जवाहर नवोदय विद्यालयों में सुरक्षा और खामियों को लेकर नोटिस जारी, केन्द्र सरकार समेत अन्य से जवाब तलब
आत्महत्याओं सहित कई छात्र के मौतों की घटनाएं सामने आई हैं
याचिका में आरोप लगाया गया है कि कई नवोदय विद्यालयों में अब तक पूर्णकालिक वार्डन, काउंसलर, सीसीटीवी निगरानी, परिधि सुरक्षा, आपात प्रबंधन और शिकायत निवारण तंत्र जैसी आवश्यक व्यवस्थाएं उपलब्ध नहीं हैं।
जोधपुर। राजस्थान हाईकोर्ट के वरिष्ठ न्यायाधीश डॉ. पुष्पेन्द्रसिंह भाटी व न्यायाधीश संदीप तनेजा की खंडपीठ ने देशभर के जवाहर नवोदय विद्यालयों में सुरक्षा, स्टाफिंग और मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी गंभीर खामियों को लेकर दायर जनहित याचिका पर केंद्र सरकार, शिक्षा मंत्रालय और नवोदय विद्यालय समिति को नोटिस जारी किया है। याचिकाकर्ता हरि मोहन चारण की ओर से अधिवक्ता विनीत आर. दवे ने जनहित याचिका पेश की। याचिका में आरोप लगाया गया है कि कई नवोदय विद्यालयों में अब तक पूर्णकालिक वार्डन, काउंसलर, सीसीटीवी निगरानी, परिधि सुरक्षा, आपात प्रबंधन और शिकायत निवारण तंत्र जैसी आवश्यक व्यवस्थाएं उपलब्ध नहीं हैं।
याचिका में बताया, कि नवोदय विद्यालय समिति की ओर से 2019 में जारी एक परिपत्र के माध्यम से सफाई कर्मचारियों और चौकीदारों को एमटीएस के रूप में छात्रावासों की देखरेख के लिए नियुक्त करने का निर्देश दिया गया, जो केवल औपचारिकता रह गया है और योग्यता आधारित स्टाफिंग के मापदंडों का उल्लंघन करता है। गत वर्षों में नवोदय विद्यालयों में आत्महत्याओं सहित कई छात्र के मौतों की घटनाएं सामने आई हैं। हाईकोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए केन्द्र सरकार सहित अन्य को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है।

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