टूट रही फॉल्स सीलिंग,फूट रही टाइल्स
न्यू मेडिकल अस्पताल की अव्यवस्था दे रही मरीजों को दर्द : टायलेट टूटे, बिजली फिटिंग उखड़ी
न्यू मेडिकल कॉलेज परिसर में स्थित अस्पताल को बने लगभग 20 से 25 साल हो गए है।
कोटा। न्यू मेडिकल अस्पताल 20 साल में ही बदाहाल होने लगा है। रख रखाव नहीं होने से वार्ड में फॉल्स सीलिंग गिर रही है। जगह जगह से ग्रेनाइट और टाइल्स उखड़ रही है। चहुंओर गंदगी कबाड का डेर लगा हुआ है। महिला पुरुषों के शौचालय की टाइल्स टूट गई है। वहीं कुछ में कबाड़ भरकर बंद कर रखा है। वार्ड फिटिंग उखड़ रही है। कई जगह तो दरवाजे तक गायब हो गए है। 15 साल में अस्पताल वर्षो पुराना जैसा लगने लगा है। इमारत में लगभग 26 वार्ड, 10 आॅपरेशन थिएटर और जांच के लिए केंद्रीय प्रयोगशाला का एक अलग ब्लॉक, ट्रॉमा यूनिट और जरा चिकित्सा इकाई शामिल हैं। अस्पताल 24 घंटे आपातकालीन, दैनिक आउटडोर और इनडोर है। लेकिन अधिकांश ब्लॉक में सफाई और मरम्मत की दरकार है।
ट्रोमा वार्ड ब्लॉक के गलियारे के दरवाजे गायब
न्यू मेडिकल कॉलेज परिसर में स्थित अस्पताल को बने लगभग 20 से 25 साल हो गए है। लेकिन इसकी देखभाल नहीं होने और समय समय पर मरम्मत नहीं होने से अस्पताल कई वार्ड में टूट फूट हो गई है। वहीं पेयजल के लिए लगाए वाटर कुलिंग मशीने बंद पड़ी है। ओपीडी में आने वाले मरीजों को पानी के लिए इधर उधर भटकना पड़ रहा है। ट्रोमा वार्ड ब्लॉक के गलियारे में जगह जगह गेट टूट गए उनके स्थान पर टूटे स्टेचर लगाकर उसको बंद किया हुआ है। इसको हटाकर असामाजिक तत्व अस्पताल में प्रवेश कर जाते हैं।
शौचालय बने कबाड़ घर
अस्पताल में इलाज कराने आए मरीज शिवराज ने बताया कि अस्पताल में रात के समय असामाजिक तत्वों का जमावड़ा रहता है। मरीजों के पर्स रात में चोरी हो जाते है। अस्पताल में सुरक्षा नहीं है। ओपीडी में बने शौचालय में कबाड़ भरा अधिकांश शौचालय की टाइल्स टूटी तो कुछ गंदगी से अटे है। ऐसे में ओपीडी में आए मरीजों को भारी परेशानी हो रही है।
बिजली के खुले पैनल से करंट का खतरा
जगह बिजली के पैनल खुले हुए और नंगे तार लटक रहे हैं। मरीज उन्हीं के नीचे बैठते है। बारिश के समय हमेशा करंट का खतरा बना रहता है। अस्पताल में आए दिन बिजली खराब होने के चक्कर में इन पैनल के ढक्कन ही हटा दिए है इनको खुला छोड रखा है।
ई मित्र मशीन खा रही धूल , मरीजों को नहीं मिल रहा फायदा
अस्पताल में मरीजों की सुविधा के लिए लगाई ई मित्र प्लस मशीने ओपीडी परिसर में धूल खा रही है। इनका उपयोग नहीं हो रहा है। इन मशीनों ना तो भामाशाह कार्ड निकल रहा ना ही आधार कार्ड। ये मशीने शौपीस बन कर रह गई है।
फॉल्स सीलिंग दे रही हादसों को न्यौता
शल्य चिकित्सा वार्ड में भर्ती मरीजों ने बताया कि कई मरीजों के बेड टूटी फॉल सीलिंग के नीचे लगे हुए है। ऐसे में कभी हादसा हो सकता है। बारिश में कई बार फॉल सीलिंग गिर चुकी है। वहीं अस्पताल के गलियारों में जगह जगह फॉल सीलिंग टूट रही है। अधिकांश वार्ड में जगह जगह से फॉल सीलिंग टूटी है।
इनका कहना है
अस्पताल में यहां जहां मरम्मत की आवश्यकता वहां कराई जा रही है। खराब टायलेट सुधारे जा रहे है। कबाड का निस्तारण शुरू कर दिया है। इसके लिए एक एकाउंटेंट लगाया है जो बडे निस्तारण करने वाले सामानों की लिस्ट तैयार करेंगा उसके बाद निस्तारण किया जाएगा।
- डॉ. आर पी मीणा, अधीक्षक न्यू मेडिकल अस्पताल कोटा
अस्पताल में साफ सफाई के अलावा न्यू मेडिकल कॉलेज व अस्पताल करीब 25 साल पुराना हो गया है। मेंटेनेंस पर पूरा फोकस है। इसके लिए काफी बजट दिया है। मरम्मत कार्य शुरू हो गया है।
- डॉ. संगीता सक्सेना, प्राचार्य मेडिकल कॉलेज कोटा

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