निगम,न्यास के बीच सेंडविच सा बना चंबल गार्डन, हो रही दुर्दशा

अब नगर निगम करवाएगा काम

निगम,न्यास के बीच सेंडविच सा बना चंबल गार्डन, हो रही दुर्दशा

निगम अधिकारियों को चाहिए वह इस गार्डन को मैंटेन करे।

कोटा। चम्बल नदी के किनारे बना शहर का सबसे पुराने चम्बल गार्डन किसी समय में लोगों के लिए घूमने और पिकनिक का प्रमुख स्थान था। लेकिन वर्तमान में दुर्दशा का शिकार होने से आमजन को इसकी सुविधाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है। इतना ही नहीं दो विभागों के बीच फंसने ने गार्डन का विकास नहीं हो पा रहा था। अब नगर निगम यहां काम करवाएगा। चम्बल गार्डन में न तो फव्वारे चल रहे हैं और न ही झूले। गार्डन के बीच में बना बड़ा फव्वारा  वहां आने वाले लोगों के लिए आकर्षण का केन्द्र था। जिसमें महिला के हाथ में रखे मटकों से पानी गिरता था और चारों तरफ फव्वारे चलते थे। लोग यहां फोटोग्राफी करते थे। हालत यह है कि पिछले कई सालों से यह फव्वारा बंद है। जिससे यहां आने वालों को निराशा हो रही है।

यह भी है समस्या
लोगों का कहना है कि गार्डन मे नि:शुल्क वाले झूलों में अधिकतर टूटे हुए हैं। जिससे बच्चे उन पर झूल नहीं पा रहे। टूटे झूलों से चोट लगने का खतरा है। वहीं जो झूले टिकट वाले हैं वे भी बंद हैं। डस्टबीन टूटे हुए हैं।  बैठने की बैंचें टूटी हुई हैं। गार्डन में दिनभर श्वान घूमते रहते हैं।  जिससे कभी खाने के सामान उठा ले जाते हैं तो कभी बच्चों को काटने का डर बना रहता है। 

टिकट वसूल रहे तो सुविधा दे निगम
गार्डन आने वालों का कहना है कि निगम की ओर से गार्डन में प्रवेश का टिकट लगाया हुआ है। हालाकि वह राशि अधिक नहीं है। लेकिन जनता से टिकट की राशि 5 रुपए वसूल की जा रही है तो उसे सही करने की जिम्मेदारी भी निगम की है। निगम अधिकारियों को चाहिए वह इस गार्डन को मैंटेन करे। जनता को इससे कोई मतलब नहीं है कि यह निगम करवाएगा या नगर विकास न्यास। जनता को तो गार्डन में सुविधा चाहिए। 

बीच में फंसा विकास
चम्बल गार्डन का विकास नगर निगम व नगर विकास न्यास के बीच में फंÞसा हुआ है। वैसे यह गार्डन नगर निगम कोटा दक्षिण के अधीन है। इसकी देखरेख नगर निगम करता है। लेकिन इसकी दुर्दशा होने पर इसके विकास का काम कुछ समय पहले यूआईटी ने करवाने का निर्णय किया था। जिसकी डीपीआर भी तैयार हो रही थी। लेकिन बाद में वह डीपीआर व काम से न्यास से हाथ खींच लिए। उसके बाद निगम को इसका काम करवाना था। लेकिन निगम के स्तर पर भी अभी कोई काम यहां नहीं कराया गया है। जिससे यहां घूमने आने वालों को सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं। 

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चम्बल गार्डन में पहले नगर विकास न्यास को काम करवाना था। उसकी डीपीआर भी बन रही थी।। लेकिन उसे निरस्त कर दिया गया। अब निगम को इसका काम करवाना है। डीएलबी से यहां 50 लाख के काम करवाने के प्रस्ताव मांगे थे। वह बनाकर भेजे हैं। जिसमें पुराने कैंटीन हॉल के पास की जगह पर गार्डन विकसित करने और पौधे लगाने समेत कई काम हैं। वहां से स्वीकृति मिलने पर पहले उस काम को करवाया जाएगा।
- ए.क्यू कुरैशी, अधिशाषी अभियंता नगर निगम कोटा दक्षिण

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चम्बल गार्डन में फव्वारे व टूटे झूलों को सही करवाने का काम पहले नगर विकास न्यास को करना था। लेकिन अब यह काम नगर निगम करवाएगा। पहले चरण में 50 लाख के काम होंगे। साथ ही 15-15 लाख के दो टेंडर समेत अन्य काम के टेंडर जारी कर दिए हैं। शीघ्र ही टेंडर प्रक्रिया पूरी होने पर यहां काम निगम के स्तर पर करवाए जाएंगे। 
- कुलदीप गौतम, अध्यक्ष उद्यान समिति, नगर निगम कोटा दक्षिण

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