पार्षदों को विकास के लिए मिलेगा 80 लाख का बजट

चर्चा के बाद डिसेंट नोट लगवाकर सरकार को भिजवा दिया

पार्षदों को विकास के लिए मिलेगा 80 लाख का बजट

नगर निगम ग्रेटर के अधिकारी व कर्मचारियों के विवाद थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। साधारण सभा की बैठक में ऐसे कर्मचारियों की कुर्सी हिलाने के लिए जनप्रतिनिधियों को एक प्रस्ताव लाना पड़ा है।

जयपुर। नगर निगम ग्रेटर के अधिकारी व कर्मचारियों के विवाद थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। साधारण सभा की बैठक में ऐसे कर्मचारियों की कुर्सी हिलाने के लिए जनप्रतिनिधियों को एक प्रस्ताव लाना पड़ा है। इस प्रस्ताव को पास करने के बजाए महापौर सौम्या गुर्जर ने चर्चा के बाद डिसेंट नोट लगवाकर सरकार को भिजवा दिया है। नगर निगम में हुई साधारण सभा में प्रशासनिक कार्य प्रणाली के सरलीकरण का प्रस्ताव रखा गया, लेकिन जब एजेंडे की मूल कॉपी आई, तो उसमें उन कर्मचारियों के ट्रांसफर थे, जो नगर निगम की किसी न किसी शाखा में दो साल या उससे ज्यादा समय से हैं। ऐसे कर्मचारियों को निगम की कार्य व्यवस्था को बेहतर बनाने का हवाला देते हुए हटाकर दूसरी जगह लगाने के लिए कहा गया है। पार्षदों को अपने वार्डों में विकास कार्यो पर फंड के लिए इधर-उधर भागना नहीं पड़े। इसलिए उन्हें 75 लाख रुपए विकास कार्य और पांच लाख रुपए मरम्मत के लिए दिए जाएंगे। यानी कुल 80 लाख रुपए का बजट मिलेगा।

कांग्रेस-भाजपा पार्षद आपस में उलझे
निगम ग्रेटर की साधारण सभा बैठक में शेष रहे प्रस्तावों के लिए इस सभा के प्रस्ताव संख्या 2 पर चर्चा के दौरान कांग्रेस और भाजपा के पार्षद आपस में उलझ गए। कांग्रेस पार्षद राजुला सिंह ने अपने वार्ड में अवैध निर्माण पर हो रही कार्रवाई रुकवाने का उपमहापौर पुनीत कर्णावट पर आरोप लगाया। कर्णावत ने पार्षद के पति वेदप्रकाश पर गरीबों के मकान तुड़वाने और थड़ी-ठेले वालों को परेशान कर उनसे चौथ वसूली करने का आरोप लगाया। कांग्रेस पार्षद दिव्या सिंह ने महापौर से कहा कि आप औरत है या नहीं, महिला का इतना अपमान हो रहा है और आप चुपचाप सुन रही हैं। इस पूरे हादसे में कांग्रेस और भाजपा के पार्षद हंगामा करते रहे। वार्ड में विकास कार्य पर कांग्रेस के ओमप्रकाश रणवा और भाजपा के रणवीर सिंह के बीच विवाद हुआ। इस कारण सदन को स्थगित करना पड़ा।

पॉलिसी बनी है प्रशासन उसकी पालना करे
प्रस्ताव पर उप महापौर पुनीत कर्णावट सहित अन्य पार्षदों ने सवाल उठाए और कहा कि यह कार्य व्यवस्था पहले से है। प्रशासनिक स्तर पर इसे किया जाना चाहिए। जब प्रस्ताव को मंजूरी का समय आया तब महापौर सौम्या गुर्जर ने इस प्रस्ताव को पास कराने के लिए वोटिंग की बजाए डिसेंट नोट लगवाते हुए सरकार को भिजवाने के निर्देश दिए।

महापौर बार-बार देती रही चेतावनी
बैठक में एजेंडे के अलावा एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाने पर हुए हंगामा हुआ। महापौर ने सभी पार्षदों को चेतावनी दी और कहा कि इस बैठक को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया जाएगा। पार्षदों द्वारा आरोप-प्रत्यारोप लगाने पर उन्हें भी सदन से बाहर कर दिया जाएगा।

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इन एजेंडों को रखा बैठक में
 निगम की प्रशासनिक कार्य प्रणाली के सरलीकरण के प्रस्ताव पर चर्चा होगी। प्रशासन शहरों के संग अभियान में अधिक से अधिक लोगों को फायदा पहुंचाया जाए। इसके लिए जनप्रतिनिधियों का सहयोग लिया जाए। वर्ष 2021-22 में वार्डों में कराए गए 55 लाख रुपए के विकास कार्यो की प्रगति पर चर्चा। शहर की रोड लाइट व्यवस्था को सुधारने और मानसून पूर्व शहर के नालों और सीवरेज की सफाई कराने पर चर्चा हुई।

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