारिज
अधिवक्ता अर्जुनसिंह राजपुरोहित ने बताया, 22 अप्रेल, 2021 को बाड़मेर के विष्णुनगर में पुलिस ने एनकाउंटर किया था।
जोधपुर। बाड़मेर के चर्चित कमलेश प्रजापत एनकाउंटर मामले में अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीबीआई) केसेज जोधपुर महानगर ने तत्कालीन पुलिस अधीक्षक पाली व बाड़मेर के खिलाफ हत्या सहित अन्य धाराओं में प्रसंज्ञान लिया है। सीबीआई केसेज के पीठासीन अधिकारी अनुभव तिवाड़ी ने कमलेश प्रजापत की पत्नी जशोदा की ओर से पेश प्रोटेशट पिटीशन पर प्रसंज्ञान लिया है। अधिवक्ता अर्जुनसिंह राजपुरोहित ने बताया, 22 अप्रेल, 2021 को बाड़मेर के विष्णुनगर में पुलिस ने एनकाउंटर किया था। जबकि इसमें पाली पुलिस की ओर से भी सांडेराव में एक एनडीपीएस का मुकदमा बताया गया है। ऐसे में बाड़मेर व पाली पुलिस ने मिलकर फर्जी एनकांउटर किया है। एनकाउंटर में पुलिस को संदेह के घेरे में मान परिवार व समाज की ओर से विरोध प्रदर्शन करते हुए तत्कालीन राजस्व मंत्री हरीश चौधरी व उनके भाई पर राजनीतिक व व्यापारिक द्वेष का आरोप लगाया गया, तो मामला सीबीआई को सौंपा गया था।
मामले में सीबीआई की ओर से जांच के बाद एफआर पेश कर दी। जिसके खिलाफ जशोदा की ओर से एसीजेएम सीबीआई में प्रोटेशट पिटीशन पेश की गई। कोर्ट ने सुनवाई के बाद कालूराम रावत तत्कालीन पुलिस अधीक्षक पाली, आनंद शर्मा तत्कालीन पुलिस अधीक्षक बाड़मेर के विरुद्ध अपराध अंतर्गत धारा 120बी भारतीय दंड संहिता-1860, रजत विश्नोई तत्कालीन सीओ सुमेरपुर पाली के विरुद्ध अपराध अंतर्गत धारा 120बी व 195 भारतीय दंड संहिता-1860 एवं पुष्पेंद्र आढ़ा तत्कालीन डीएसपी एससी/एसटी सेल बाड़मेर, प्रेमप्रकाश पुलिस निरीक्षक तत्कालीन एसएचओ बाड़मेर कोतवाली, पर्बतसिंह इंस्पेक्टर तत्कालीन एसएचओ बाड़मेर ग्रामीण, प्रभूराम एसआई थाना बाड़मेर, कोतवाली, महिपालसिह हैड कां, नरसिंग चालक कां. बाड़मेर, हरदान हैड कां,श्यामलाल कां, भरतकुमार कां, रमेश कुमार कां, चालक राजकुमार कां. दुर्गसिंह हैड कां. प्रेमकुमार कां, चालक प्रभूलाल कां. पेमाराम कांस्टेबल, दिनेश कांस्टेबल, कानाराम कांस्टेबल, किशोर कांस्टेबल, चालक रामश्री कांस्टेबल, मेहाराम हैड कां. व पुखराज कां, बाड़मेर के विरुद्ध अपराध अंतर्गत धारा 302, 147, 148, 149,120बी, 201 भारतीय दंड संहिता-1860 का प्रसंज्ञान लिया।
कोर्ट ने सीबीआई को आदेश दिया, कि वह हरीश चौधरी, तत्कालीन राजस्व मंत्री राज. सरकार व उसके भाई मनीष चौधरी एवं एन. गोगोई तत्कालीन आईजी जोधपुर रेंज व अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक जिला पाली व प्रकरण संख्या 30/2021 के अन्वेषण में सम्मिलित पुलिस टीम के अन्य सदस्यों को लेकर अग्रिम जांच कर इस घटना में उनकी भूमिका के संदर्भ में जांच शुरू कर 2 माह के भीतर रिपोर्ट कोर्ट में पेश करें।

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