मेनार वेटलैंड : स्टेकहोल्डर्स में एमओयू- विकास के लिए बनेगी कार्ययोजना, क्षेत्रीय सहयोग पर बल
राज्य-स्तरीय प्रगति पर ध्यान केंद्रित
कार्यक्रम का समापन मेनार वेटलैंड कॉम्प्लेक्स के संरक्षण के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर के साथ हुआ, जिससे क्षेत्रीय सहयोग को बल मिला।
उदयपुर। वेटलैंड (आर्द्रभूमि) के संरक्षण और विवेकपूर्ण उपयोग पर गुरुवार को क्षेत्रीय सहभागिता कार्यशाला हुई जिसमें वेटलैंड घोषित हुए मेनार को लेकर विशेष चर्चा हुई। इसमें केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के संयुक्त सचिव रजत अग्रवाल ने वस्तुस्थिति की जानकारी ली तो स्टेकहोल्डर्स यानी निगम, प्रदूषण विभाग, जिला प्रशासन, क्षेत्रीय सरपंच आदि के मध्य एमओयू भी हस्ताक्षर हुए। एमओयू के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि वेटलैंड मेनार के चरणबद्ध विकास के लिए व्यवस्थित कार्य योजना तैयार की जाएगी।
कार्यशाला में संयुक्त सचिव रजत अग्रवाल ने कहा कि हर तीन माह में इस संबंध में स्टेकहोर्ल्स की बैठक का आयोजन होगा। इस बैठक में कोई भी समस्या या त्रुटियां रहती है तो उस पर विचार-विमर्श कर तुरंत निस्तारण भी किया जाएगा। पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय और साझेदार संगठनों की ओर से आयोजित इस कार्यशाला में मध्य और पश्चिमी क्षेत्र के राज्य आर्द्रभूमि प्राधिकरण, विशेषज्ञ और सामुदायिक प्रतिनिधि एक साथ आए हैं। मुख्य सत्रों में आर्द्रभूमि शहर मान्यता, सहभागी संरक्षण रणनीतियों और एसएसी वेटलैंड्स एटलस 2021 के तहत राज्य-स्तरीय प्रगति पर ध्यान केंद्रित किया गया।
राज्यों ने रामसर पदनामों और आर्द्रभूमि स्वास्थ्य आकलन पर अपडेट साझा किए। कार्यक्रम का समापन मेनार वेटलैंड कॉम्प्लेक्स के संरक्षण के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर के साथ हुआ, जिससे क्षेत्रीय सहयोग को बल मिला।
वेटलैंड मित्र से सीधा संवाद
कार्यशाला के दौरान वेटलैंड मित्रों से सीधा संवाद का भी सत्र हुआ। इसमें वेटलैंड मित्रों ने मेनार सहित अन्य स्थानों पर आ रही समस्याओं के बारे में अवगत करवाया। इस पर अग्रवाल ने इस समस्याओं के निस्तारण से पहले मेनार तालाब का निरीक्षण करने की भी बात कही। ऐसे में तय किया गया है कि शुक्रवार को दल मेनार जाएगा तथ वहां हो रही स्थितियों की वस्तुस्थितियों की जानकारी लेगा। इस निरीक्षण कार्यक्रम के बाद अग्रवाल दिल्ली के लिए रवाना होंगे।

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