विश्व पर्यटन दिवस आज- रिवर फ्रंट भी नहीं बढ़ा पाया विदेशी पर्यटकों का ग्राफ
क्यों पसंद आती है विदेशी सैलानियों को बूंदी
बूंदी प्राकृतिक, ऐतिहासिक धरोहर से समृद्ध शहर है। इस तरह की सांस्कृतिक व ऐतिहासिक विरासत कोटा में नहीं है।
कोटा। चंबल के खुले विहंगम पाट के नजदीक प्राकृतिक सौन्दर्य से आच्छादित दुर्लभ भीतरिया कुंड, अनोखी अधर शिला,किशोर सागर के गहरे तालाब में खड़ा जगमंदिर, चंबल की कराइयों में बसा गरडिया महादेव का प्राकृतिक सौन्दर्य, देश का कदाचित सबसे बड़ा रिवर फ्रंट और अद्भुत आक्सीजोन पार्क होने के बावजूद बूंदी के मुकाबले विदेशी पर्यटकों को कोटा लाने में हम सफल क्यों नहीं हो पा रहे हैं। हाड़ौती में केवल बूंदी में ही सबसे ज्यादा विदेशी पर्यटक आते हैं। पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कोटा शहर का हर तरह से सौन्दर्यीकरण किया गया। मुकुंदरा को टाइगर रिजर्व के रूप में विकसित किया । विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए चंबल रिवर फ्रंट और आॅक्सीजोन सिटी पार्क विकसित किए । इनको बने पूरा एक वर्ष हो गया किंतु विदेशी पर्यटकों की संख्या के ग्राफ को हम नहीं बढ़ा पाए। यहां पूरे एक साल में सिर्फ 400 विदेशी पर्यटक यहां आए हैं। जिनमें से 113 विदेशी पर्यटकों ने आॅक्सीजोन पार्क और 279 ने चंबल रिवर फ्रंट को देखा। कोटा में जब भी पर्यटकों की संभावना की बात होती है तो कहा जाता है एयरपोर्ट नहीं होना सबसे बड़ी कमी है। दूसरी तरफ देखें तो बूंदी में एयरपोर्ट नहीं होने के बावजूद भी विदेशी पर्यटक वहां खिंचे चले आते है। कोटा व बूंदी पर्यटन विभाग के अधिकारियों से मिले आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2019 से लेकर अगस्त 2024 तक कोटा में कुल 5970 विदेशी पर्यटक आए वहीं बूंदी में 33,851 विदेशी सैलानी आए।
विश्व पर्यटन दिवस के अवसर पर दैनिक नवज्योति ने पर्यटन विभाग के अधिकारी व शहर के लोगों से बात की कि क्या वजह है कि विदेशी सैलानी बूंदी तो काफी संख्या में आते है और कोटा वहां से नजदीक होने के बाद भी फॉरेन टूरिस्ट बहुत ही कम तादाद में आते हैं। उन लोगों का कहना था कि बूंदी प्राकृतिक, ऐतिहासिक धरोहर से समृद्ध शहर है। इस तरह की सांस्कृतिक व ऐतिहासिक विरासत कोटा में नहीं है। पर्यटन उद्योग राजस्व के मुख्य स्त्रोतों में से एक होता है। विदेशी पर्यटक जितने ज्यादा आएंगें वह डॉलर में मुद्रा का निवेश करेंगें उससे उस शहर व राज्य के रेवेन्यू में इजाफा होगा । साथ ही उस शहर की इमेज भी बनती है। वह शहर व देश पर्यटन के नक्शे पर दुनिया में उभर कर सामने आता है।
कोटा एवं बूंदी में आने वाले विदेशी पर्यटकों का आंकड़ा
(स्त्रोत- कोटा एवं बूंदी पर्यटन विभाग)
वर्ष कोटा बूंदी
2019 2867 14,660
2020 721 4183
2021 154 52
2022 651 2379
2023 705 7406
2024 872 5171
(अगस्त माह तक)
कुल 5970 33,851
बूंदी में भी कोरोना के बाद से विदेशी पर्यटक ज्यादा नहीं है। चंबल रिवर फं्रट विदेशी पर्यटकों के लिए नहीं बनाया यह टूरिज्म प्रमोशन के उद्देश्य के लिए बनाया और हमारा यह उद्देश्य सफल हो रहा है। प्रतिदिन डेढ़ से 2 हजार व्यक्ति इसे देख रहे हैं। कोटा का हाईली टूरिज्म है यहां हाइली पेड ट्यूरिस्ट आता है। बूंदी में 200-300 में कमरा मिल जाता है यहां पांच हजार से कम में अच्छा कमरा नहीं मिलता है। बूंदी में हर तरह का टूरिस्ट आता है। बूंदी में कोई ऐसा बूम नहीं आया हुआ है।
- संदीप श्रीवास्तव, सहायक निदेशक पर्यटन, कोटा
कोविड से पहले बूंदी में सालाना 15 हजार विदेशी पर्यटक आते थे। उसके बाद विदेशी पर्यटकों की संख्या में गिरावट आई । अब बूंदी का पर्यटन पटरी पर आ रहा है । कोटा को नए शहर की तरह डवलप किया है। जैसे रिवर फ्रंट भी बनाया वह नए स्टाइल में बनाया है। विदेशों में ऐसे कई बने हुए है। बूंदी में प्राचीन ऐतिहासिक स्मारक और स्थल है उस तरह के कोटा में नहीं हैं। यहां बावड़ियां और कुंड , झीलें, छतरियां है। विदेशी पर्यटक इन्हीं चीजों को देखने यहां आते हैं। पुरानी हेरीटेज, मॉन्यूमेंट्स कोटा में नहीं हैं। बूंदी की चित्रशैली विश्व विख्यात हैं। वॉल पेंटिंग्स और रॉक पेंटिंग्स देखने विदेशी टूरिस्ट आते हैं।
- प्रेम शंकर सैनी, सहायक पर्यटन अधिकारी, बूंदी जिला
चंबल रिवर फ्रंट देखने फॉरेन ट्रिस्ट क्यों नहीं आ रहे हालांकि वह बहुत सुंदर है। बूंदी में वहां के कल्चर और आर्ट से फॉरेनर्स आकर्षित है। वहां की मिनीएचर पेंटिंग्स दुनियाभर में प्रसिद्ध है। कोटा में बहुत स्कोप है । हम टूरिज्म को प्रमोट कर सकते है। हमारे यहां ऐसी कोई चीज़ नहीं जिसे देखकर बोले कि एक्सक्लूसिव है। कैथून का कोटा डोरिया को ग्रो करें। उसके साथ ही आर्ट और कल्चर को दिखाएं तो काफी विदेशी टूरिस्ट यहां भी आएंगें।
- आभा जैन, डायरेक्टर, लॉरेट पब्लिक स्कूल
बूंदी बहुत सालों से टूरिस्ट सर्किट में आया हुआ है। बूंदी के पुराने शहर का लुक टिपिकल ओल्ड शहरों की तरह है जिसे विदेशी देखना चाहते हैं। ये उन्हें बूंदी में मिलता है। बूंदी की छोटी-छोटी गलियों में बनी हवेलियां, होटल्स और रिसोटर््स में तब्दील हो गई है। उनमें प्राचीन व टिपिकल शैली देखने को मिलती है। वह विदेशियों को आकर्षित करती है। कोटा में बना सिटी पार्क मॉर्डन पार्क है टूरिस्ट को आकर्षित करने की चीज नहीं है। विदेशी टूरिस्ट के लिए कोटा में हेरीटेज होटल्स नहीं है। कोटा में हेरीटेज को डेवलप करना चाहिए।
- डॉ. जे.एस. सरोया, डायरेक्टर, सरोया आई हॉस्पिटल
कोटा में पर्यटन को बढ़ाने के लिए अंतरराष्टÑीय स्तर पर प्रमोशन जरूरी है। इसके लिए ब्रांड अंबेसडर ऐसा चेहरा हो जो इसे प्रमोट करे। प्राकृतिक सौन्दर्य बिखेरे चंबल गार्डन पर कोई फोकस नहीं है। उसको भी डेवलप किया जाना चाहिए। कोटा को लेकर दुष्प्रचार किया हुआ है कि कानून व्यवस्था अच्छी नहीं है। विदेशी पर्यटक ठहरने के लिए लक्जरी व्यवस्था चाहते है। यहां पांच व सात सितारा होटल की चेन नहीं है। एयरपोर्ट बहुत जरूरी है। मुकंदरा को भी राष्टÑीय व अंतरराष्टÑीय स्तर पर प्रमोट किया जाना चाहिए।
- डॉ. इकराम खान, डायरेक्टर, महात्मा गांधी आईटीआई कॉलेज एवं महात्मा गांधी हॉस्पिटल बोरखेड़ा
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