अब घर बैठे आ रही हमारी गंगा मैया

डाकघरों में बढ़ने लगी गंगाजल की बिक्री

अब घर बैठे आ रही हमारी गंगा मैया

कोटा के डाकघरों में भी गंगाजल की मांग लगातार बढ़ी है। कोटा जिले में तीन माह में गंगाजल की 300 बोतलें बिक जाती हैं। कोरोना के दौरान हरिद्वार के लिए आवागमन बंद हो गया था। इस कारण डाक विभाग ने योजना को चालू किया गया था। अब इसकी खरीदारी बढ़ने लगी है।

कोटा। हिंदू मान्यताओं में गंगाजल को पवित्र माना गया है। धार्मिक अनुष्ठान और मांगलिक कार्यों में गंगाजल का इस्तेमाल किया जाता है। कोरोना काल में जहां सब कुछ थम सा गया था, तब डाक विभाग ने गंगाजल की बिक्री शुरू की थी। इसका असर यह हुआ कि लोग अब डाकघर से ही गंगाजल खरीदने लगे हैं। कोटा के डाकघरों में भी गंगाजल की मांग लगातार बढ़ी है। स्थिति यह है कि इस साल शुरुआत में जहां महज पांच बोतल गंगाजल की बिक्री हुई। अब लगातार आंकड़ा बढ़ता ही जा रहा है। कोटा जिले में तीन माह में गंगाजल की 300 बोतलें बिक जाती हैं। डाक विभाग के अधिकारियों का मानना है कि धीरे-धीरे लोग डाकघर के गंगाजल पर विश्वास करने लगे हैं।

जरूरत पड़े तब ले आओ
दरअसल हरिद्वार, गंगोत्री, ऋषिकेश आदि तीर्थ स्थलों पर जाने वाले श्रद्धालु डिब्बों या बोतलों में गंगाजल भरकर साथ लाते हैं। इसे संभाल कर घर में रखा जाता है ताकि मांगलिक कार्य के समय इसे काम में लिया जा सके। लेकिन अब जब जरूरत पड़ती है, तब ही डाकघर जाकर गंगाजल की बोतल ले आते हैं। सावन के महीने में गंगाजल की बिक्री अधिक होती है। 

30 रुपए में 250 एमएल की बोतल 
डाकघरों में गंगाजल की 250 एमएल की बोतल उपलब्ध है। अधिकारियों ने बताया कि अभी एक ही साइज की बोतल डाकघरों में है। यह बोतल 30 रुपए में डाकघर में मिल रही है। कोरोना के दौरान हरिद्वार के लिए आवागमन बंद हो गया था। इस कारण डाक विभाग ने योजना को चालू किया गया था। अब इसकी खरीदारी बढ़ने लगी है। जिले में तीन माह में 300 बोतल की बिक्री हो जाती है।

प्रचार-प्रसार हो तो बढ़े मांग
डाक विभाग में मिल रहे गंगाजल का अभी भी ग्रामीण क्षेत्रों में कम प्रचार-प्रसार है। इस कारण ग्रामीण मंदिरों या फिर परिचित से हरिद्वार से ही गंगाजल मंगवा रहे हैं। डाक विभाग की ओर से इसका व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए तो इसकी मांग और बढ़ सकती है।

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इस तरह से मिलता है महंगा 
वाहनों के माध्यम से गंगाजल मंगवाना काफी महंगा पड़ता था। वहीं परिचितों से मंगवाने पर उन्हें काफी इंतजार करना पड़ता था। सबसे ज्यादा समस्या ग्रामीणों को आती थी। गांवों में गंगाजल सहज उपलब्ध नहीं होने के कारण वाहनों के माध्यम से ज्यादा रुपए देकर गंगाजल मंगवाते थे।

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कोरोना के दौरान लोगों की परेशानी को देखते हुए डाक विभाग ने गंगाजल उपलब्ध कराने की योजना शुरू की थी। धीरे-धीरे इसके प्रति लोगों का रुझान बढ़ता जा रहा है। गंगाजल गंगोत्री से मंगवाया जाता है। जिले के सभी डाकघरों में यह गंगाजल उपलब्ध करवाया जाता है।
- प्रशांत शर्मा, सहायक डाक अधीक्षक कोटा

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