ए भाई जरा देख कर चलो... इधर गड्ढ़े हैं उधर मवेशी
बरसात में हादसों का कारण बन रहे सड़क के गड्ढ़े और मवेशियों के झुंड
कई बार संबंधित विभागों के अधिकारियों को शिकायत दी गई लेकिन उन्होंने समस्या समाधान के प्रति कोई रूचि नहीं दिखाई।
कोटा। दृश्य 1 - नई धानमंडी के सामने से एयरपोर्ट की तरफ जाने वाले लिंक रोड की हालत इतनी अधिक खराब हो रही है कि बरसात के कारण करीब आधी सड़क पर गड्ढ़े ही गड्ढ़े हो रहे हैं। काफी हिस्से में गिट्टी फेली हुई है। बरसात में इन गड्ढ़ों में पानी भरने पर रात के समय वाहनों को गड्ढ़ों से बचकर निकलने में हादसों का खतरा बना हुआ है। कई वाहन यहां स्लिप होकर दुर्घटना के शिकार हो चुके हैं।
दृश्य 2 - शहर के प्रवेश नयापुरा स्थित विवेकानंद चौराहे पर ही बरसात में बड़े-बड़े गड्ढ़े हो गए हैं। जिससे यहां से निकलने वाले वाहनों को उनसे बचकर निकलने पर पीछे से आने वाले वाहनों से टकराने का खतरा बना हुआ है। हालांकि दिनभर में कई वाहन टकरा भी रहे हैं।
दृश्य 3 - शहर के मुख्य मार्ग पर सड़क के बीच मवेशियों के झुंड आम बात हो गई है। मेन रोड से लेकर गली मोहल्लों तक तही हालत है। बरसात में इनकी संख्या इतनी अधिक हो गई है कि वाहन चालकों को इनके बीच से होकर निकलना पड़ रहा है। जिससे ये हादसों का कारण बन रहे हैं।
ये तो उदाहरण मात्र हैं शहर के उन हालातों को बताने के लिए जो वर्तमान में हो रहे हैं। इन हालातों का शहर के हर व्यक्ति को सामना भी करना पड़ रहा है। विशेष रूप से वाहन चालकों को जो रोजाना सड़कों से गुजर रहे हैं। बरसात के सीजन में शहर में एक तरफ तो डामर सड़कों पर जगह-जगह बड़े-बड़े गड्ढ़े हो गए हैं। जिससे वहां से वाहनों को उन गड्ढ़ों में हिचकोले खाते हुए निकलना पड़ रहा है। उनसे बचने के प्रयास में अन्य वाहनों से टकराने पर हादसों का खतरा बना हुआ है। वहीं दूसरी तरफ शहर में इन दिनों लावारिस मवेशियों जिनमें गाय और सांडों की इतनी अधिक संख्या हो गई है कि शहर की कोई भी रोड ऐसी नहीं है जहां इनके झुंड नहीं हों। वह भी बीच राह में बैठे और खड़े हुए देखे जा सकते हैं। इतना ही नहीं ये इस तरह से अड़कर खड़े होते हैं कि वाहनों के हॉर्न बजाने पर ही नहीं हटते। जिससे ये मवेशी यातायात में तो बाधक बन ही रहे हैं। साथ ही इनसे टकराने के कारण आए दिन हादसे भी हो रहे हैं। शहर ही नहीं हाइवे तक पर मवेशियों के कारण कई लोगों की अकाल मौत तक हो चुकी है। इस संबंध में कई बार संबंधित विभागों के अधिकारियों को शिकायत दी गई लेकिन उन्होंने समस्या समाधान के प्रति कोई रूचि नहीं दिखाई।
कलक्ट्रेट से लेकर निगम कार्यालय के नजदीक तक यही हालात
बरसात के समय में जहां वाहन चलाना लोगों के लिए वैसे ही मुश्किल होता है। ऐसे में एक तरफ सड़क के गड्ढ़े और दूसरी तरफ मवेशियों के झुंड से बचकर निकलना किसी चुनौती से कम नहीं है। बरसात में रात के समय वाहन चलाना मतलब जान हथेली पर लेकर चलना है। वैसे तो रेलवे स्टेशन से खेड़ली फाटक और पूरे शहर में यही हालत है। लेकिन वीआईपी क्षेत्र कलक्ट्रेट से लेकर सीएडी स्थित नगर निगम व कोटा विकास प्राधिकरण कार्यालय तक जगह-जगह सड़क के गड्ढ़े और मवेशियों के झुंड हैं। ये ऐसे क्षेत्र हैं जहां इन समस्याओं का समाधान करने वाले अधिकारी या तो रहते हैं या उस रास्ते से दिन में कई बार निकलते हैं। लेकिन उसके बाद भी समस्याओं से आमजन को दो चार होना पड़ रहा है। महावीर नगर विस्तार योजना, संतोषी नगर, घटोत्कछ सर्किल, बसंत विहार रोड, विज्ञान नगर रोड, बारां रोड, कुन्हाड़ी के अलावा चम्बल पुलिया तक पर गड्ढ़े और मवेशियों के झुंड हादसों का कारण बन रहे हैं। वहीं पूर्व में कई लोगों की हादसों में मौत तक हो चुकी है।
बरसात के समय में शहर के पशु पालक ही नहीं ग्रामीण क्षेत्रों तक से पशुओं को सड़कों पर लावारिस हालत में छोड़ दिया जाता है। ये मवेशी इन दिनों बड़ी समस्या बने हुए हैं। वहीं जरा सी बरसात में सड़कों पर हुए गड्ढ़े हादसों का कारण बन रहे हैं। नगर निगम व केडीए को इन समस्याओं का समाधान करना चाहिए।
- विनोद नायक, संतोषी नगर
शहर में जरा सी बरसात में ही हालात बुरे हो रहे हैं। जिससे हादसों का खतरा होने के साथ ही यातायात में बाधा उत्पन्न हो रही है। प्रशासन का अभी तो इन पर ध्यान नहीं है। लेकिन जब इनके कारण किसी की जान जाएगी तब प्रशासन सतर्क होगा और कार्रवाई करेगा। जबकि समय रहते समाधान हो तो ऐसी नौबत ही नहीं आए।
- मोहम्मद अखलाक, आर.के. नगर
नगर निगम और केडीए प्रशासन को अपनी जिम्मेदारी समझते हुए मवेशियों को गौशाला में बंद करने व गड्ढ़ों को सही करने का काम करना चाहिए। लेकिन अधिक बरसात होने पर ये दोनों ही बड़ी समस्या बन जाएंगे। उस समय समाधान करना भी मुश्किल होगा। समस्या छोटी होने पर तो समाधान हो सकता है लेकिन बड़ी होने पर समाधान में परेशानी आती है।
- महेश गौतम, बसंत विहार
इनका कहना है
बरसात के समय में कई पशु पालक अपने पशुओं को सड़कों पर छोड़ देते हैं। जिससे इन दिनों इनकी संख्या अधिक नजर आ रही है। वैसे नगर निगम की ओर से पिछले कई दिन से रोजाना दिन व रात के समय पशुओं को पकड़कर कायन हाउस व गौशाला में भेजा जा रहा है। गौशाला में जगह की कमी होने से वहां से कई पशुओं को निजी गौशालाओं में भेजा जा रहा है। वहीं सड़कों के गड्ढ़े निगम क्षेत्र में नगर निगम और यूआईटी क्षेत्र में केडीए सही करवाएगाा। बरसात में डामर सड़कों के गड्ढ़ों के पेचवर्क करने में दिक्कत रहती है।
- महावीर सिंह सिसोदिया, उपायुक्त नगर निगम कोटा दक्षिण
Comment List