जमीनों के खेल में मिलीभगत कर रहे यूआईटी के अधिकारी
कोटा राज परिवार की जमीन पर रोक लगने के बाद भी बिल्डर ने काट दी कॉलोनी -जनता के काम में लेट लतीफी, बिल्डरों के काम होते हैं जल्दी
नगर विकास न्यास (यूआईटी) के अधिकारी निजी बिल्डरों के साथ मिलकर जमीन बेचान में मिली भगत का खेल खेल रहे हैं। ऐसा ही एक मामला सामने आया है। जिसमें थेकड़ा स्थित पूर्व राज परिवार की सात बाग जमीन में से न्यास ने एक बिल्डर को 16 हैक्टेयर जमीन बेच दी। जबकि बिल्डर ने उस जमीन पर कॉलोनी काटकर भूखंड बेचना शुरू कर दिया है।
कोटा। नगर विकास न्यास (यूआईटी) के अधिकारी निजी बिल्डरों के साथ मिलकर जमीन बेचान में मिली भगत का खेल खेल रहे हैं। स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल के गृह जिले में ही न्यास के अधिकारी निजी बिल्डरों को लाभ पहुंचाने के लिए जमीनों को बेचने में मिलीभगत कर रहे हैं। ऐसा ही एक मामला सामने आया है। जिसमें थेकड़ा स्थित पूर्व राज परिवार की सात बाग जमीन में से न्यास ने एक बिल्डर को 16 हैक्टेयर जमीन बेच दी। जबकि बिल्डर ने उस जमीन पर कॉलोनी काटकर भूखंड बेचना शुरू कर दिया है। न्यास ने भी उस कॉलोनी के भूखंडों पर करीब एक तिहाई पट्टे जारी कर ले आउट प्लान तक पास कर दिया है। इसकी जानकारी कुछ जागरूक लोगों को लगी तो उन्होंने इसकी शिकायत मुख्यमंत्री कार्यालय में की। वहां शिकायत पहुंची तो इस संबंध में न्यास के अध्यक्ष व जिला कलक्टर से जवाब मांगा। इसके बाद जिला कलक्टर ने पट्टे जारी करने पर रोक लगाकर मामले की जांच शुरू कर दी है।
इस मामले को गत दिनों राज्य स्तरीय एक समाचार पत्र ने प्रकाशित भी किया था। यह तो एक मामला है जो सामने आया है। जबकि इसी तरह के कई अन्य मामले भी हैं। क्योंकि शहर में न्यास से अधिक निजी बिल्डरों व कोलोनाइजर्स द्वारा कॉलोनी कॉटी जा रही है। जिस बिल्डर व कोलोनाइजर्स नीरज सुवालका को सात बाग वाली जमीन बेची गई है उनकी शहर के कई क्षेत्रों में बड़ी-बड़ी कॉलोनी बनी हुई है। कुन्हाड़ी से लेकर डकनिया स्टेशन रोड तक इनकी कई मल्टी स्टोरी बनी हुई हैं और कई का काम चल रहा है। इस जमीन के बेचान में न्यास के तत्कालीन चेयरमेन से लेकर सचिव और तहसीलदार समेत कई बड़े अधिकारी जुड़े हुए हैं। जबकि मामला सामने आने पर न्यास के अधिकारी इससे बचने का प्रयास करते हुए स्वयं के द्वारा कोई गलत काम करना नहीं बता रहे हैं।
जनवरी में आवेदन, मार्च में ले आउट प्लान पास
नगर विकास न्यास में जहां कई लोग ले आउट प्लान पास करवाने के लिए महीनों तक चककर लगाते रहते हैं। वहीं कई बड़े निजी बिल्डर व कोलोनाइजर्स से न्यास अधिकारियों की इतनी अधिक मिली भगत है कि उनके काम बिना किसी देरी के हो रहे हैं। थेकड़ा में सात बाग की 16 हैक्टेयर जमीन को निजी बिल्डर नीरज सुवालका, उसकी पत्नी सुनीता व पुत्री मंशिका को बेचा गया है। उन तीनों के नाम सितम्बर 2021 में रजिस्ट्री की गई और उसके तीन दिन बाद ही उसका नामांतरण खुल गया। न्यास अधिकारियों की निजी बिल्डर से मिली भगत के खेल का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि बिल्डर ने जनवरी 2022 में कॉलोनी सूजित करने के लिए न्यास में आवेदन किया। दो माह के भीतर ही मार्च में न्यास अधिकारियों ने उस जमीन का नक् शा व ले आउट प्लान पास कर दिया।
इनका कहना है
न्यास में मिलीभगत का खेल चल रहा है। ऐसी मुझे कोई जानकारी नहीं है। ऐसे कौन अधिकारी हैं मुझे जानकारी नहीं है। सात बाग वाली जमीन पर किसी तरह की कोई रोक नहीं है। न्यास ने जो भी कार्रवाई की है वह विधिक व पूरी प्रक्रिया अपनाते हुए सही की है। इसमें कोई गलत काम या मिली भगत नहीं हुई है। जिसने भी इस मामले को प्रकाशित किया है वह गलत है।
-राजेश जोशी, सचिव नगर विकास न्यास
मिली भगत या भ्रष्टाचार जैसी कोई जानकारी मेरे सामने नहीं आई है। राज परिवार की जमीन संबंधी मामले की मुझे कोई जानकारी नहीं है। इस मामले में कुछ भी कहने के लिए मैं अधिकृत नहीं हूं। न्यास के चैयरमेन व सचिव ही इस बारे में कोई जानकारी दे सकते हैं।
-आर.डी. मीना, विशेषाधिकारी नगर विकास न्यास
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