अमेरिका में ट्रैफिक सिग्नल हुआ ब्लू : ट्रैफिक व्यवस्था में बदलाव लाल, पीली और हरी लाइट के साथ अब दिखेगी नीली लाइट
ब्लू लाइट का मकसद सिग्नल के विपरीत दिशा में खड़े पुलिस को यह बताना है कि सिग्नल अभी-अभी लाल हुआ है
अमेरिका के फ्लोरिडा में पारंपरिक लाल, पीली और हरी लाइट के साथ नई ब्लू लाइट लगाई जा रही है। यह ड्राइवरों के लिए नहीं, बल्कि पुलिस के लिए संकेत देगी कि सिग्नल कब लाल हुआ। ब्लू लाइट रेड-लाइट तोड़ने वालों को पकड़ने में मदद करेगी और दुर्घटनाओं में कमी लाने का प्रयास है।
नई दिल्ली। दुनिया तेजी से बदल रही है और इसी बदलती दुनिया के साथ अब ट्रैफिक सिग्नल लाइटों में भी बड़ा बदलाव दिखने लगा है। इसकी शुरूआत अमेरिका से हो चुकी है। अब तक सड़क पर लाल, पीली और हरी लाइट ही दिखाई देती थीं, लेकिन जल्द ही इन तीनों के साथ एक चौथी लाइट भी जुड़ने वाली है-ब्लू लाइट। यह नया बदलाव खासतौर पर उन ड्राइवरों के लिए चौंकाने वाला हो सकता है, जो इस तकनीक से अभी परिचित नहीं हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, फ्लोरिडा में ट्रैफिक सिग्नलों पर ब्लू बीकन या ब्लू इंडिकेटर लगाए जा रहे हैं। ये लाइटें पारंपरिक ट्रैफिक लाइट के ठीक ऊपर लगाई जाएंगी, लेकिन महत्वपूर्ण बात यह है कि ये सामने आने वाले ट्रैफिक को नहीं दिखेंगी। इसके बजाय, इन्हें उलटी दिशा की ओर लगाया जाएगा, ताकि सड़क पर मौजूद पुलिस अधिकारी दूर से ही समझ सकें कि सिग्नल कब लाल हुआ।
लाइट कैसे करेगी काम
कई ड्राइवर शुरूआत में यह मान बैठे कि ब्लू लाइटें ट्रैफिक कैमरा या किसी उन्नत सेंसर सिस्टम का हिस्सा होंगी, लेकिन हकीकत इससे बिल्कुल अलग है। ये लाइटें न तो कैमरा हैं और न ही किसी तरह की पहचान तकनीक का उपयोग करती हैं। ब्लू लाइट केवल कन्फर्मेशन सिग्नल की तरह काम करती हैं-यानी पुलिस को यह बताने के लिए कि सिग्नल अभी-अभी लाल हुआ है। इससे अधिकारियों को रेड-लाइट रनिंग पकड़ने में आसानी होती है। फ्लोरिडा में हर साल इंटरसेक्शन पर होने वाली दुर्घटनाएं बड़ी चिंता का विषय हैं। यहां प्रति वर्ष 800 से ज्यादा लोगों की मौत और 94,000 से अधिक लोग घायल होते हैं।
क्यों लगाई जा रही हैं ब्लू लाइट?
ब्लू लाइट का मकसद ड्राइवरों को संकेत देना नहीं, बल्कि पुलिस को यह बताना है कि सिग्नल अभी-अभी लाल हुआ है। जैसे ही रेड लाइट जलती है, ठीक उसी समय ब्लू लाइट भी चमकती है। इससे ट्रैफिक में पीछे कहीं खड़े पुलिस अधिकारी भी साफ देख पाते हैं कि कब लाल बत्ती जली और किस गाड़ी ने उसे तोड़ा। अब तक पुलिस को कई बार सामने खड़ी गाड़ियों की वजह से सिग्नल साफ दिखाई नहीं देता था। उन्हें गर्दन मोड़कर या कोण बदलकर रेड-लाइट रनिंग पकड़नी पड़ती थी, लेकिन ब्लू लाइट लगने के बाद पीछे से ही यह स्पष्ट दिखाई देगा कि सिग्नल रेड है या नहीं-और कौन-सा ड्राइवर नियम तोड़ रहा है। इस तरह, यह छोटा-सा बदलाव ट्रैफिक नियम लागू करने में बड़ी मदद साबित होने वाला है।

Comment List