कोटा वन मंडल की नाक के नीचे बेधड़क जंगल साफ कर रहा माफिया
मिलीभगत से बढ़ी घुसपैठ, वन सम्पदा हो रही चोरी
शिकायत करने के बावजूद अधिकारी सुनते नहीं है।
कोटा। राष्ट्रीय चंबल घड़ियाल सेंचुरी से सटा कोटा वन मंडल का पीपल्दा सेंड वनखण्ड माफियाओं का अडडा बन गया है। वन विभाग की नाक के नीचे माफिया जंगल साफ कर रहा है। कटर मशीनों से धड़ाधड़ पेड़ काटे जा रहे हैं। वहीं, वन्यजीवों का आशियाना उजाड़ा जा रहा है। हालात यह हैं, मजदूरों ने टापरी बनाकर जंगल में डेरा डाल दिया, जो दिनरात पेड़ों पर कुल्हाड़ी बरसा रहे। इसके बावजूद वन विभाग आंखें मूंदे पड़ा है। हैरानी की बात यह है, यह इलाका रामगढ़ टाइगर रिजर्व, चंबल घड़ियाल सेंचुरी और कोटा वनमंडल के अधिकार क्षेत्र में है। इसके बावजूद वन अपराध को अनदेखा करना मिलीभगत की ओर इशारा कर रहा है। दरअसल, सुल्तानपुर रैंज के पीपल्दा वनखंड में चंबल का एक किमी का एरिया राष्ट्रीय चंबल घड़ियाल सेंचुरी का हिस्सा है, जो रामगढ़ टाइगर रिजर्व में आता है। वहीं, शेष वन क्षेत्र कोटा वनमंडल के दायरे में है।
कटर मशीनों से काटे जा रहे पेड़
पीपल्दा सेंड वनखंड के जंगलों में दिनदहाड़े कटर मशीनों से बबूल के पेड़ काटे जा रहे हैं। वहीं, जेसीबी से झाड़ियां साफ कर ट्रैक्टर-ट्रॉलियां के आने-जाने का रास्ता बना रहे हैं। जबकि, इन इलाकों में बीट गार्ड से लेकर रैंजर तक तैनात हैं। इसके बावजूद वनकर्मी जंगल में अवैध कटान व संदिग्ध गतिविधियों को रोक नहीं रहे।
प्रतिदिन कट रहे दर्जनों पेड़
झांड़गांव ग्राम पंचायत के पूर्व सरपंच ओमप्रकाश मीणा ने बताया कि जंगल में प्रतिदिन दर्जनों पेड़ काटे जा रहे हैं। कटर मशीनों के जरिए पेड़ों के छोटे-छोटे टुकड़े कर लुग्दी-बुरादा बनाकर ट्रॉलियां भरी जा रही है। देर रात दो दर्जन से अधिक ट्रॉलियां जंगल से बाहर निकलती है और सड़क किनारे खड़े ट्रकों में लोड कर दी जाती है, जो मंडावरा एक्सप्रेस-वे से होते हुए हरियाणा की ओर निकल जाते हैं। जबकि, मंडावरा में वन नाका है, जहां वनकर्मी तैनात रहते हैं, इसके बावजूद उन्हें लकड़ियों से भरे ट्रक दिखाई नहीं देते।
जंगल में टापरियां, नष्ट हो रहा हैबीटॉट
मंदारिया निवासी मुकेश मीणा व धनराज का कहना है, कोटा वन मंडल के पीपल्दा सेंड वनखंड में माफियाओं के इशारे पर मजदूरों ने अस्थाई टापरियां बनाकर डेरा डाल रखा है, जो रात-दिन पेड़ काट जंगल बर्बाद कर रहे हैं। जबकि, इन इलाकों में वन्यजीवों का हैबीटॉट है, जो अवैध गतिविधियों के कारण नष्ट हो रहा है।
रात 10 बजे के बाद लोड होते हैं ट्रक
झाड़गांव के ग्रमीणों का कहना है, लकड़ियों से भरी ट्रैक्टर-ट्रॉलियां रात 10 बजे के बाद जंगल से निकलती हैं और सड़क किनारे खड़े ट्रकों में माल लोड़ करवाया जाता है। इसके बाद ट्रक मंडावरा होते हुए 8-लेन से हरियाणा-भिवाड़ी की ओर निकल जाते हैं। शिकायत करने के बावजूद अधिकारी सुनते नहीं है।
सैंकड़ों बीघा में पेड़ों की जगह बचे ठूंठ
कोटा वन मंडल के पीपल्दा सेंड वनखंड करीब 548 हैक्टेयर में फैला है, जो चंबल घड़ियाल सेंचूरी से सटा घना वन क्षेत्र है। यहां सैंकड़ों बीद्या वनभूमि पर पेड़ों के ठूंठ ही नजर आ रहे हैं। वहीं, कई जगहों पर लकड़ियों के गट्ठे पड़े हुए हैं। पेड़ों के ठूंठ देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि इन इलाकों में अवैध कटान लंबे समय से जारी है। वन विशेषज्ञों का तर्क है, इतने बड़े स्तर पर पेड़ों की कटाई बिना मिलीभगत के संभव नहीं है।
60 क्विंटल लकड़ियों से भरे पकड़े थे 4 ट्रक
कोटा वन मंडल ने गत 9 फरवरी को 60 क्विंटल लकड़ियों से भरे 4 ट्रक पकड़े थे। यह लकड़ियां पीपल्दा सेंड वनखंड से काटी गई थी। ट्रकों को एस्कोर्ट कर रही कार को भी सीज कर दो लोगों को हिरासत में लिया था। सभी वाहन मंडावरा एक्सप्रेस-वे से होते हुए हरियाणा की ओर जा रहे थे। लेकिन, विभाग ने जुमार्ना वसूल छोड़ दिया। सख्त कार्रवाई नहीं होने से हरियाणा के तस्कर फिर से सक्रिय हो गए।
राजस्व का नुकसान
पगमार्क फाउंडेशन के संस्थापक देवव्रत सिंह हाड़ा का कहना है, वनकर्मियों की मिलीभगत से माफिया पीपल्दा वनखंड से भारी मात्रा में वन सम्पदा चोरी कर रहे हैं। जिससे सरकार के राजस्व को नुकसान पहुंच रहा है। स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि इस इलाके में दिनभर जेसीबी व कटर मशीनों के चलने की आवाजें गूंजती है, जो मेने रोड से गुजरने वाले राहगीरों तक को सुनाई देती है लेकिन वन विभाग के कर्मचारियों को सुनाई नहीं देती।
क्या कहते हैं जनप्रतिनिधि
पीपल्दा सेंड वन खण्ड सघन वनक्षेत्र है। जिसका कुछ हिस्सा राष्ट्रीय चंबल घड़ियाल सेंचुरी में आता है और शेष कोटा वन मंडल के अधिकार क्षेत्र में है। यहां लंबे समय से अवैध कटान चल रहा है। दिनदहाड़े कटर मशीनों से बबूल के पेड़ काटे जा रहे हैं। प्रतिदिन पांच-छह ट्रक लकड़ियों की तस्करी की जा रही है, जो मिलीभगत के बगैर संभव नहीं है। हमने कई बार वन विभाग के कर्मचारियों व अधिकारियों को शिकायत की लेकिन कार्रवाई नहीं हुई। हाल ही में तत्कालीन डीएफओ द्वारा पकड़े गए हरियाणा के चार ट्रक तस्करी के गठजोड़ का उदाहरण है।
ओम प्रकाश मीणा, पूर्व सरपंच, झाड़गांव ग्राम पंचायत
मामला आपके द्वारा जानकारी में आया है। यदि, पीपल्दा सेंड वनभूमि पर अवैध कटान हो रहा है तो चिंताजनक है। अधिकारियों को निर्देशित कर मामले की जांच करवाएंगे और इसमें जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई करेंगे।
- चेतन पटेल, विधायक, पीपल्दा
यदि ऐसा हो रहा है तो बिलकुल गलत है। मामले की जांच करवाकर सख्ती से निपटेंगे और अवैध कटान बंद करवाएंगे।
- प्रेमचंद गोचर, भाजपा देहात जिलाध्यक्ष
अधिकारियों का कहना
संयुक्त सर्वे करवाकर यह पता लगाया जाएगा की यह इलाका किसके अधिकार क्षेत्र में आता हैं। क्योंकि, पीपल्दा सेंड वनखंड में रामगढ़ टाइगर रिजर्व, चंबल घड़ियाल सेंचुरी, कोटा वनमंडल व सिवायचक क्षेत्र भी है। ऐसे में सर्वेयर से सर्वे करवाकर जमीन का पता लगवाएंगे। इसके बाद ही किसी नतीजे पर पहुंचकर उचित कार्रवाई करेंगे।
- अपूर्वा कृष्ण श्रीवास्तव, उप वन संरक्षक, कोटा वन मंडल
चंबल घड़ियाल सेंचूरी का यह इलाका हमारे क्षेत्र में नहीं आता बल्कि रामगढ़ टाइगर रिजर्व में आता है।
- अनील यादव, एसीएफ, राष्ट्रीय चंबल घड़ियाल सेंचुरी सवाई माधोपुर
पीपल्दा सेंड वनखंड में चंबल नदी से एक किमी का एरिया हमारे क्षेत्र में आता है और शेष वनक्षेत्र कोटा वनमंडल के दायरे में आता है।
- सुमीत कनेरिया, रेंजर, रामगढ़ टाइगर रिजर्व
आपके माध्यम से अवैध कटान का मामला संज्ञान में आया है। डीसीएफ को आवश्यक दिशा-निर्देश देकर उचित कार्रवाई करवाएंगे।
- रामकरन खैरवा, मुख्य वन संरक्षक, वन मंडल

Comment List