सरकार चाहे तो हाउसिंग बोर्ड को रानपुर में मिल सकती है जमीन

सिवायचक के 30 फीसदी पर आवासन का हक

सरकार चाहे तो हाउसिंग बोर्ड को रानपुर में मिल सकती है जमीन

हाउसिंग बोर्ड के पास शहर में नई कॉलोनी बनाने के लिए जमीन तक नहीं है। जबकि नगर विकास न्यास के पास कोटा शहर ही नहीं आस-पास से लेकर दूर दराज तक के क्षेत्रों की जमीन है।

कोटा। कोटा में हाउसिंग बोर्ड के पास आवास बनाने के लिए जमीन का टोटा है। जिससे करीब 21 सालों से यहां नई कॉलोनी नहीं बनी है। लेकिन अब राज्य में सरकार बदल गई है। रानपुर में सेटेलाइट सिटी बनाई जा रही है। ऐसे में सरकार चाहे तो रानपुर में हाउसिंग बोर्ड को जमीन मिल सकती है। कोटा शहर में पहले जहां आवास बनाने का काम हाउसिंग बोर्ड करता था। बोर्ड ने शहर में पुरानी कई जगह पर कॉलोनियां विकसित की है। वहीं वर्तमान में आवास बनाने का काम नगर विकास न्यास द्वारा किया जा रहा है। हाउसिंग बोर्ड के पास शहर में नई कॉलोनी बनाने के लिए जमीन तक नहीं है। जबकि नगर विकास न्यास के पास कोटा शहर ही नहीं आस-पास से लेकर दूर दराज तक के क्षेत्रों की जमीन है।  रानपुर में मथुरेश टेम्पल बोर्ड की जमीन थी। जिसे बोर्ड के तत्कालीन अध्यक्ष ने हाउसिंग बोर्ड को देने पर सहमति जताई थी। टेम्पल बोर्ड अध्यक्ष का कहना था कि यदि हाउसिंग बोर्ड जमीन लेना चाहे तो उन्हें कोई आपत्ती नहीं है। इस संबंध में गजट नोटिफिकेशन भी जारी हो गया था। लेकिन  रानपुर में आईआईटी आने को देखते हुए उस समय उस जमीन को नगर विकास न्यास ने अपने नाम दर्ज करवा लिया था। जिसकी एवज में टेम्पल बोर्ड को भुगतान भी कर दिया था।  हाउसिंग बोर्ड सूत्रों के अनुसार नियमानुसार सिवायचक भूमि में से 30 फीसदी जमीन हाउसिंग बोर्ड को देने का प्रावधान है। लेकिन नगर विकास न्यास द्वारा ऐसा नहीं किया जा रहा है। सभी जमीन न्यास के खाते में दर्ज है। 

सरकार चाहे तो अब कुछ संभव
हाउसिंग बोर्ड सूत्रों के अनुसार रा’य में सरकार बदल गई है। कोटा में हाउसिंग बोर्ड के पास आवास के लिए जमीन नहीं है। जबकि सरकार द्वारा रानपुर को सेटेलाइट सिटी बनाया जा रहा है। ऐसे में यदि हाउसिंग बोर्ड को 30 फीसदी जमीन मिल जाए तो वहां बोर्ड आवासीय कॉलोनी विकसित कर सकता है। साथ ही व्यवसायिक गतिविधि भी संचालित की जा सकती है।  सूत्रों के अनुसार ऐसे में कोटा में हाउसिंग बोर्ड को काम के साथ नया जीवनदान मिल सकता है। 

हाउसिंग बोर्ड के पास कोटा में तो जमीन नहीं है। लेकिन अन्य जिलों में है। कोटा में अधिकतर जमीन नगर विकास न्यास के पास है। ऐसे में रानपुर में जमीन हाउसिंग बोर्ड को देने के लिए न्यास को पत्र लिखा जा सकता है। उस दिशा में प्रयास करेंगे। हालांकि यह काम उच्च स्तर का है। फिर भी बोर्ड के स्तर पर प्रयास किया जाएगा।  
-आर.एम. कुरैेशी, कार्यवाहक  उप आवासन आयुक्त,  हाउसिंग बोर्ड कोटा 

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