आय प्रमाण पत्र पर नोटरी जरूरी नहीं , अभिभावक का स्व:घोषणा पत्र ही मान्य
अभिभावकों को आय प्रमाण पत्र पर नोटरी करवाने का निजी स्कूल संचालक बना रहे दबाव
शिक्षा का अधिकार कानून (आरटीई) के तहत निशुल्क प्रवेश वाले बच्चों के अभिभावकों को हर साल आय का प्रमाण पत्र देना जरूरी है। शिक्षा विभाग के आदेशानुसार, अगर उनकी आय ढाई लाख रुपए से अधिक होती है, तो विद्यार्थी निशुल्क प्रवेश के दायरे में नहीं रहेगा।
कोटा। शिक्षा का अधिकार कानून (आरटीई) के तहत निशुल्क प्रवेश वाले बच्चों के अभिभावकों को हर साल आय का प्रमाण पत्र देना जरूरी है। शिक्षा विभाग के आदेशानुसार, अगर उनकी आय ढाई लाख रुपए से अधिक होती है, तो विद्यार्थी निशुल्क प्रवेश के दायरे में नहीं रहेगा। इसलिए निजी स्कूलों में अभिभावकों से आय का प्रमाण पत्र मांगा जाता है। लेकिन शहर के अधिकतर निजी स्कूल संचालक अभिभावकों पर आय प्रमाण पत्र पर नोटेरी करवाने का दबाव बना रहे हैं। जबकि, इस प्रमाण पत्र के लिए अभिभावक का स्वघोषणा पत्र ही मान्य होता है। इस पत्र को अभिभावकों द्वारा भरने के बाद दो उत्तरदायी व्यक्तियों द्वारा हस्ताक्षर कराकर सत्यापित करवाना होता है। यह उत्तरदायी व्यक्ति सांसद, विधायक, जिला प्रमुख, प्रधान, जिला परिषद का सदस्य, सरपंच, वार्ड पंच, महापौर, पार्षद, नगरपालिका अध्यक्ष व सदस्य, राजपत्रिक अधिकारी इनमें से कोई भी हो सकते हैं। फिर इसे नोटरी से प्रमाणित कराने की जरूरत नहीं होती। इसके बावजूद सैंकड़ों अभिभावकों को परेशान किया जा रहा है।
25 प्रतिशत सीटों पर होता है नि:शुल्क प्रवेश
आरटीई के तहत असुविधाग्रस्त व कमजोर वर्ग यानी ओबीसी, एसबीसी व सामान्य वर्ग के उन बच्चों का निजी स्कूल की एंट्री लेवल की कक्षा में कुल सीटों के 25 प्रतिशत सीटों पर निशुल्क प्रवेश होता है, जिनके पिता की वार्षिक आय 2.50 लाख रुपए से कम है। प्रवेश के समय अभिभावक को प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होता है। निशुल्क शिक्षा का प्रावधान आठवीं कक्षा तक है। आठवीं से पहले जिस साल अभिभावक की आय ढाई लाख से अधिक हो जाती है, उसी साल से विद्यार्थी निशुल्क प्रवेश के दायरे से बाहर हो जाएगा। ऐसे में सरकार उसकी पुनर्भरण राशि बंद कर देती है।
आय प्रमाण पत्र पर नोटरी करवाने की जरूरत नहीं होती है। अभिभावक का स्वघोषणा पत्र ही मान्य होता है। इस पत्र पर दो उत्तरदायी व्यक्ति राजपत्रिक अधिकारी या जनप्रतिनिधि द्वारा हस्ताक्षर कराकर सत्यापित करवाना होता है। इसके बाद प्रमाण पत्र को नोटरी करवाकर प्रमाणित करवाने की आवश्यकता नही होती। यह 6 महीने तक वेलिड रहता है। यदि कोई निजी स्कूल संचालक नोटरी का दबाव बनाता है तो अभिभावक इसकी शिकायत शिक्षा विभाग को कर सकता है। - निर्मला मेहरा, डीओ एलीमेंट

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