तुलसी के पौधों के बीच दस अवतारों में नजर आएंगे भगवान विष्णु
रिवर फ्रंट के साथ किया छोटी- बड़ी समाध का विकास व सौन्दर्यीकरण
बड़ी समाध के साथ ही छोटी समाध को भी विकसित किया गया है।
कोटा। भगवान विष्णु के दस अवतारों के बारे में सुना सभी ने है लेकिन अब उन्हें मूर्ति रूप में देखा भी जा सकेगा। वह भी उनके प्रिय तुलसी के पौधों के बीच। यह आकर्षक दृश्य देखने को मिलेगा रामपुरा स्थित बड़ी समाध पर। नगर विकास न्यास की ओर से चम्बल नदी के दोनों किनारों पर बनाए जा रहे रिवर फ्रंट के साथ ही उसके बीच में आ रही छोटी-बड़ी समाध का भी विकास व सौन्दर्यीकण किया गया है। कोटा बैराज से नयापुरा स्थित रियासत कालीन पुलिया तक करीब 6 कि.मी. एरिया में बने रिवर फ्रंट को देखने आने वाले देशी विदेशी पर्यटक छोटी-बड़ी समाज का भी नजारा देख सकेंगे।
छोटी समाध पर बनाया एरोमा गार्डन
बड़ी समाध के साथ ही छोटी समाध को भी विकसित किया गया है। यहां एरोमा गार्डन बनाया गया है। जिसमें सुगंधित पौधे लगाए गए हैं। जूही, लिली, मोगरा व रात की रानी समेत कई तरह के पौधे यहां अलग-अलग सुगंध बिखेरेंगे।
बड़ी समाध पर नजर आएंगे दस अवतार
भगवान विष्णु के दस अवतार है जो अलग-अलग युग में रहे हैं। उन सभी दस अवतारों को कोटा में एक साथ दर्शाया गया है। वह भी आदमकद मूर्तियों के रूप में। रामपुरा स्थित बड़ी समाज का विकास व सौन्दर्यीकरण इस तरह से किया गया है। जिससे वह नए रूप में नजर आ रहा है। यहां भगवान विष्णु के दस अवतारों को बसलाना के पत्थर से बनी आदमकद मूर्तियों के रूप में स्थापित किया गया है। मत्स्य अवतार, कुर्मा अवतार, वराह अवतार, नृसिंह अवतार, वामन अवतार, परशुराम, राम अवतार, बलराम अवतार, कृष्ण अवतार और कल्की अवतार के दर्शन स्थानीय लोगों के साथ ही देशी विदेशी पर्यटक भी कर सकेंगे।
वृन्दावन गार्डन में लगाए तुलसी के पौधे
बड़ी समाध पर न केवल भगवान विष्णु के दस अवतारों को दर्शाया गया है। वरन् उनका प्रिय पौधा तुलसी भी वहां लगाया गया है। तुलसी का भी एक दो पौधा नहीं पूरा गार्डन ही तुलसी के पौधों से विकसित किया गया है। इस गार्डन को वृन्दावन गार्डन नाम दिया गया है। माउंट के रूप में विकसित किए गए तुलसी के पौधों के गार्डन में बीच-बीच में ये मूर्तियां लगाई गई है। जिससे उनका आकर्षण बढ़ गया है। साथ ही वहां तुलसी के पौधों की महक पर्यटकों को मोहित करेगी।
छोटी-बड़ी समाध पर नि:शुल्क प्रवेश
न्यास अधिकारियों के अनुसार छोटी-बड़ी समाध का विकास व सौन्दर्यीकरण रिवर फ्रंट के साथ ही किया गया है। लेकिन यहां स्थानीय लोग व दर्शनाथी मंदिर में दर्शन करने के लिए आने पर नि:शुल्क घूम सकेंगे। जबकि वहां से रिवर फ्रंट पर सिर्फ टिकट वाले पर्यटक ही आ सकेंगे। बिना टिकट वालों को रिवर फ्रंट की तरफ नहीं जाने दिया जाएगा। अधिकारियों के अनुसार बड़ी समाज से छोटी समाध तक तो जा सकेंगे लेकिन वाटर पार्क पर नहीं जा पाएंगे। वहीं बड़ी समाध से शिवदास घाट रामपुरा तक जा सकेंगे। जबकि रिवर फ्रंट पर जाने से रोक दिया जाएगा।

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