अनुच्छेद 370 हटने के बाद कानून और व्यवस्था की स्थिति में एक भी नागरिक की मौत नहीं हुई : कश्मीर पुलिस
तीन साल पूर्व तक इन घटनाओं की संख्या 3686 थी
पुलिस ने पांच अगस्त- 2019 से तीन साल पहले और तीन साल बाद हुई हिंसा के तुलनात्मक आंकड़ों का विवरण देते हुए कहा कि अनुच्छेद 370 के निष्प्रभावी होने के तीन साल बाद कानून व्यवस्था की 438 घटनाएं हुई , जबकि इससे तीन साल पूर्व तक इन घटनाओं की संख्या 3686 थी।
श्रीनगर। जम्मू कश्मीर पुलिस ने शुक्रवार को कहा कि पांच अगस्त- 2019 को अनुच्छेद 370 के निष्प्रभावी होने के बाद राज्य में कानून-व्यवस्था की किसी स्थिति में एक भी नागरिक की जान नहीं गयी है। पुलिस ने पांच अगस्त- 2019 से तीन साल पहले और तीन साल बाद हुई हिंसा के तुलनात्मक आंकड़ों का विवरण देते हुए कहा कि अनुच्छेद 370 के निष्प्रभावी होने के तीन साल बाद कानून व्यवस्था की 438 घटनाएं हुई , जबकि इससे तीन साल पूर्व तक इन घटनाओं की संख्या 3686 थी।
पुलिस ने दावा किया कि जम्मू कश्मीर की स्वायत्तता खत्म होने के बाद पिछले तीन साल के दौरान कानून और व्यवस्था की स्थिति में किसी भी नागरिक की मौत नहीं हुई है , जबकि अनुच्छेद 370 की समाप्ति से तीन वर्ष पहले की अवधि में 124 नागरिक मारे गए थे।उन्होंने बताया कि इसी तरह कानून-व्यवस्था की घटनाओं में इस दौरान किसी पुलिसकर्मी की मौत नहीं हुई है। वहीं पांच अगस्त- 2019 से पहले छह पुलिसकर्मी शहीद हुए थे। इसी अवधि के तीन साल बाद 617 आतंकवादी घटनाएं हुई जबकि इससे पहले के तीन वर्षों में 930 घटनाएं दर्ज की गयी थी।अनुच्छेद 370 के निष्प्रभावी होने के तीन साल पूर्व तक 290 सुरक्षाकर्मी (पुलिसकर्मियों सहित) और 191 नागरिक मारे गये जबकि इसके बाद के तीन वर्षों में मारे गये सुरक्षा बलों की संख्या 174 और नागरिकों की संख्या 110 थी।
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