सड़कों पर बेलगाम दौड़ रहे आवारा मवेशी
शहर के व्यस्तम मार्गों पर लगा रहता है जमावड़ा
शिकायतों के बावजूद निगम के जिम्मेदार अफसर आंखें मूंदे बैठे हैं।
कोटा। सरकार के पांच साल पूरे हो गए लेकिन स्मार्ट सिटी कोटा अब तक कैटल फ्री नहीं हो सका। वहीं, विधानसभा चुनाव की रणभूमि भी सज चुकी, प्रत्याक्षी एक बार फिर जनता के बीच आ गए। हालांकि, इन पांच सालों में शहर की सूरत तो बदली लेकिन सड़कें आवारा मवेशियों के शिकंजे से मुक्त नहीं हो सकी। कैटल फ्री का सपना देख रही शिक्षा नगरी आज भी आवारा मवेशियों का दंश झेल रही है। हालात यह हैं, शहर के व्यस्तम चौराहों से लेकर वार्डों की सड़कों तक मवेशियों का जमघट लगा रहता है। शिकायतों के बावजूद निगम के जिम्मेदार अफसर आंखें मूंदे बैठे हैं।
स्कूल से घर लौट रहे बालक को किया जख्मी
विज्ञान नगर स्थित नूरी जामा मस्जिद चौराहे पर पिछले माह स्कूल से घर लौट रहे कक्षा 8वीं के छात्र को सांड ने टक्कर मारकर जख्मी कर दिया। वहीं, छत्रपुरा तालाब मुख्य मार्ग पर चार स्कूल, अस्पताल और दो धार्मिक स्थल हैं। यहां स्कूल की छुट्टी होने के साथ ही अभिभावक व शाला स्टाफ की धड़कनें बढ़ जाती है। इसकी मोहल्लेवासियों ने वार्ड पार्षदों से लेकर निगम अधिकारियों तक को शिकायत की लेकिन सुनवाई नहीं हुई।
जिले में 15 गौशाला, फिर भी सड़कों पर जमावड़ा
कोटा जिले में 15 गौशाला संचालित हो रही हैं। इनमें नगर निगम की 1 और 14 प्राइवेट हैं। जिन्हें गायों को रखने व रखरखाव के लिए सरकार की ओर से अनुदान भी मिलता है। इसके बावजूद सड़कों पर मवेशियों का जमावड़ा लगा रहता है। बंधा धर्मपुरा में स्थित निगम गौशाला की क्षमता 4 हजार मवेशियों की है। पूर्व में यहां मवेशियों की संख्या अधिक होने पर 100-100 मवेशियों को प्राइवेट गौशालाओं में शिफ्ट की गई थी।
इनका कहना है
वार्ड में आवारा मवेशियों की समस्या है, शिकायत मिलने पर मवेशियों को पकड़ने के लिए गाड़ी बुलवाते हैं। सांड पकड़ने के दौरान वह इधर-उधर भागता है, जिससे सड़क किनारे खड़े वाहनों को नुकसान पहुंचने पर लोगों का विरोध झेलना पड़ता है और कार्यवाही में बाधा डालते हैं। ऐसे में जब तक महापौर व आयुक्त को टीम के साथ पुलिस जाब्ता उपलब्ध करवाना चाहिए, जो नहीं करवा रहे।
- मनोज गुप्ता, पार्षद, वार्ड 39 विज्ञान नगर
नगर निगम द्वारा आवारा मवेशियों को पकड़ने के लिए लगातार टीमें भेजी जा रही है। प्रतिदिन शहर की प्रमुख सड़कों से मशेवियों को पकड़ गौशाला पहुंचा रहे हैं। फिर भी कहीं से कोई शिकायत मिलती है तो तुरंत गाड़ी भेज समाधान किया जाएगा।
- दिनेश शर्मा, गौशाला प्रभारी, नगर निगम दक्षिण
छत्रपुरा तालाब मुख्य सड़क पर दो दर्जन से अधिक मवेशियों का जमावड़ा लगा रहता है, जो दिनभर धमाचौकड़ी मचाते हैं। यहां से गुजरने के दौरान कई वाहन चालक मवेशियों से टकराकर चोटिल हो चुके हैं। वहीं, बच्चोें के स्कूल से घर लौटते समय हादसे का डर रहता है। पूर्व में मवेशियों की टक्कर से कई बच्चे जख्मी हो चुके हैं।
- शोयब खान, छत्रपुरा तालाब
छत्रपुरा तालाब मुख्य मार्ग पर आवारा मवेशी ज्वलंत समस्या है। दिनरात सड़कों पर दौड़ते-लड़ते रहते हैं। कई बार विद्यार्थी जख्मी हो चुके हैं। स्कूल व घरों के बाहर खड़े वाहनों को टक्कर मारकर क्षतिग्रस्त कर दिया। सड़क के आमने-सामने के वार्ड 41 व 57 दोनों पार्षदों से शिकायत की लेकिन उन्होंने निगम अधिकारियों द्वारा सुनवाई न करने का हवाला देकर लाचारी दिखाते हैं।
- अजिम पठान, स्कूल संचालक, विज्ञान नगर
बोरखेड़ा क्षेत्र में मवेशियों का समस्या है। घरों के बाहर खड़े वाहनों को गिरा देते हैं। कुछ माह पहले ही नयापुरा से घर लौटते वक्त बोरखेड़ा मुख्य मार्ग पर सांड ने पीछे से टक्कर मार दी। जिससे पैर में गंभीर चोट लगी। पांच सालों से कैटल फ्री सुनते हुए आए लेकिन शहर अब तक कैटल फ्री नहीं हुआ।
- अजय कुशवाह, व्यवसायी बोरखेड़ा
बजरंग नगर मुख्य मार्ग पर मवेशी बैठे रहते हैं, कई बार जाम की स्थिति बन जाती है। वहीं, आपस में लड़ने से राहगीर चोटिल हो चुके हैं। जबकि, यह व्यस्तम मार्ग है, आवागमन के दौरान दुर्घटना का खतरा बना रहता है।
- मनोज शर्मा, बजरंग नगर
कुन्हाड़ी क्षेत्र में आए दिन मवेशियों के कारण वाहन चालक हादसे का शिकार हो रहे हैं। देव नारायण आवासीय योजना बनाने के बावजूद सड़कें कैटल फ्री नहीं हो पा रही। पार्षद व महापौर से शिकायत का भी असर नहीं हो रहा।
- रामावतार शर्मा, सींता बालिता कुन्हाड़ी

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