श्रीनाथजी मंदिर में आषाढ़ी तौल के परिणाम का ऐलान, फसल और धान्य उत्तम रहने की उम्मीद

पश्चिम की वायु होने के कारण अगले साल खंडवर्षा के आसार, सावन और भादो मास में बेहतर बारिश का अनुमान

श्रीनाथजी मंदिर में आषाढ़ी तौल के परिणाम का ऐलान, फसल और धान्य उत्तम रहने की उम्मीद

जिले के नाथद्वारा नगर स्थित पुष्टिमार्गीय संप्रदाय की प्रधान पीठ श्रीनाथजी मंदिर में आषाढ़ शुक्ल पूर्णिमा पर हर साल श्रीजी मंदिर के खर्च भंडार में आषाढ़ी तौल की परंपरा का निर्वहन किया जाता रहा है। करीब 300 साल से चली आ रही श्रीनाथजी मंदिर में आषाढ़ी तौल की परंपरा

राजसमंद। जिले के नाथद्वारा नगर स्थित पुष्टिमार्गीय संप्रदाय की प्रधान पीठ श्रीनाथजी मंदिर में आषाढ़ शुक्ल पूर्णिमा पर हर साल श्रीजी मंदिर के खर्च भंडार में आषाढ़ी तौल की परंपरा का निर्वहन किया जाता रहा है। हर साल की तरह इस भी बुधवार को पूर्णिमा के अवसर पर 27 तरह के धान की वस्तुओं को तोलकर मौसम से प्रभावित नहीं होने वाले स्थान पर तहखाने में परंपरा के अनुसार रखा गया।

बुधवार को तहखाने में सुरक्षित रखे गए 27 तरह के धान की वस्तुओं को आज गुरुवार अल सुबह श्रीनाथजी खर्च भंडार अधिकारी वपरेश नागर की मौजूदगी प्रभु श्रीनाथजी के सम्मुख पुनः तोलकर इस साल में फसल की पैदावार और व्यापार के लिए पूर्वानुमान लगाया गया। आषाढ़ी तौल के बाद आए परिणाम से अनुमान लगाया गया कि इस साल बारिश आषाढ़ में तीन आना, सावन मे चार आना, भादवे में पांच आना बताया गया है। खर्च भंडार के अधिकारी परेश नागर ने बताया कि अगली बार वायु पश्चिम दिशा की होने के कारण खंड वर्षा के आसार हैं, वही धान्य उत्तम रहने की उम्मीद है।

 धान तोल किया जाता मानसून का आंकलन इस परंपरा के तहत 27 प्रकार के जींस और चार मिट्टी के पिंड को बिना मौसम से प्रभावित होने वाले तहखाने नुमा कमरे में रखा जाता है। जिन्हें 12 घंटे से अधिक समय के बाद प्रभु श्रीनाथजी के सम्मुख फिर से तोला जाता है। इस तौल की प्रक्रिया में पुराने एक रुपए के सिक्के के बराबर चांदी के सिक्के से 27 प्रकार के अनाज को तोला जाता है जिन्हें कागज की पुड़की में बंद कर सूती कपड़े में लपेटकर रस्सी से बांधकर एक मटके में बंद कर दिया जाता है।

जिन्हें 4 मिट्टी के अलग-अलग पिंड पर रखा जाता है। करीब 12 घंटे के बाद आज गुरुवार सुबह प्रभु श्रीनाथजी के सम्मुख फिर से अनाज को तौला गया। इसी प्रकार विभिन्न जिंसों में हुई घटत-बढ़त को भी आंका गया। हरा मूंग, मोठ, नमक और चारा कम निकला। जबकि सफेद मक्का, पीली मक्का में बढ़ोतरी हुई। ज्वार, बाजरा समान, साल सफेद, साल लाल, तिल्ली सफेद, उड़द, ग्वार, गेहूं चना और सरसों जैसे प्रमुख अनाज में बढ़ोतरी दर्ज की गई। काली मिट्टी मनुष्य के भाव से आधा रत्ती, लाल मिट्टी पशु के भाव से पाव रत्ती, घास में आधा रत्ती घटत दर्ज की गई। इसके अनुसार धान्य को उत्तम, बारिश को सामान्य से अधिक, वायु को पश्चिम का बताया गया। इस साल मनुष्य, पशु और चारा घटने का अनुमान लगाया है।

 

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