कोटा उत्तर वार्ड 17- विकास के वादों के बीच जमीनी हकीकत बदहाल, बुनियादी सुविधाएं भी नहीं
रायपुरा चौराहे पर रोजाना लगता जाम, गायत्री विहार में सफाई का अभाव
सड़कों पर रोड लाइटें नहीं होने से रात में रहता है अंधेरा।
कोटा। कोटा उत्तर नगर निगम के वार्ड नंबर 17 की तस्वीर विकास के वादों से एकदम उलट नजर आती है। वार्ड में मूलभूत सुविधाओं के अभाव ने लोगों की जिंदगी मुश्किल बना रखी है। क्षेत्र के कई हिस्सों में सफाई, रोशनी और पानी जैसी बुनियादी सुविधाएं अब तक अधूरी हैं। लोगों का कहना है कि बार-बार शिकायतों के बावजूद जिम्मेदार विभागों ने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की है।
रायपुरा चौराहे पर रोजाना जाम से त्रस्त लोग
वार्ड की सबसे बड़ी समस्या रायपुरा चौराहे पर रोजाना लगने वाला जाम है। सुबह से शाम तक इस मार्ग पर वाहनों की लंबी कतारें लगी रहती हैं। खासकर स्कूल टाइम और दफ्तर के समय में स्थिति और भी बिगड़ जाती है। राहगीर और वाहन चालक घंटों तक फंसे रहते हैं। स्थानीय लोगों ने बताया कि ट्रैफिक व्यवस्था सुधारने के लिए कोई स्थायी समाधान नहीं निकाला गया है। न तो ट्रैफिक सिग्नल ठीक से काम कर रहे हैं और न ही पुलिस की नियमित मौजूदगी रहती है।
निवासियों की मांग, जल्द मिले राहत
वार्ड 17 के निवासियों ने नगर निगम प्रशासन से मांग की है कि इन समस्याओं पर कार्रवाई की जाए। स्थानीय लोगों का कहना है कि विकास के नाम पर सिर्फ घोषणाएं होती हैं, लेकिन जमीनी स्तर पर कुछ भी नहीं दिखता। वार्ड की यह तस्वीर साफ बताती है कि विकास का दावा करने वाली व्यवस्थाएं हकीकत में कितनी कमजोर हैं। नगर निगम प्रशासन कब तक इन शिकायतों को अनसुना करता रहेगा और कब इन क्षेत्रों के रहवासी राहत की सांस ले पाएंगे।
वार्ड का एरिया : रायपुरा, राजनगर, गायत्री विहार, मानसरोवर कॉलोनी, कंवरपुरा, धाकडखेडी व उम्मेदगंज ग्राम का क्षेत्र शामिल है।
मानसरोवर कॉलोनी में अंधेरे का साम्राज्य
मानसरोवर कॉलोनी क्षेत्र में सड़कों पर रोड लाइटें नहीं होने से लोग रात में अंधेरे में चलने को मजबूर हैं। महिलाओं और बुजुर्गों के लिए यह स्थिति बेहद असुरक्षित बनी हुई है। स्थानीय निवासियों ने बताया कि कई बार निगम अधिकारियों को इस समस्या की जानकारी दी गई, परंतु अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। अंधेरे का फायदा उठाकर असामाजिक तत्वों की गतिविधियां भी बढ़ने लगी हैं।
- महावीर पारेता, वार्डवासी
गायत्री विहार बना उपेक्षा का प्रतीक
गायत्री विहार क्षेत्र तो मानो नगर निगम की उपेक्षा का केंद्र बन गया है। यहां न तो सड़कें बनी हैं, न ही पानी की पाइपलाइन डाली गई है। लोगों को मजबूरन अपने घरों में बोरिंग लगवाना मजबूरी हो गई है। सफाई व्यवस्था भी नाममात्र की है, जिससे गंदगी और बदबू से माहौल दूषित रहता है। रहवासी बताते हैं कि क्षेत्र की स्थिति गांव जैसी हो गई है, जबकि यह क्षेत्र निगम सीमा के अंदर आता है। बारिश के दिनों में कीचड़ और जलभराव से हालात और भी खराब हो जाते हैं।
- सुशीला, वार्डवासी
वार्ड की समस्याओं के संबंध में उच्च अधिकारियों को पहले ही अवगत करा दिया गया है। वार्ड में अब तक अनेक महत्वपूर्ण विकास कार्य संपन्न कराए जा चुके हैं, और शेष कार्यों को भी शीघ्र पूर्ण कराया जाएगा। प्रत्येक वार्ड में कुछ न कुछ चुनौतियां अवश्य होती हैं, परंतु हमारे वार्ड की अधिकांश समस्याओं का समाधान सफलतापूर्वक किया जा चुका है। जो कुछ कार्य शेष हैं, उन्हें भी प्राथमिकता के साथ निपटाया जाएगा ताकि क्षेत्र का समग्र विकास सुनिश्चित हो सके।
- ईना मीणा, पार्षद

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