पार्क का ट्रेक उखड़ा हुआ और टूटे हैं झूले
केशवपुरा स्थित आल्हा उदल पार्क हो रहा दुर्दशा का शिकार
लाइटें गायब, फव्वारे में गंदगी का अम्बार।
कोटा। कहने को तो यह पार्क है। लेकिन उसकी हालत ऐसी है कि न तो उसका ट्रेक चलने लायक है। और न ही वहां बच्चों के लिए झूले सही है। रोशनी के लिए लगी लाइटें गायब हैं और फव्वारे में गंदगी का अम्बार है। यह हालत है केशवपुरा स्थित आल्हा उदल पार्क की। नगर निगम कोटा दक्षिण के वार्ड 79 में आने वाला यह पार्क वैसे तो मेन रोड पर है। साथ ही तलवंडी जैसे पॉश इलाके में आता है। लेकिन इस पार्क की हालत ऐसी है कि उसे देखने से यह पार्क कम और दुर्दशा का शिकार अधिक लगता है।
शुरुआत से अंत तक बदहाल
पार्क की हालत शुरुआत से अंत तक बदहाल है। पार्क में प्रवेश के लिए लगे चकरी गेट का एक हिस्सा ही गायब है। जिससे इस चकरी गेट को बंद नहीं किया जा सकता। संभावना है कि इसे स्मैकची या चोर चोरी कर ले गए। अंदर जाने पर पूरे पार्क में पैदल चलने वाला ट्रैक जगह-जगिह से उखड़ा हुआ है। जिससे उस पर चलने पर ठोकर लगकर गिरने का खतरा बना हुआ है। मेन रोड की तरफ की पार्क की चार दीवारी के सहारे अतिक्रमण तो बाहर की तरफ हो रहा है। जिससे उसकी चार दीवारी क्षतिग्रस्त हो गई है। चार दीवारी का हिस्सा टूटकर अंदर की तरफ लटका व गिरा हुआ है। पार्क में लाइटों के लिए खम्बे तो लगे हुए हैं लेकिन उनमें से अधिकतर की लाइटें ही गायब है। लोगों का कहना है कि यहां से अधिकतर लाइटें चोरी हो चुकी है। या नशा करने वालों ने तोड़ दी है। जिससे अंधेरे में वे सुनसान जगह पर नशा कर सकें।
बच्चों के लिए झूले ही नहीं
कहने को तो पार्क में कई झूले लगे हुए हैं। लेकिन उनमें से छोटे बच्चों के काम के अधिकतर झूले टूटे हुए हैं। जिससे वे न तो उनमें झूल सकते है। यदि झूलने का प्रयास भी करेंगे तो उनके चोटिल होने का खतरा बना हुआ है। अधिकतर स्कूलों में परीक्षाएं समाप्त हो गई है। लोग बच्चों के साथ परिवार समेत पार्कों में घूमने के जाएंगे। लेकिन पार्कों की ऐसी हालत देखकर किसी का भी मन वहां घूमने को नहीं करेगा।
पानी की टंकी है कूलर गायब
पार्क में आने वालों के लिए पीने के पानी का इंतजाम वाटर कूलर लगाकर किया गया है। लेकिन वहां हालत यह है कि जाली से कवर होने के बावजूद वहां पानी की टंकी ऊंचाई पर होने से वह तो बची हुई है। जबकि पानी को ठंडा करने वाली उसकी मशीन ही गायब है। जिससे वह कूलर वहां लगा होने के बाद भी लोगों को चिढ़ा रहा है और उसकी दुर्दशा पर आंसू बहा रहा है।
बीमारी का कारण बन रहा फव्वारा
पार्क के बीच में एक बड़ा फव्वारा लगा हुआ है। यह फव्वारा चलतो तो कम है। लेकिन इसमें भरा पानी इतना अधिक गंदा हो रहा है कि उसमें मच्छर पनप रहे हैं। साथ ही इसके आस-पास भी गंदा पानी जमा है। इससे वहां घूमने आने वालों के लिए यह बीमारी का खतरा बना हुआ है।
सुबह के समय मजदूरों का जमावड़ा
जिस जगह पर पार्क है वहां सुबह के समय मजदूर मंडी लगती है। ऐसे में सुबह के समय यहां बड़ी संख्या में मजदूर बैठे रहते है। जबकि रात के समय अंधेरा होने पर असामाजिक तत्वों का जमावड़ा लगा रहता है। तलवंडी निवासी अमित शर्मा का कहना है कि पार्क है तो वहां सब कुछ सही होना चाहिए। झूले झृलने लायक व ट्रेक चलने लायक होने चाहिए। नगर नियम या केडीए जिसके भी अधीन आता है उन्हें इसे सही करवाना चाहिए। केशवपुरा निवासी अशोक नागर का कहना है कि यह शहर का प्रसिद्ध पार्क है। जिसे सभी लोग जानते है। लेकिन उसके बाद भी इसकी दशा सुधारने पर किसी का ध्यान नहीं है। यहां आस-पास के लोग घूमने आना चाहते हैं लेकिन इसकी हालत देखकर नहीं आते।
इनका कहना है
आल्हा उदल पार्क का ट्रेक उखड़ा हुआ व झूले टूटे हुए हैं। इन्हें सही करवाने के लिए केडीए में लिखित में पत्र दिया हुआ है। अधिकािरयों ने शीघ्र ही सही करवाने का आश्वासन दिया है।
- संजीव विजय, पार्षद, नगर निगम कोटा दक्षिण
शहर के सभी पार्कों का सर्वे कराया गया है। जिसके आधार पर उनका एस्टीमेट भी तैयार किया गया है। केडीए की ओर से सभी 400 से अधिक पार्कों का जीर्णोद्धार व मरम्मत के काम 120 करोड़ रुपए की लागत से करवाए जाने है। यह काम शीघ्र ही शुरु किए जाएंगे।उसमें कोई एक या दो पार्क नहीं सभी पार्क सही करवाए जाएंगे।
- रिषभ मंडल, आयुक्त, कोटा विकास प्राधिकरण
Comment List