सिंधु जल संधि पर छलका पूर्व उच्चायुक्त का दर्द, अब्दुल बासित ने कहा- भारत ने पानी को हथियार बना लिया
जानबूझकर पानी छोड़ने का लगाया आरोप
पाकिस्तान बाढ़ से बेहाल है। मानसूनी बारिश के बाद नदियों का जलस्तर बढ़ने से लाखों लोग प्रभावित हैं, वहीं सैकड़ों लोगों की मौत हो चुकी है
इस्लामाबाद। पाकिस्तान बाढ़ से बेहाल है। मानसूनी बारिश के बाद नदियों का जलस्तर बढ़ने से लाखों लोग प्रभावित हैं, वहीं सैकड़ों लोगों की मौत हो चुकी है। इस बीच पाकिस्तान के पूर्व उच्चायुक्त अब्दुल बासित ने भारत पर बड़ा आरोप लगाया है। उन्होंने कहा है कि भारत ने सिंधु जल संधि को स्थगित करते पानी को हथियार बना लिया है। हालांकि, भारत ने पाकिस्तान जाने वाली नदियों में बाढ़ संबंधित जानकारी अपने उच्चायोग के जरिए पहले ही पाकिस्तान को पहुंचा दी थी। वहीं, पाकिस्तान का आरोप है कि इसे सिंधु जल संधि के जरिए नहीं भेजा गया और इसमें बहुत कम जानकारी थी, जिस कारण उसे बाढ़ की मात्रा और समय का अनुमान लगाने में काफी परेशानी हुई।
जानबूझकर पानी छोड़ने का लगाया आरोप
उन्होंने आरोप लगाया कि ऐसा प्रतीत होता है कि भारत ने जानबूझकर पानी जमा किया और पाकिस्तान को भारी नुकसान पहुंचाने के लिए उसे भारी मात्रा में छोड़ा। पानी के हथियारीकरण और आक्रामकता के एक उपकरण के रूप में इसके इस्तेमाल की निंदा की जानी चाहिए, हालांकि जलवायु परिवर्तन ने भी इसमें भूमिका निभाई है। अगर भारत ने इस संकट से निपटने के लिए सिंधु जल संधि के तहत पाकिस्तान के साथ सहयोग किया होता, तो तबाही के पैमाने को कम किया जा सकता था।
पाकिस्तान ने क्या कहा
पाकिस्तान का कहना है कि इस मानसून में भारत ने तवी और सतलुज नदियों के संबंध में बाढ़ की चेतावनी जारी की। लेकिन स्थायी सिंधु आयोग का इस्तेमाल करने के बजाय, ये सूचनाएं इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग के जरिए भेजी गईं। उसने आगे कहा कि ये चेतावनियां बहुत ही सीमित थीं, जिनमें अक्सर उच्च बाढ़ क्लासिफिकेशन के अलावा कुछ नहीं था, जिससे पाकिस्तानी अधिकारियों को बाढ़ की मात्रा और समय का अंदाजा लगाना पड़ा।
भारत पर लगाया आरोप
पाकिस्तान में बाढ़ से कई राज्य प्रभावित हैं। पंजाब के नारोवाल जिला में बाढ़ ने कहर बरपाया हुआ है। बाढ़ के कारण नारोवाल में बड़े पैमाने पर लोगों को घर-बार छोड़ना पड़ा है। फसलों को भी भारी नुकसान पहुंचा है। इस क्षेत्र से सांसद और पाकिस्तान के योजना मंत्री अहसान इकबाल ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने के बाद भारत पर इस आपदा को बढ़ाने का आरोप लगाया।
भारत ने राजनयिक चैनल से क्यों दी बाढ़ की जानकारी
भारत में पूर्व उच्चायुक्त अब्दुल बासित ने कहा कि राजनयिक माध्यमों से बाढ़ की सूचना देने के भारत के कदम के तीन संदेश थे। पहला- भारतीयों के लिए, इसने संकेत दिया कि भारत सिंधु जल संधि को निलंबित करने के मुद्दे पर कोई लचीलापन नहीं दिखाएगा। दूसरा- पाकिस्तान के लिए, इसने यह संदेश दिया कि सिंधु जल संधि को पुनर्जीवित करने के लिए उसका दबाव अप्रभावी होगा। तीसरा- दुनिया के लिए, इसने यह दर्शाया कि भारत ने मानवीय आधार पर कार्रवाई की है, जिसने मौजूदा तनावों के बावजूद एक मानवीय और विचारशील पक्ष का प्रदर्शन किया है।

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