नहीं थम रहा शहर की सुंदरता पर ग्रहण, निगम ने मुकदमा तक दर्ज कराया था
अभी भी लग रहे हैं सार्वजनिक स्थानों पर विज्ञापन पोस्टर व फ्लैक्स
शहर में अधिकतर सार्वजनिक स्थानों पर पोस्टर व फ्लैक्स लगाकर शहर की सुंदरता को बिगाड़ा जा रहा है।
कोटा। एक तरफ तो कोटा शहर को स्मार्ट व स्वच्छ के साथ ही पर्यटन नगरी बनाने का प्रयास किया जा रहा है। वहीं दूसरी तरफ शहर की सुंदरता पर ग्रहण लगना नहीं थम रहा है। शहर में सार्वजनिक स्थानों पर बिना अनुमति किसी भी तरह का विज्ञापन पोस्टर व फ्लेक्स लगाना गैर कानूनी है। ऐसा करना सम्पति विरूपण अधिनियम के तहत आता है। लेकिन उसके बाद भी शहर में अधिकतर सार्वजनिक स्थानों पर पोस्टर व फ्लैक्स लगाकर शहर की सुंदरता को बिगाड़ा जा रहा है। शहर में झालावाड़ रोड हाइवे स्थित गोबरिया बावड़ी अंडरपास पर विज्ञापन पोस्टर लगा हुआ है। जिससे एरोड्राम से अनंतपुरा की तरफ जाने वाले मार्ग पर लगे इस पोस्टर को देखकर बाहर से आने वालों पर इसकी गलत छवि बन रही है। इसी तरह से छावनी स्थित फ्लाई ओवर के नीचे सभी पिलरों पर विज्ञापन पोस्टर व फ्लैक्स चस्पा कर रखे है। इतना ही नहीं दादाबाड़ी से केडवपुरा फ्लाई ओवर, गुमानपुरा फ्लाई ओवर और गुमानपुरा स्थित बुर्ज की दीवार समेत कई जगह पर विज्ञापन पोस्टरों को लगाकर शहर की सुंदरता को बिगाड़ा जा रहा है। वहीं शहर के मुख्य मार्गों पर लगे गेंट्री बोर्ड पर भी जनप्रतिनिधियों के जन्म दिवस की बधाई के विज्ञापन फ्लैक्स लगे हुए हैं। डीसीएम रोड से लेकर जवाहर नगर तक समेत शहर के अधिकतर क्षेत्रों में इस तरह के दृश्य देखे जा सकते हैं।
निगम ने मुकदमा तक दर्ज कराया था
शहर की सुंदरता पर ग्रहण लगाने वालों के खिलाफ पूर्व में नगर निगम कोटा दक्षिण की ओर से कार्रवाई भी की गई थी। निजी अस्पताल समेत अन्य संस्थाओं द्वारा बिना अनुमति विज्ञापन लगाने वालों के खिलाफ दादाबाड़ी थाने में मुकदमा भी दर्ज कराया था। साथ ही कई लोगों के खिलाफ अदालत में परिवाद भी पेश किया था। वहीं छावनी से कोटड़ी चौराहे तक तो कई बार विज्ञापन हटाए जा चुके है। उसके बाद भी शहर में बिना अनुमति सार्वजनिक स्थानों पर विज्ञापन लगाने वाले नहीं मान रहे हैं।
शहर की सुंदरता सभी का दायित्व
शहर को स्वच्छ व सुंदर बनाना सभी का दायित्व है। यह कहना है कि शहर वासियों का। कोटड़ी निवासी तबरेज पठान ने बताया कि शहर को साफ रखने की जिम्मेदारी केवल सरकारी एजेंसियों की नहीं है। लोगों को भी अपने शहर के प्रति जिम्मेदारी व दायित्व को समझना होगा। निगम द्वारा बार-बार कार्रवाई करने के बाद भी यदि लोग नहीं मान रहे हैं तो ऐसा करने वालों पर जुर्माना व कठोर कार्रवाई की जाए। छावनी निवासी महेन्द्र सिंह का कहना है कि नगर निगम व केडीए की ओर से विज्ञापनों के लिए स्थान निर्धारित किए हुए हैं। यूनिपोल पर विज्ञापन लगाने का किराया देना पड़ता है। उससे बचने के लिए विज्ञापन एजेंसियां मनमर्जी से विज्ञापन चस्पा कर शहर की सुंदरता को खराब कर रही है। ऐसा करने वालों पर सख्ती जरूरी है। इधर नगर निगम कोटा दक्षिण के राजस्व अनुभाग अधिकारियों का कहना है कि निगम की ओर से समय-समय पर सम्पति विरूपण अधिनियम के तहत कार्रवाई की गई है। कई बार निगम के स्तर पर भी विज्ञापन हटवाए गए हैं। फिर भी शहर में ऐसा हो रहा है तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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