महामारी का मुकाबला करने के लिए वैश्विक स्तर पर अनुभवों और विचारों को साझा करके SOP बनाई जाए: स्पीकर बिरला
कोई भी राष्ट्र कितना भी संपन्न या शक्तिशाली हो, कोविड जैसी वैश्विक महामारी का मुकाबला अकेले नहीं कर सकता:लोक सभा अध्यक्ष
नई दिल्ली। लोक सभा अध्यक्ष, ओम बिरला ने शुक्रवार को विश्व कोविड एवं क्रिटिकल केयर सम्मेलन को ऑनलाइन माध्यम से सम्बोधित किया । इस सम्मेलन में ‘कोविड महामारी तथा इसमें क्रिटिकल केयर की भूमिका’ विषय पर चर्चा की गई। इस कार्यक्रम में पूरे विश्व से डॉक्टरों और वैज्ञानिकों ने हिस्सा लिया तथा कोरोना से संबंधित विषयों पर व्यापक चर्चा की।
इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए बिरला ने कहा कि यह क्षण भारत के लिए बहुत गौरवशाली है क्योंकि भारत ने दुनिया का सबसे बड़ा मुफ्त टीकाकरण अभियान चलाया और 100 करोड से अधिक वैक्सीन डोज़ लगाकर पूरे विश्व में अभूतपूर्व कीर्तिमान स्थापित किया है। उन्होंने आगे कहा कि पूरे विश्व में कोरोना के खिलाफ यह बहुत बड़ी उपलब्धि है कि वैक्सीन के माध्यम से देश की जनता को कोरोना के विरुद्ध कवच दिया गया है।
कोविड 19 की चुनौती के विषय में श्री बिरला ने कहा कि इस महामारी ने यह दिखाया है कि कोई भी राष्ट्र कितना भी संपन्न या शक्तिशाली क्यों न हो लेकिन ऐसी वैश्विक महामारी का मुकाबला अकेले नहीं किया जा सकता। उन्होंने यह भी कहा कि पूरा विश्व एक है और मानवता के लिए सभी को सामूहिक प्रयास करने की आवश्यकता है।
भारत के लोगों द्वारा कोरोना के विरुद्ध किए गए संघर्ष का उल्लेख करते हुए बिरला ने कहा कि कोरोना की पहली लहर में देश के पास न तो आवश्यक इंफ्रास्ट्रक्चर था, न दवाइयां थी, न पी पी ई किट थे, लेकिन उसके बाद भी देश ने इतने कम समय में सभी के प्रयासों से इन संसाधनों को जुटाया। उन्होंने आगे कहा कि भारत के डॉक्टर्स, पैरामेडिकल स्टाफ एवं फ्रंटलाइन वर्कर्स ने कोरोना के योद्धा के रूप में काम किया तथा संसाधन कम होने के बाद भी अपनी जान की बाजी लगाकर पहली वेव का मुकाबला किया।
कोरोना की दूसरी लहर के विषय में बिरला ने कहा कि दूसरी लहर भारत के लिए बहुत बड़ा आक्रमण था; बढ़ते मरीज, ऑक्सीजन की कमी; स्वास्थ्य ढांचे पर अत्यधिक दबाव आदि ने देश के मनोबल की परीक्षा ली । लेकिन उसके बाद भी दूसरी वेव का हमने डटकर मुकाबला किया। उन्होंने दूसरी लहर में बिछड़े लोगों को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि जिस प्रकार से कोरोना योद्धाओं ने सामर्थ्य के साथ काम किया और मानव सेवा की उत्कृष्ट संस्कृति का परिचय दिया, वह प्रशंसनीय है।
दूसरी लहर से मिली सीख के बारे में बात करते हुए बिरला ने कहा कि देश में वैक्सीनेशन के साथ-साथ ऑक्सीजन आपूर्ति पर भी पूरा जोर दिया गया है। देश की सरकार और राज्य सरकारों ने मिलकर प्रयास किया है कि चिकित्सा इंफ्रास्ट्रक्चर को सदृढ़ किया जाए। बिरला ने ज़ोर देकर कहा कि वैश्विक स्तर पर सभी को अपने अनुभवों और विचारों को साझा करने की आवश्यकता है, ताकि हम SoP बना सकें और भविष्य में आने वाली किसी भी महामारी का मुकाबला कर सकें । उन्होंने आगे कहा कि इसके लिए ग्लोबल सप्लाई चैन और नेशनल सप्लाई चैन दोनों को मजबूत करने की आवश्यकता है तथा नई टेक्नोलॉजी और क्रिटिकल केयर इंफ्रास्ट्रक्चर के जरिए महामारी का मुकाबला किया जा सकता है।
बिरला ने आगे कहा कि विश्व के साथ भारत इन प्रयासों में, विशेष रूप से कोरोना रिसर्च, कैपेसिटी बिल्डिंग और सिस्टम डेवलपमेंट की अग्रिम पंक्ति पर खड़ा है। उन्होंने यह भी कहा कि आत्मनिर्भर भारत के अंतर्गत देश ने उत्पादन बढ़ाने, एक लाख से अधिक फ्रंटलाइन वर्कर्स को तैयार करने और ग्रामीण इलाकों में चिकित्सा इंफ्रास्ट्रक्चर बढ़ाने का कार्य किया है।
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