दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड से सम्मानित की जाएगी आशा पारेख

आसमान आशा की पहली फिल्म थी

दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड से सम्मानित की जाएगी आशा पारेख

बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट करियर की शुरुआत करने वाली आश ने की कई सुपर हिट फिल्में। उनमें प्यार किसी से होता है' (1961), 'फिर वही दिल लाया हूं' (1963), 'तीसरी मंजिल' (1966), 'बहारों के सपने' (1967), 'प्यार का मौसम' (1969) और 'कारवां' (1971), शामिल है।

मुंबई। एक्ट्रेस आश पारेख को दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड से सम्मानित किया जाएगा। दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड इंडियन फिल्म इंडस्ट्री का सर्वोच्च अवॉर्ड है। यह अवॉर्ड कलाकारों को फिल्म इंडस्ट्री में दिए गए योगदान के लिए दिया जाता है। 2 अक्टूबर 1942 को जन्मी आशा एक गुजराती परिवार से है। 79 वर्षीय अदाकारा ने अपने करियर की शुरुआत 10 साल की उम्र में की थी। 1952 में आई फिल्म आसमान उनकी पहली फिल्म थी। इसमें उन्होंने बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट काम किया था। लेकिन बिमल रॉय की फिल्म 'बाप बेटी' (1954) की असफलता के बाद उन्होंने काम छोड़ दिया।

16 साल की उम्र में की वापसी
वापसी के बाद आशा ने 'दिल देके देखो' (1959) में शम्मी कपूर के साथ काम किया। यह फिल्म सुपरहिट रही। इसके बाद उन्होंने एक के बाद एक कई फिल्में की जो कि सुपर हिट रही। उनमें प्यार किसी से होता है (1961), फिर वही दिल लाया हूं (1963), तीसरी मंजिल (1966), बहारों के सपने (1967), प्यार का मौसम (1969) और कारवां (1971) शामिल है।

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