पाकिस्तान में मलबे की जांच को पहुंचे चीनी एक्सपर्ट, ब्रह्मोस, स्कैल्प मिसाइलों के डीएनए जानने में जुटा चीन
ब्रह्मोस और स्कैल्प मिसाइलों की पाकिस्तान में जांच
भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान पर फ्रांसीसी स्कैल्प-ईजी इजरायली हारोप ड्रोन और स्वदेशी ब्रह्मोस मिसाइल से सटीक हमले किए थे
इस्लामाबाद। भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान पर फ्रांसीसी स्कैल्प-ईजी इजरायली हारोप ड्रोन और स्वदेशी ब्रह्मोस मिसाइल से सटीक हमले किए थे। पाकिस्तान के चीनी मूल के रडार सिस्टम ना तो इन मिसाइलों को ट्रैक कर सके और ना ही चीनी एयर डिफेंस सिस्टम इन मिसाइलों को इंटरसेप्ट कर पाए। ऐसे में चीन की दिलचस्पी इस मिसाइलों की टेक्नोलॉजी को जानने की है और इसके लिए उसकी नजर इन मिसाइलों के मलबे पर है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, चीन ने पाकिस्तान से इन मिसाइलों का मलबा मांगा है, ताकि वो इसकी जांच कर सके। इसके अलावा कुछ विदेशी एक्सपर्ट पाकिस्तान में इन मलबों की जांच भी कर रहे हैं।
रक्षा सूत्रों का कहना है कि भारतीय हवाई हमलों के बाद पाकिस्तानी क्षेत्र से बरामद इन मिसाइलों के मलबे, विरोधी देशों, खासकर चीन द्वारा तकनीकी खुफिया जानकारी जुटाने के लिए प्रमुख सामग्री बन गए हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, पाकिस्तान की सीमा में गिरे इन मलबों का बारीकी से अध्ययन किया जा रहा है और सबसे ज्यादा दिलचस्पी जाहिर तौर पर चीन की है, जो पाकिस्तान का मुख्य सैन्य साझेदार भी है। अमेरिकी और पश्चिमी विशेषज्ञों का कहना है कि इन टुकड़ों से न सिर्फ हथियारों की डिजाइन और परफॉर्मेंस का पता चलेगा, बल्कि इन्हें भविष्य की काउंटर-मेजर्स डेवेलपमेंट यानी मिसाइल-रोधी तकनीक विकसित करने में भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
ब्रह्मोस और स्कैल्प मिसाइलों की पाकिस्तान में जांच
भारतीय वायुसेना ने मई की शुरूआत में पाकिस्तान के अहम सैन्य ठिकानों को निशाना बनाने के लिए ब्रह्मोस और स्कैल्प-ईजी मिसाइलों का इस्तेमाल किया था। इनमें पाकिस्तान एयर फोर्स के शाहबाज एयर बेस पर जिस ब्रह्मोस ने हमला किया था, उसके मलबे की जांच हो रही है। दावा किया गया है कि ब्रह्मोस से मलबे में रूसी मूल के सीकर सिस्टम जैसी अहम टेक्नोलॉजी का कुछ पता चल सकता है। इसके अलावा पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक कुछ दिनों बाद बहावलपुर के पास एक मस्जिद के आसपास भी ब्रह्मोस के टुकड़े मिलने की बात सामने आई। हालांकि भारतीय एक्सपर्ट्स का मानना है कि ब्रह्मोस मिसाइल के मलबे की जांच में ऐसा कुछ हाथ नहीं लगने वाला है। ब्रह्मोस मिसाइल हमले में शाहबाज एयर बेस का इंफ्रास्ट्रक्चर ध्वस्त हो गया था। अमेरिका एक एनालिस्ट में डिफेंस सिक्योरिटी एशिया की एक रिपोर्ट में कहा है कि ब्रह्मोस या स्कैप्ल मिसाइलों का मलबा असल में जानकारी का खजाना हैं, क्योंकि इससे इन एडवांस सिस्टम के बारे में कई जानकारियों का पता चल सकता है। डिफेंस सिक्योरिटी एशिया ने कहा है कि जिस शाहबाज एयरबेस पर भारत ने ब्रह्मोस से हमला किया था वहां एफ-16 सी/डी ब्लॉक 52+ फाइटर जेट रखे गये थे। माना जा रहा है कि इस हमले में कुछ एफ-16 तबाह हो गये हैं।

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