असर खबर का - खुशखबरी: फसलों के लिए चम्बल की नहरों में दौड़ेगा अमृत
सीएडी ने कराई नहरों की मरम्मत और सफाई, दायीं में 19 व बायीं नहर में 25 से छोड़ेंगे पानी
क्षतिग्रस्त नहरों की मरम्मत का कार्य भी किया गया, ताकि नहरों से पानी व्यर्थ नहीं बह सके।
कोटा । फसलों के लिए नहरी पानी का इंतजार कर रहे किसानों के लिए खुशखबरी है। रबी फसल 2024-25 के लिए चंबल सिंचित क्षेत्र के कृषकों की मांग के अनुसार चंबल की दोनों नहरों में जलप्रवाह किया जाएगा। दायीं नहर में 19 अक्टूबर और बायीं नहर में 25 अक्टूबर से पानी छोड़ा जाएगा। इससे पूर्व पर सीएडी विभाग की ओर से नहरों और वितरिकाओं की मरम्मत और साफ-सफाई का कार्य करवाया गया। इसके लिए विभाग ने मशीनों का उपयोग किया और युद्ध स्तर पर सफाई का कार्य चलाया। इस दौरान क्षतिग्रस्त नहरों की मरम्मत का कार्य भी किया गया, ताकि नहरों से पानी व्यर्थ नहीं बह सके।
नवज्योति ने उठाया मामला तो हरकत में आया विभाग
चम्बल की नहरों की दुर्दशा के सम्बंध में दैनिक नवज्योति में 10 अक्टूबर के अंक में प्रमुखता से प्रकाशित किया गया था। जिसमें बताया था कि दायीं व बायीं मुख्य नहर में आगामी दिनों में जल प्रवाह शुरू होने वाला है, लेकिन अभी तक सफाई का काम शुरू नहीं हो पाया है। वहीं नहरों की सेहत पूरी तरह से नहीं सुधर पाई है। शहरी क्षेत्र में मुख्य नहरों के धोरों की जमीन पर अतिक्रमण हो गया है। दायीं मुख्य नहर की किशनपुरा ब्रांच की करीब पांच किमी लम्बी नहर कचरे से अटी हुई है। लोगों ने इस नहर को कचरा पात्र बना दिया है। समाचार प्रकाशित होने के बाद सीएडी विभाग हरकत में आया और नहरों की मरम्मत और सफाई का कार्य करवाया। जेसीबी मशीनों के माध्यम से नहरों से काफी मात्रा में कचरा निकाला गया।
किसान मांग रहे थे नहरी पानी
कोटा जिले सहित अन्य क्षेत्रों में रबी फसलों की बुवाई का कार्य गति पकड़ने लगा है। ऐसे में किसानों को नहरी पानी की जरूरत होने लगी थी। जिले के अधिकांश क्षेत्रों में तय समय पर रबी फसलों की बुवाई हो गई है। फसलों की बढ़वार अच्छी हो इसलिए नहरी पानी की दरकार थी। किसानों की जरूरत को देखते हुए सीएडी प्रशासन ने नहरी पानी छोड़ने का निर्णय किया है। अतिरिक्त क्षेत्रीय विकास आयुक्त सीएडी ममता कुमारी तिवारी ने बताया कि रबी फसल 2024- 25 के लिए चंबल सिंचित क्षेत्र के कृषकों की मांग के अनुसार संभागीय आयुक्त पदेन क्षेत्रीय विकास आयुक्त के निर्देशानुसार दायीं मुख्य नहर में 19 अक्टूबर एवं बायीं मुख्य नहर में 25 अक्टूबर से आवश्यकतानुसार जल प्रवाह किया जाएगा।
रबी फसलों की बुवाई होने के बाद नहरी पानी की जरूरत हो रही थी। हर साल नहरों में कचरा होने से जलप्रवाह में बाधा आती है। अब सीएडी की ओर से नहरों की सफाई करवाने से टेल क्षेत्र के किसानों को समय पर नहरी पानी मिल सकेगा।
-नेमीचंद नागर, किसान
प्हले मनरेगा मजदूरों से नहरों की सफाई करवाई जा रही थी। बाद में जेसीबी मशीनें लगाकर व्यापक स्तर पर नहरों की सफाई का अभियान चलाया गया। लोगों ने नहरों में काफी मात्रा में कचरा डाल रखा था। इस दौरान नहरों की मरम्मत भी करवाई गई है।
-लखनलाल गुप्ता, अधीक्षण अभियंता, सीएडी कोटा
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